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सहारा ग्रुप के संस्थापक सुब्रत रॉय और ओबेरॉय होटल चैन के मानद चेयरमैन PRS ओबेरॉय का निधन

दो बड़े उद्योगपतियों का निधन 

 

15 नवंबर 2023। सहारा इंडिया के संस्थापक सुब्रत रॉय का 75 साल की उम्र में मंगलवार देर रात मुंबई के कोकिला बेन हॉस्पिटल में हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका अंतिम संस्कार लखनऊ में बुधवार को किया जाएगा। सुब्रत रॉय सहारा इंडिया परिवार के संस्थापक, प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष थे। वे 'सहाराश्री' के नाम से भी जाने जाते थे।

1978 में सहारा इंडिया की स्थापना की थी। बिहार के अररिया जिले के रहने वाले रॉय ने कोलकाता में शुरुआती पढ़ाई करने के बाद उन्होंने गोरखपुर में इंजीनियरिंग की। यहीं 1978 में सहारा समूह की शुरुआत हुई। उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर स्कूटर पर बिस्कुट और नमकीन बेचने का काम शुरू किया। एक कमरे में दो कुर्सी और एक स्कूटर के साथ शुरू हुआ उनका कारोबारी सफर दो लाख करोड़ रु. के साम्राज्य तक पहुंचा।

सहारा ग्रुप ने चिटफंड और पैरा बैंकिंग के सहारे मध्य और निम्नवर्ग का भरोसा जीता। सहारा ग्रुप का विस्तार रियल एस्टेट, फाइनेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, मीडिया, एंटरटेनमेंट, हेल्थ केयर, हॉस्पिटैलिटी, रिटेल, आईटी, एविएशन सेक्टर तक में हुआ। एक समय ऐसा भी था, जब सहारा परिवार में 11 लाख कर्मचारी थे। हालांकि, 2009 से सहारा ग्रुप धीरे-धीरे कमजोर साथ होता गया । बाद में सरकार ने इस पर रोक लगा दी। इससे निवेशकों के पैसे फंस गए।

नहीं रहे लग्जरी होटल्स को नया अर्थ देने वाले, ओबेरॉय होटल चैन के मानद चेयरमैन PRS ओबेरॉय

भारत के आतिथ्य-सत्कार उद्योग में बड़ा योगदान देने वाले ओबेरॉय ग्रुप ऑफ होटल्स के मानद चेयरमैन पृथ्वी राज सिंह (PRS) ओबेरॉय का 94 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। उनके निधन की जानकारी ओबेरॉय ग्रुप की ओर से दी गई है। 'बिकी (BIKI)' उपनाम से चर्चित ओबेरॉय ने ईआईएच लिमिटेड (मुख्य कंपनी) को 32 होटलों की बड़ी चेन बनाकर हॉस्पिटैलिटी एम्पायर में बदल दिया। इस समूह को गोल्ड स्टैंडर्ड के रूप में जाना जाता है।

5 मई 2008 को राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने पृथ्वी राज सिंह ओबेरॉय को पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित

पृथ्वी राज सिंह ने 2002 में अपने पिता के निधन के बाद ओबेरॉय ग्रुप की कंपनी EIH लिमिटेड के चेयरमैन का पद संभाला था। वह 2013 तक EIH लिमिटेड के CEO रहे हैं। मई 2022 में ओबेरॉय ने EIH के चेयरमैन और डायरेक्टर के रूप में अपना पद छोड़ा था। 2008 में उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

इंटरनेशनल लग्जरी ट्रैवल मार्केट ने असाधारण नेतृत्व, दूरदृष्टि और विकास में योगदान के लिए 2012 में उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा। ओबेरॉय ने 1967 में नई दिल्ली में ओबेरॉय सेंटर ऑफ लर्निंग एंड डेवलपमेंट की शुरुआत की थी।

पीआरएस के मुताबिक 5 चीजें अहम

3,825 करोड़ की नेटवर्थ रखने वाले पीआरएस ने एक इंटरव्यू में 5 बातों को अहम बताया था।

 कॉस्ट नहीं, वेस्ट कम करें: हम सभी किसी तरह फिजूलखर्ची कर रहे हैं। कॉस्ट घटाते हैं, तो ग्राहक परेशान होंगे। इसलिए वैस्ट घटाएं।
 आत्ममुग्ध न होंः खुद को सर्वश्रेष्ठ न मानें। शीर्ष पर हैं तो ज्यादा सतर्क रहना होगा।
 टाइम मैनेज करें: हर दिन जिंदगी घट रही है। जो करना है वह नहीं कर रहे तो हर दिन हारते हैं।
 रोज सीखें: रोज नया नहीं सीख रहे , तो आप अपना काम सही तरह से नहीं कर रहे।
 डिटेल्स पर ध्यानः हर चीज की बारीकी पर फोकस रखें, अन्यथा अनुभव बुरे होंगे।

जानिए उनका व्यक्तिव और कृतित्व...

ओबेरॉय ग्रुप ऑफ होटल की शुरुआत रायबहादुर मोहनसिंह ओबेरॉय ने की थी। पाक के पंजाब से आकर उन्होंने शिमला के होटल सेसिल (अब ओबेरॉय सेसिल) में रिसेप्शनिस्ट का काम किया। पत्नी के जेवर व संपत्ति गिरवी रखकर 1934 में क्लार्क्स होटल खरीदा। 4 साल बाद कोलकाता में ग्रैंड होटल की शुरुआत की।

इस दौरान मोहन सिंह के बेटे बिकी होटल इंडस्ट्री को समझने के लिए फ्रांस और स्विट्जरलैंड के होटलों में काम कर रहे थे। 1965 में बिकी ने बड़े भाई तिलकराज सिंह के साथ 1965 में दिल्ली में औद्योगिक स्तर के होटल की शुरुआत की। 5 रेस्त्रां और 320 कमरे वाला यह देश का पहला स्विमिंग पूल वाला आधुनिक होटल था। 

अगला माइलस्टोन 1973 में मुंबई में होटल था, जो अब ट्राइडेंट के नाम से जाना जाता है। चेन्नई में 1988 में उन्होंने ट्राइडेंट लॉन्च किया। 1998 में जयपुर में ओबेरॉय राजविलास के साथ आतिथ्य को ग्लोबल लग्जरी मैप पर रखा। पिता से 9 होटल विरासत में लेने के बाद उन्होंने 32 होटल्स की चेन खड़ी की। समूह के पास अब तीन ब्रांड्स में ओबेरॉय होटल्स एंड रिजॉर्ट्स, ट्राइडेंट होटल्स व मेडेन होटल के तहत देश के 24 शहरों और 7 देशों में होटल, क्रूज व रिजॉर्ट हैं। समूह का रेवेन्यू 2,097 करोड़ रुपए है।

कई देशों में किया होटल प्रबंधन का नेतृत्व

होटलों के आधुनिकीकरण के बावजूद पी.आर.एस. ओबेरॉय भारतीय संस्कृति पर जोर देते थे। वह ‘नमस्कार’ को भारत की पहचान मानते थे। उनके ग्रुप के होटलों में मेहमानों का स्वागत नमस्कार से किया जाता है। उन्हें कई शहरों में लग्जरी होटल खोलकर भारतीय होटल उद्योग को पर्यटन के अंतरराष्ट्रीय नक्शे पर लाने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने कई देशों में होटल प्रबंधन का नेतृत्व भी किया।