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पेपर के लेनदेन में भूपेन्द्र ने लिया 20 लाख का कमीशन, 1 करोड़ में ख़रीदा था पेपर

मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण को उसकी रिमांड अवधि समाप्त होने पर भेजा जेल

 

आरपीएससी की ओर से गत वर्ष दिसंबर में सम्पन्न वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में सामान्य ज्ञान के पेपर लीक मामले में नित-नए खुलासे हो रहे हैं। रिमांड पर चल रहे इनामी आरोपी भूपेंद्र सारण को जालोर जिले के सांचौर लेकर गई पुलिस को इस मामले से जुड़े कई दस्तावेज हाथ लगे हैं। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी भूपेंद्र ने शेरसिंह मीणा से इस पेपर 40 लाख में नहीं, बल्कि एक करोड़ रुपए में खरीदा था, जबकि बेंगलूरू से गिरफ्तार किए जाने के बाद भूपेन्द्र ने पुलिस को बताया था कि उसने यह पेपर 40 लाख रुपए में खरीदा था। आरोपी भूपेंद्र को पुलिस शुक्रवार को रिमांड अवधि समाप्त होने पर कोर्ट में पेश करेगी।  

सांचोर में की गई जांच में सामने आया कि भूपेंद्र ने सरकारी स्कूल के शिक्षक अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा से संपर्क कर उसे अपनी योजना से अवगत करवाया। इसके बाद शेरसिंह ने पेपर उपलब्ध करवाने के बदले एक करोड़ की मांग की। भूपेंद्र ने उससे पेपर खरीद लिया और 20 लाख रुपए का कमीशन कमाकर इसे सुरेश ढाका को बेच दिया। ढाका ने गैंग में शामिल अन्य साथियों की मदद से इस पेपर के प्रिंट निकलवाए और अभ्यर्थियों तक पहुंचाने का काम किया। ढाका ने अपने साले सुरेश विश्नोई को यह पेपर उपलब्ध करवाए। इसके बाद उसने प्रत्येक अभ्यर्थी को इसे पांच से आठ लाख रुपए में बेचा था।

फागी स्कूल में साथ रहे जगदीश और शेरसिंह

जांच में सामने आया कि कुछ वर्ष पूर्व जगदीश विश्नोई व शेरसिंह पेपर लीक मामलों में एक साथ काम करते थे। दोनों अच्छे दोस्त हैं और जयपुर के फागी स्थित सरकारी स्कूल में लंबे समय तक एक साथ पदस्थ रहे थे। बाद में जगदीश ने इस काम से तौबा कर ली। भूपेंद्र अपने कामों को लेकर जगदीश से मिलने आता था, जहां उसका संपर्क शेरसिंह से हुआ। मुलाकात का सिलसिला दिनोदिन बढ़ता गया। इस दौरान भूपेंद्र को यह पता चला कि शेरसिंह उसे प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर उपलब्ध करवा सकता है तो उसने शेरसिंह से घनिष्ठता बढ़ाई और उसे अपनी योजना से अवगत करवाया।  

ढाका ने कोचिंग सेंटर खोल उठाया फायदा

पुलिस की जांच में सामने आया कि भूपेंद्र ने कोचिंग सेंटर संचालक सुरेश ढाका से संपर्क किया और उसे आरपीएससी का पेपर कुछ दिन पहले मुहैया करवाने की योजना बनाई। दोनों के बीच सौदा तय हुआ और भूपेंद्र ने 20 लाख रुपए का कमीशन पहले ही रखने की बात कही, जिस पर सुरेश ने हामी भरी थी। ढाका पहले ही प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में बिठाने के मामलों में सामने आ चुका था। उसने जयपुर में कोचिंग सेंटर खोलकर ऐसे अभ्यर्थियों को चुना, जो पढ़ाई में काफी कमजोर थे। इसके लिए उसने अपनी गैंग के सदस्यों को सक्रिय किया और अभ्यर्थियों से राशि लेकर पूरा फायदा उठाया।

मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण को उसकी रिमांड अवधि समाप्त होने पर भेजा जेल 

सीनियर टीचर भरती परीक्षा पेपर लीक मामले के इनामी आरोपी और मामले के मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण को उसकी रिमांड अवधि समाप्त होने पर आज शुक्रवार को कोर्ट में पैश किया गया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। सारण को पुलिस द्वारा 14 मार्च को जेल से प्रोडक्शन वारंट पर सवीना थाना पुलिस द्वारा पेपर लीक मामले को लेकर पूछ ताछ के लिए गिरफ्तार किया गया था। पूछताछ के बाद शुक्रवार को दुपहर एक बार फिर पुलिसर द्वारा कोर्ट में पेश  किया गया था। 

सारण इस पूरे मामले का मास्टर माइंड हैं जिसे पुलिस द्वारा बेंगलुरु एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर उदयपुर लाया गया था और उदयपुर लाया गया था। उदयपुर के बेकरिया थाने में दर्ज मामले में आज चलाने भी पैश कर दिया गया। गौरतलब हैं कि जहां सारण को आज जेल भेजा गया तो वहीं मामले का एक और मास्टर माइंड सुरेश ढाका और शेर सिंह उर्फ़ अनिल मीणा अभी भी फरार चल रहे हैं और पुलिस द्वारा उन पर इनाम भी घोषित किया गया हैं। पूर्व में ढाका कि अंतरिम ज़मानत याचिका भी कोर्ट द्वारा ख़ारिज कर दी गई थी।