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केंद्रीय बजट 2025-इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव

कृषि, MSME, निवेश और निर्यात पर ज़ोर दिया गया
 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को लोकसभा में अगले वित्तीय वर्ष के लिए आम बजट पेश किया। बजट में न केवल वेतन भोगी के लिए छूट दी गई, बल्कि बजट में कृषि, MSME, निवेश और निर्यात पर ज़ोर दिया गया है।  

MSME को गारंटी के साथ दिए जाने वाले ऋण को 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ किया गया है।  500 करोड़ से 3 AI (आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस) सेंटर बनाये जायेंगे। चिकित्सा शिक्षा में अगले 5 साल में 75 हज़ार सीट बढ़ेंगी। 23 IIT में 6500 सीट बढ़ेगी।  पटना IIT में हॉस्टल सुविधा बधाई जाएगी।  मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ल्ड को बढ़ावा देंगे। 36 जीवन रक्षक दवाइयां पूरी तरह से टैक्स फ्री, 6 जीवन रक्षक दवाओं पर 5% कस्टम ड्यूटी घटाई। 

50 पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा। क्षेत्रीय कनेक्टिविटी 88 एयरपोर्ट जोड़े गए है।  120 नए गंतव्यों तक कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी। 

बजट की घोषणा के बाद इनकम टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव हुए हैं। इन बदलावों के तहत टैक्स स्लैब इस प्रकार हैं:

  • 0-4 लाख तक की आय : 0 टैक्स
  • 4-8 लाख तक की आय : 5% टैक्स
  • 8-12 लाख तक की आय: 10% टैक्स
  • 12-16 लाख तक की आय : 15% टैक्स
  • 16-20 लाख तक की आय: 20 % टैक्स
  • 20-24 लाख तक की आय : 25 % टैक्स
  • 24 लाख से ऊपर : 30 % टैक्स

अगर आपकी सालाना कमाई 12.75 लाख रुपये है तो 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा। बाकी 12 लाख रुपये पर 60 हजार रुपये का इनकम टैक्स बनेगा। पहले यह 80 हजार रुपये होता था। इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत 60 हजार रुपये तक की छूट मिलती है। ऐसे में 12 लाख कमाई वाले शख्स का जो 60 हजार रुपये का इनकम टैक्स बनेगा, उसमें 87A के तहत पूरी छूट मिल जाएगी। ऐसे में उसे कुछ भी टैक्स नहीं देना होगा।

इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में सालाना 12.75 लाख रुपये तक की छूट उन्हीं लोगों को मिलेगी, जिनकी आय सिर्फ सैलरी से होगी। अगर वे शेयर मार्केट या किसी और माध्यम से कमाई करते हैं तो उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में उन्हें इनकम टैक्स देना होगा। बता दें कि नई व्यवस्था में 80C, 80D आदि का भी लाभ नहीं मिलता है। वहीं कमाई 12.75 लाख रुपये से एक रुपया भी ज्यादा होती है, तो स्लैब के अनुसार इनकम टैक्स चुकाना होगा।

इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत 18 लाख रुपये तक की सालाना इनकम वाले टैक्सपेयर्स को 70 हजार रुपये की बचत होगी। वहीं 25 लाख रुपये तक की इनकम वालों को 1.1 लाख रुपये तक का लाभ मिलेगा। हालांकि उच्च आय वर्ग के लिए 24 लाख रुपये से अधिक की इनकम पर अधिकतम 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा।