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CRIME UPDATE | 48 घंटों में खुलासा: पहले महुआ  की शराब पीते और बाद में योजना बद्ध तरीके से करते चोरी, 5 गिरफ्तार

हथियार में कुल्हाड़ी और बन्दुक रखते थे ताकि रास्ते में आने वालो को मौत के घाट उतार सके 

 
इस हत्या में शामिल आरोपी पर तहसील के थाना में मामल दर्ज है जिसमे मिठीया पर 7, कालिया पर 5, सायबा पर 4,  सताराम पर 2 और  भगाराम पर 2 मामले दर्ज है; इनमे अवैध हथियार रखने का मामला भी दर्ज है।

उदयपुर में  26 नवम्बर को हुई कोटड़ा तहसील के मांडवा में बकरी चोरी लूट वारदात में अपराधियों द्वारा की गई फ़ायरिंग में मंजू गरासिया की हत्या हो गयी थी।  इस हत्या में लिप्त आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस ने 48 घंटे में आरोपियों को ढूंढ निकाला। आरोपियों को तोरणा और ओगणा के जंगलो में दबिश दे कर गिरफ्तार किया गया।  

मामले की विस्तृत जानकारी :

दरअसल ज़िले के कोटड़ा तहसील के मांडवा थाना क्षेत्र में जंगल में बकरे चराने गई युवती पर बकरे चोरी करने आए 4 -5 नकाबपोश चोरों ने बंदूक से फायर कर मौत के घाट उतार दिया। वहीं दूसरी साथी महिला ने भागकर अपनी जान बचायी।

मांडवा थानाधिकारी उत्तम सिंह ने दर्ज रिपोर्ट के आधार पर बताया कि शुक्रवार शाम 4 बजे के लगभग मांडवा थाना क्षेत्र के हर गाँव निवासी मृतका मंजू पत्नी काला गरासिया, उम्र 20 वर्ष की जंगल में बकरे चोरी करने आये अज्ञात नकाबपोश चोरों ने फायरिंग कर मंजू की हत्या कर दी। बकरे चराने साथ गई ननद चोपली ने भाग कर अपनी जान बचाई और पुलिस थाना मांडवा में अज्ञात नकाबपोश चोरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवायी।  हर गाँव निवासी मंजू गरासिया और उसकी ननद हर के जंगल में बकरे बकरियां चरा रही थी। उस दौरान करीब पांच लुटेरे बकरों को घेर कर चुराकर भाग रहे थे। मंजू ने देखा तो "चोर चोर"  का शोर मचाया। इस पर बदमाशों ने मंजू पर फायर कर दिया। गोली मंजू के शरीर के कई हिस्सों पर लगी। जिससे मंजू की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद मंजू की ननद डरी-सहमी शोर मचाती हुई गांव तक पहुंची। घटना की जानकारी घरवालों को दी। इस पर गांव के लोग मौके पर पहुचे, मगर तब तक लुटेरे भाग चुके थे। मंजु की मौत हो चुकी थी और उसके छाती और पेट में बंदूक के छर्रे लगने से खून निकल हुआ था। 

आरोपियों की तलाश में पुलिस की कार्यवाही

हत्या के मामले के आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए मामले की छानबीन करना शुरू की जिसमे कार्यवाही करते हुए 48 घंटों में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।  इस कार्यवाही में पुलिस ने पहले अलग अलग गठित टीम बना कर ओंगणा थाना के 10 वर्षो के पशु चोरी करने वाले चालानशुदा अपराधियों की धड़पकड़ की गई।  सुलवा पंचायत के आस पास के गाँव जुड़ा, जुनापादर, पुनावली, तोरणा, नायर, भीयटा, कुंडला, तोरणा घाट के उस पार थाना ओगणा के कुछ गाँवों में संदिग्ध गतिविधयों वाले लोगो से पूछताछ की गई।  इस पूछताछ के दौरान तकनीकी सहयोग और मुखबिरों की सुचना के आधार पर सुचना मिली की मीठीया पुत्र भामा निवासी जुनापादर, सायबा पुत्र रेवा निवासी जुनापादर ने हत्या का जुर्म कबुला और इस जुर्म में अन्य साथी कालिया पुत्र उदा निवासी जुनापादर, सताराम उर्फ़ सतीया पुत्र निवासी जुनापादर रोजखूणा, मांडवा, नोकीया पुत्र भेरा  निवासी पुनावली, भगाराम पुत्र भीखा जी निवासी जुनापादर रोजखूणा मांडवा उदयपुर, अजिया उर्फ़ अजा  रणसा निवासी जुनापादर का  को गिरफ्तार किया गया।  

पशु चोरी करने से पहले पीते थे महुवे की शराब और फिर करते चोरी की वारदात

पुलिस ने बताया की चोरी करने से पहले ये शातिर चोर योजना बना कर पहाड़ी क्षेत्र में चोरी करने लिए रेकी करते थे फिर साथ हथियार रख रेकी की गई जगहों पर निकल जाते थे। इस हत्या की छानबीन में ये सामने आया इन अपराधियों ने अभी अन्य साथियो के साथ मिलकर यह तय किया था की कुल्हाड़ी और बंदूक साथ लेकर पशु चोरी करने निकलेंगे और "अगर इस बीच कोई सामने आया तो उसे वही मार देंगे ताकि कोई हम तक नहीं पहुँच पाए न किसी  को  हमारे बारे में जानकारी मिले।  और सभी साथियो आपस में कसम खाई  थी की इस समूह की जानकारी कोई किसी को नहीं देगा"।  इसी बीच जब सभी आरोपी चोरी के लिए निकले तब मंजू को बकरिया के रेवड के साथ देखा और पशु चोरी करने के लिए उसके सामने आ गए और जब मंजू ने इस बात का विरोध किया तो उसे गोलियों से दाग दिया और मौत के घाट उतार दिया।  

इस हत्या में शामिल आरोपी पर तहसील के थाना में मामल दर्ज है जिसमे मिठीया पर  7  प्रकरण, कालिया पर 5, सायबा पर 4,  सताराम पर 2,  भगाराम पर 2 मामले दर्ज है इनमे अवैध हथियार रखने का मामला दर्ज है।