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केंद्रीय बजट पर उदयपुर वासियो की मिलीजुली प्रतिक्रिया

सरकार द्वारा पेश किये गये सेंट्रल बजट से व्यापारी नाखुश - फोर्टी

 
बजट वेतनभोगियों एव आम जन के लिए निराशाजनक रहा क्योंकि उसे स्टैंडर्ड डिडक्शन एव आयकर में छूट की सीमा बढ़ने की उमीद थी साथ ही 80 सी की सीमा भी 1.50 लाख से बढ़ने की उम्मीद थी जिसे न बढ़ाकर वित्तमंत्री ने सभी को निराश कर दिया। -  सीए देवेंद्र कुमार सोमानी चेयरमैन, सीआईआरसी ऑफ आईसीएआई

उदयपुर 1 फरवरी 2021।  फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एण्ड इंडस्ट्री शाखाओं के को-चैयरमेन, उदयपुर के युवा उद्यमी प्रवीण सुथार ने बताया सरकार द्वारा जो सेंट्रल बजट 2021 पारित किया गया है, कोविड महामारी का प्रभाव सम्पूर्ण देश पर पड़ा है इसको देखते हुए व्यापारियों को सरकार से कुछ विशेष राहत की उम्मीदे थी परन्तु व्यापारियों की उम्मीद पर सरकार का यह बजट खरा नही उतर पाया है ।

सुथार ने बताया सरकार द्वारा कुछ चीजो में रियायत दी गई है जिसमे ग्रामीण उद्योग के लिये जो बदलाव कियें है वो काफी सराहनीय कदम है | स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट अतिरिक्त एक साल बढ़ी, स्टार्टअप्स के लिए टैक्स हॉलिडे का दावा करने के लिए 31 मार्च 2022 तक तक का वक्त देना व  कस्टम ड्यूटी के मामले  में 400 पुरानी छूटों का रिव्यू किया जाएगा। 1 अक्टूबर से नए कस्टम ड्यूटी स्ट्रक्चर को लागू किए जाने की कोशिश करना महत्वपूर्ण है। 

वर्तमान में महंगाई निरंतर बढ़ रही है परन्तु सरकार ने लोहा इस्पात व् कॉपर पर ड्यूटी कम की जिससे निश्चित रूप से उद्योगों को राहत मिलेगी साथ ही 2 हिस्सों में इकोनॉमिक कोरीडोर जोन बनाने व व्हीकल स्क्रेप पालिसी की घोषणा भी सरकार का स्वागत योग्य कदम है। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी बूस्ट मिलेगा। 

फोर्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया केंद्र सरकार ने जो यह बजट पेश किया है बजट स्वास्थ्य,  इंफ्रास्ट्रक्चर व कृषि को लेकर ही पेश किया है इसमें MSME व एंटरटेनमेंट, रियल स्टेट व टूरिज्म पर बहुत ध्यान देना आवश्यक था परन्तु इस ओर बिलकुल भी ध्यान नही दिया गया है, साथ हीं इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नही किया गया है (80जी व 80डी में भी छूट नही दी गई)  इससे व्यापारियों को भी निराशा हाथ लगी है।

कांग्रेस नेताओं ने खोखला और गुमराह करने वाला बताया

लोकसभा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश वर्ष 2021-22 के बजट को उदयपुर के कांग्रेस नेताओं ने खोखला और गुमराह करने वाला बताया है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास ने कहा कि 70 साल में अर्जित सरकारी सम्पत्तियों को भाजपा के मित्रों को बेचने का ऐलान हर भारतीय को गहरा जख्म देने वाला है। उन्होंने कहा कि आम आदमी को सहूलियत पहुंचाने जैसा बजट में कुछ भी नहीं है।

निवर्तमान शहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष गोपालकृष्ण शर्मा ने कहा कि बजट प्रस्ताव पूंजीपतियों को और अधिक पूंजी जमा करने का अवसर देता है जबकि गरीब और मध्यम आय वर्ग के जीवन को अधिक संकट में डालने वाला है। निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस सचिव पंकज कुमार शर्मा का मानना है कि बजट ‘सेल इण्डिया’ थीम पर है। रेल, हवाई अड्डों, बन्दरगाह, बीमा सबको धनाढ्य वर्ग के हाथों सौंपने और उससे होने वाली क्षतिपूर्ति गरीबों की जेब से करने का प्रयास देश की जनता से बड़ा धोखा है। साथ ही उन राज्यों को प्रभावित करने का प्रयास किया गया है, जहां जल्दी ही चुनाव होने वाले हैं।

