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इस साल भी फीका रहेगा उदयपुर का दशहरा 

पिछले साल की तरह इस साल भी गांधी ग्राउंड में रावणदहन नहीं होगा

 
सनातन धर्म सेवा समिति की ओर से सांकेतिक रूप से 9 फ़ीट का पुतला जलाकर परंपरा का होगा निर्वहन

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस साल भी उदयपुर का दशहरा फीका नज़र आएगा। पिछले साल की तरह इस साल भी गांधी ग्राउंड में रावण दहन नहीं होगा। उदयपुर में कई सालों से दशानन रावण के साथ कुम्भकरण और मेघनाद के 65-60 फ़ीट के पुतले जलाए जाते है। और गांधी ग्राउण्ड में आतिशबाजी के साथ रावण का दहन किया जाता है। 

दशहरे के दिन रावणदहन से पूर्व शक्तिनगर सनातन मंदिर से गांधी ग्राउंड तक विशाल शोभायात्रा का भी आयोजन किया जाता है लेकिन वो भी स्थगित कर दिया गया है। वहीं जिला प्रशासन की ओर से मंजूरी नहीं दिए जाने से सनातन धर्म सेवा समिति की ओर से सांकेतिक रूप से 9 फ़ीट का पुतला जलाकर परंपरा का निर्वहन होगा। क्योंकि कई वर्षों से उदयपुर में इस परंपरा का निर्वहन समिति करती आई है। 

सनातन धर्म सेवा समिति के हेमंत गखरेजा ने बताया कि दशहरा उत्सव के रावण बनाने के लिए बंसीलाल मीणा व अविनाश कारीगर बनाने में लगे हुये। सेवा समिति के सचिव नरेंद्र कथूरिया ने बताया कि इस बार दशहरा उत्सव प्रशासन की गाइडलाइन अनुसार केवल रावण ही बनाया जाएगा जिसकी लंबाई करीब 15 फीट ही रखी जाएगी इसे सनातन धर्म मंदिर के परिसर में सांकेतिक रूप से मनाया जाएगा।  तैयारी मे अध्यक्ष नानकराम कस्तूरी, जितेन्द्र तलरेजा, विजय आहुजा, कमल सोनु तलरेजा, अशोक भाई, मनोज कटारिया आदि तैयारी मे लगे हुये है।