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गुरूनानक देव जी का गुरु पर्व बडी सादगी व श्रद्धा के साथ मनाया

गुरु नानकदेव जी की जयंती के अवसर पर हुआ 63 युनिट रक्तदान 

 
गुरुद्वारों के बाहर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई तथा गुरुद्वारों के अंदर भी फूलो से सजावट की गई

उदयपुर 30 नवंबर 2020। सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरुनानक देव जी की जयंती पर आज गुरु पर्व (प्रकाश पर्व) पूरे देश में मनाया गया।  उदयपुर में गुरूद्वारा सच खण्ड संस्थान ने आज सोमवार को गुरूनानक देव जी का गुरू पर्व बडी सादगी व श्रद्धा के साथ सरकार की गाईड लाईन के अनुसार ही मनाया गय। 

गुरुद्वारा सचखंड संस्थान के अध्यक्ष धर्मवीर सिंह सलूजा ने बताया कि सर्वप्रथम नीत नेम का पाठ सुबह 6 बजे से 7 -15 तक हुआ।  इसके बाद  पहला दिवान - 7-45 से 9-30 तक दुसरा दिवान - सुबह 10 बजे से 1-30 बजे तक चला जिसमें पहले बच्चों ने शब्द कीर्तन किया। ज्ञानी अजीत सिंह जी ने गुरुनानक देव जी के जीवन पर प्रकाश डाला। उसके बाद उदयपुर के रागी जत्था महेंद्र सिंह जी शब्द कीर्तन किया। इसके बाद ज्ञानी अजीत सिंह जी ने अरदास करके समाप्ति की। 

63 यूनिट रक्तदान 

 

गुरुद्वारा सचखंड संस्थान के प्रवक्ता रक्तवीर रविंद्र पाल सिंह कप्पू ने बताया की गुरु नानकदेव जी की जयंती के अवसर पर सिख कॉलोनी स्थित गुरुद्वारा में रक्तदान शिविर आयोजित किया गया जिसमे बड़ी संख्या में महिलाओ ने भी भाग लेते हुए 63 यूनिट रक्त एकत्र किया गया। रक्तदान शिविर सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक चला। रक्तदान में इस्तेमाल होने वाले सभी प्रकार की साम्रगी को सेनेटाइजर करने के बाद में उपयोग किया गया। जिसकी सेवा इन्द्रजीत सिंह गोल्डी द्वारा की गई।  

गुरुद्वारा सचखंड संस्थान के प्रवक्ता रक्तवीर रविंद्र पाल सिंह कप्पू ने बताया की लंगर की सेवा नवनीत सिंह गुड्डू भाई की तरफ से था। कोरोना काल में सामूहिक लंगर का आयोजन तो नहीं हुआ लेकिन यंग सिक्ख सेवा दल के संयुक्त सचिव जयदीप सिंह सलुजा के नेतृत्व में लंगर को सभी श्रद्दालुओ के घरों में पहुँचाया गया। 

इस अवसर पर सिख कॉलोनी, शास्त्री सर्कल, सेक्टर 11 एवं सेक्टर 14 स्थित गुरुद्वारों के बाहर आकर्षक विद्युत सज्जा की गई तथा गुरुद्वारों के अंदर भी फूलो से सजावट की गई। वहीँ शाम का दीवान 6 बजे से 7-45 तक  चला जिसमें रागी महेंद्र सिंह जी के रागी जत्थे ने शब्द कीर्तन करके संगत को निहाल किया। इसके बाद सम्पूर्ण संसार को करोना माहामारी से बचाने की अरदास कर सम्पूर्ण समापति की गई। गुरूद्वारे में मास्क लगाना टेम्परेचर चेक सोशल डिस्टेंस सोनेटाईजर करके ही प्रवेश दिया गया। गुरूद्वारे में ज्यादा संगत न हो इसके लिए मेन रोड के दरवाजे से एंट्री करके माथा टेक कर पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया।