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क्रिसमस के पर्व पर सजे उदयपुर के गिरजाघर

सम्पूर्ण ईसाई समाज इसे प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाते है।

 
उदयपुर शहर के फ़ातिमा रानी महागिरजाघर समेत शहर के सभी चर्च में इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ  मनाया जा रहा है।

उदयपुर।  प्रति वर्ष क्रिसमस का पर्व 24 दिसम्बर की रात्रि की बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। परंतु कोविड19 की वजह से इस बार बड़ी सादगी से  मनाया जा रहा है। राजस्थान में  धारा144 होने के साथ ही उदयपुर शहर में रात्रिकालीन कर्फ्यू होने के कारण, चर्च की सभी कार्यक्रम 25 दिसम्बर को ही आयोजित किये जा रहे हैं। पर्व मनाते समय, सरकार द्वारा जारी गाडलाईन का पूरी तरह से पालना की जा रही है।

इस बार चार पारियों में चर्च में मिस्सा बलिदान आयोजित किया जा रहा है। एक पारी में 100 से अधिक सदस्यों की संख्या वर्जित रहेगी। प्रवेश सिर्फ चर्च के सदस्यों के लिए ही रहेगा। प्रवेशद्वार पर सभी को थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। सैनिटाइजर की भी व्यवस्था रहेगी। सभी के लिए फेस मास्क अनिवार्य है। चर्च में बैठते वक्त सोशिअल डिस्टेनसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा।

प्रभु यीशु के जन्म के उत्सव में चर्च में अलग अलग पारियों में मुख्य याजक के रूप में बिशप देवप्रसाद, फ़ा जॉर्ज सी एम, फ़ा मारकुस तथा फ़ा अरविन्द रहेंगे।इस दौरान अलग अलग मिस्साओं (पूजा बलिदान) के समय  प्रवचक अपने उद्धबोधन में प्रभु येशु के जन्म का संदेश श्रद्धालुओं को देंगे। साथ ही सम्पूर्ण कलीसिया, भारतवर्ष, मानवजाति के लिए प्रार्थना भी की जाएगी।

ऑवर लेडी ऑफ फ़ातिमा कैथेड्रल, उदयपुर के फादर अरविन्द ने बताया की इस कोरोना काल में सभी पीड़ित, दुःखियों, हताश, लोंगो का भी  प्रार्थना में स्मरण किया जायेगा। साथ ही चहुँ और शांति और अमन की प्रार्थना भी की जायेगी। एवं कैरोल्स-खुशी के गीत आदि का गायन किया जाएगा। इस अवसर पर क्रिसमस ट्री,  स्टार, चर्च की सजावट तथा चरनी (क्रिब) प्रभु येशु के जन्म की झाँकियाँ का  मुख्य आकर्षण रहेगा।