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भारतीय नववर्ष के मंगलाचार में उमड़ा सैलाब 

अश्व सवार युवतियां और झांकियां रहीं आकर्षण 

 

उदयपुर 10 अप्रैल 2024 । सूर्य संवेदना पुष्पे, दीप्ति कारुण्यगंधने। लब्ध्वा शुभं नववर्षे

ऽस्मिन कुर्यात्सर्वस्य मंगलम्॥ अर्थात् जिस तरह सूर्य प्रकाश देता है, संवेदना करुणा को जन्म देती है, पुष्प सदैव महकता रहता है, उसी तरह आने वाला हमारा यह नूतन वर्ष आपके लिए हर दिन, हर पल के लिए मंगलमय हो। इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ सिर पर मंगल कलश धारण करके मंगल गीत गाती हुईं मातृशक्ति शहर के मुख्य बाजारों से गुजरीं, अवसर था चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत 2081 अर्थात् भारतीय नववर्ष का। भारतीय प्राचीन अचूक अकाट्य कालगणना के आधार पर सम्पूर्ण सनातन संस्कृति में यह नववर्ष परम्परा के रूप में शामिल है जिसकी साक्षी घर-घर में बनाई जाने वाली गुड़ की लपसी और मंदिर स्थानकों शक्तिपीठों में होने वाली घट स्थापना है। 

इसी नववर्ष को जन-जन का उत्सव बनाने का संकल्प लेकर बढ़ी भारतीय नववर्ष समाजोत्सव समिति उदयपुर के तत्वाधान में मंगलवार को उदयपुर में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में शामिल आबाल-वृद्ध का उत्साह झलका। पारम्परिक लहरिया पहनकर मंगल कलश लेकर चलीं विशाल मातृशक्ति और अश्व सवार होकर शौर्य का प्रदर्शन करतीं युवतियों को देख अभिभूत शहरवासियों ने यही कहा, मेवाड़ वीरांगनाओं की धरा है। 

कलश यात्रा दोपहर 3 बजे बाद फतह स्कूल से रवाना हुई जो सूरजपोल पहुंच कर ठीक इसी समय नगर निगम प्रांगण से रवाना हुई मुख्य शोभायात्रा में समाहित हो गई। शोभायात्रा में मोटरसाइकिल सवार युवा, डीजे, डांडिया नृत्य करते दल उत्साह से चले। शोभायात्रा में 11 बग्घियों में संतवृंद बिराजमान रहे। उनके साथ धर्म ग्रंथ की झांकी, यज्ञ हवन करते हुए झांकी सहित विभिन्न समाज-संगठनों, स्कूलों की झांकियां रहीं। एक झांकी में मेवाड़ का पारंपरिक गवरी नृत्य करते जनजाति बंधुओं का दल आकर्षण का केन्द्र रहा। बीच-बीच में डीजे साउंड पर युवा नाचते चले। 

शोभायात्रा नगर निगम प्रांगण से सूरजपोल, बापू बाजार, देहलीगेट, अश्विनी बाजार, हाथीपोल, चेतक सर्कल होते हुए महाराणा भूपाल स्टेडियम पहुंची। जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत हुआ। शोभायात्रा के अंत में एम्बुलेंस की व्यवस्था रही। कुल 2000 कार्यकर्ता सुरक्षा व्यवस्था में रहे जिसमें बहनें भी शामिल थीं। 

खूब लहराया भगवा 

शोभायात्रा में युवा ‘कृणवंतो विश्वमार्यम’, ‘कंधों से ऊंची छाती नहीं होती, धर्म से बड़ी कोई जाति नहीं होती’ जैसे संदेश लिखी तख्तियां लेकर चल रहे थे। युवा जय श्रीराम अंकित भगवा पताकाएं देशभक्ति से ओत-प्रोत गीतों पर लहराते चल रहे थे। 

मार्ग में जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था 

मौसम को देखते हुए शोभायात्रा मार्ग में जगह-जगह पेयजल की व्यवस्था रखी गई। खास बात यह रही कि पेयजल की व्यवस्था उन अन्य मार्गों पर भी थी जहां से शोभायात्रा में शामिल होने के लिए समाजजन आ रहे थे। 

हाथोंहाथ सफाई

पेयजल या अन्य किसी अल्पाहार की व्यवस्था करने वाले संगठनों, समितियों ने स्वच्छता का भी पूरा ध्यान रखा। सामग्री वितरण करने वाले कार्यकर्ताओं ने बाद में तुरंत बिखरे हुए कचरे को एकत्र का उचित स्थान पर रखा।