बजट संतुलित एवं विकास उन्मुख: कोमल कोठारी (यूसीसीआई)

केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमति निर्मला सीतारामन द्वारा प्रस्तुत बजट को उदयपुर चेम्बर ऑफ़ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने संतुलित बताया है। अध्यक्ष कोमल कोठारी ने बताया कि सरकार ने बजट राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु पूंजीगत व्यय के लिए बडी बजट राशि निर्धारित की है। इस प्रकार सरकार ने इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के माध्यम से औद्योगिक एवं आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रोजगार सृजन पर जोर दिया है। निजीकरण की प्रस्तावित योजनाओं के क्रियान्वित होने से उद्योग और व्यवसाय को बढावा मिलेगा और एफडीआई में भी भारी वृद्धि होने की सम्भावना है।

यूसीसीआई की फायनेनन्स एण्ड टैक्सेशन सब कमेटी के चेयरमैन सीए डाॅ. सतीशचन्द्र जैन ने बताया कि सरकार कई अप्रत्यक्ष करों पर पुनर्विचार करेगी तथा टैक्स का दायरा बढाते हुए टैक्स कर दर में कमी करने से ईमानदार करदाता पर टैक्स का बोझ कम होगा। कर प्रणाली को पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की सरकार की मंशा डिजीटाईजेशन एवं फेसलेस ऐसेसमेन्ट आदि से ज्ञात होती है।

एसीएलटी को भी ई-कोर्ट के माध्यम से संचालित करने से कम्पनी सम्बन्धी विवादों के निपटारे को गति मिलेगी एवं पेपरवर्क से छुटकारा मिलेगा।
अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से पटरी पर लौटा रहे उद्योग जगत को इस बजट से कारोबार चलाना सुगम होगा और वह समाज के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित कर सकेगा। बजट में चुनिंदा लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ सौगात जरूर है। कुल मिलाकर यह बजट उद्यमियों एवं व्यवसायियों के लिए लाभप्रद सिद्ध होगा।

किन्तु सरकार ने प्रत्यक्ष कर में कोई बदलाव नहीं किया है एवं व्यक्तिगत करदाताओं के लिए बजट में कोई राहत नहीं प्रदान की है जिससे वेतनभोगी करदाताओं को निराशा हुई है जो कोरोनाकाल के बाद सरकार से कुछ राहत पाने की आशा कर रहा था।

हर वर्ग को राहत देने वाला बजट - प्रो. सारंगदेवोत

बजट पर अपनी प्रतिक्रया व्यक्त करते हुए जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि कोविड 19 के दौरान भी  हर वर्ग को राहत देने वाला बजट बताया और कहा कि हर व्यक्ति तक शिक्षा की अलख पहुंचे इसको ध्यान में रखते हुए वित मंत्री द्वारा लद्धाक में केन्द्रीय विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा, आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में 450 एकलव्य विश्वविद्यालय खोलने की घोषणा अच्छा कदम है। इसके साथ ही आयकर छूट सीमा 2.5 लाख से बढाकर 05 लाख, 05 साल में एक लाख गांवो को डिजिटल से जोडना, रक्षा बजट में बढोतरी करना, किसानो की आय दुगुनी करना, शिक्षा, रेल, स्वास्थ की सेवाओं में बढोतरी करना, किसी प्रकार का कोई नया टेक्स नही लगाना आदि जैसे कदम देश को आगे बढाने वाले सिद्ध होगे।

बाजार ने सिक्योरिटी ट्रांसक्शन टैक्स में कोई फेरबदल ने करने से राहत की  सास ली एव आज इसका प्रभाव बाजार में भारी तेजी के रूप में देखने को मिला। बाजार को अंदेशा था कि माननीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जी इस बार के टैक्स प्रावधानों में टैक्स में बढ़ोतरी कर सकती है। कोरोना सेस एव सेक्युरिटी ट्रांसक्शन टैक्स लगाने के डर से बाजार पिछले 6 ट्रेडिंग सेशन से गिरावट दिख रहा था जिसे आज के बजट ने खुश कर दिया। 
परंतु आज का बजट वेतनभोगियों एव आम जन के लिए निराशाजनक रहा क्योंकि उसे स्टैंडर्ड डिडक्शन एव आयकर में छूट की सीमा बढ़ने की उमीद थी साथ ही 80 सी की सीमा भी 1.50 लाख से बढ़ने की उम्मीद थी जिसे न बढ़ाकर वित्तमंत्री ने सभी को निराश कर दिया। -  सीए देवेंद्र कुमार सोमानी चेयरमैन, सीआईआरसी ऑफ आईसीएआई