प्रतापगढ़ में 40 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स पकड़ी गई
फार्म हाउस में फैक्ट्री का भंडाफोड़
प्रतापगढ़ 17 दिसंबर 2024। ज़िले में एक बड़ी ड्रग्स की छापेमारी की गई, जिसमें करीब 40 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी (मेथामफेटामाइन) ड्रग्स जब्त की गई। यह कार्रवाई जयपुर से आई एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने की, जिसने एक फार्म हाउस में छापेमारी कर ड्रग्स बनाने की एक फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। इस दौरान भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए।
AGTF के एडीजी दिनेश एमएन ने बताया कि एजेंसी को सूचना मिली थी कि प्रतापगढ़ के गांवों में बड़े पैमाने पर एमडी ड्रग्स बनाई जा रही है। यह ड्रग्स राजस्थान, हरियाणा और पंजाब में सप्लाई की जा रही थी और मुख्य रूप से अरनोद देवल्दी गांव में इसका कारोबार चल रहा था।
छापेमारी के दौरान फार्म हाउस से ड्रग्स बनाने का सामान, मशीनें और एमडी युक्त केमिकल बरामद किए गए। इसके साथ ही करीब 12 किलो एमडी ड्रग्स और अन्य एनडीपीएस से संबंधित सामग्री भी मिली, जिनकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपये आंकी गई है। एक अन्य फार्म हाउस से एक अवैध पिस्टल, मैग्जीन और तीन जिंदा कारतूस भी मिले।
दिनेश एमएन ने बताया कि हाल ही में गुजरात एटीएस ने भोपाल, मध्यप्रदेश में 1800 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स पकड़ी थी। जांच में पता चला कि इसका कनेक्शन देवल्दी गांव से है और मुख्य आरोपी भी वहीँ के निवासी हैं। इस पर हेड कॉन्स्टेबल महावीर सिंह और कॉन्स्टेबल नरेंद्र पाटीदार को प्रतापगढ़ भेजा गया, जिन्होंने करीब दो महीने तक इस संबंध में जानकारी जुटाई।
सोमवार को टीम को सूचना मिली कि याकूब गुल, जमशेद गुल और शाहील निवासी देवल्दी, लंबे समय से एक फार्म हाउस पर अवैध मादक पदार्थों का व्यापार कर रहे हैं। इनके खिलाफ पहले से एनडीपीएस एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं। टीम ने थानाधिकारी अरनोद को सूचना देकर मौके पर दबिश दी, लेकिन जैसे ही पुलिस को खबर लगी, बदमाश फरार हो गए। तलाशी के दौरान टीम ने ड्रग्स बनाने का सामान, एमडी ड्रग्स, पिस्टल, कारतूस, बाइक और अन्य सामग्री बरामद की। फरार बदमाश भोपाल में पकड़ी गई एमडी ड्रग्स के मुख्य सरगना शोएब के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं।
इसके बाद टीम को सूचना मिली कि 25 हजार रुपये के इनामी आरोपी शाहरुख उर्फ टोनी देवल्दी गांव के चमन खान के फार्म हाउस पर छिपा हो सकता है। टीम ने उस फार्म हाउस पर दबिश दी, जहां एक बिना नंबर वाली बाइक खड़ी थी। पिस्टल और कारतूस भी मिले। सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के दौरान गोलियों की आवाज सुनी गई थी, हालांकि थानाधिकारी हजारीलाल और प्रतापगढ़ थानाधिकारी दीपक बंजारा ने गोलीबारी की घटना से इनकार किया है।