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उदयपुर में निजी क्लिनिक पर इंजेक्शन के बाद 6 साल की बच्ची की मौत

परिजनों ने किया हंगामा

 

उदयपुर, 22 जुलाई 2025 - मावली उपखंड के बोयणा ग्राम पंचायत स्थित एक निजी क्लिनिक पर इलाज के लिए आई 6 साल की बच्ची की मौत के बाद इलाके में हड़कंप मच गया।

बच्ची को बुखार की शिकायत पर होम्योपैथिक डॉक्टर के पास लाया गया था, जहां इंजेक्शन लगाने के आधे घंटे बाद ही उसकी तबीयत बिगड़ गई और मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, मृतक बच्ची चंचल गमेती को बुखार था। उसके पिता रमेश गमेती उसे नागदा स्थित एक निजी क्लिनिक पर डॉक्टर राजेंद्र नागदा को दिखाने ले गए। डॉक्टर ने उसे दवा दी और एक इंजेक्शन लगाकर भेज दिया।

लेकिन लौटते वक्त बच्ची अचानक बेहोश होकर गिर गई। बच्ची के पिता तुरंत उसे दोबारा क्लिनिक लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टर ने बताया कि बच्ची की सांसें बंद हो चुकी हैं और उसने इलाज करने से मना कर दिया। इस पर परिजन भड़क गए और क्लिनिक पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

बड़ी संख्या में ग्रामीण और मृतका के परिजन मौके पर जमा हो गए। उन्होंने क्लिनिक में तोड़फोड़ की और बच्ची का शव लेकर धरने पर बैठ गए।

घटना की सूचना मिलते ही मावली एसडीएम रमेश सिरवी, तहसीलदार कैलाश विश्नोई, थानाधिकारी अशोक कुमार विश्नोई, चिकित्सा प्रभारी हितेश प्रतापसिंह, भाजपा नेता कुलपति सिंह चुंडावत और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे।

करीब दो घंटे तक चले विरोध के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच 13.21 लाख रुपये मुआवजे और डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आश्वासन पर सहमति बनी।

नांदवेल सरपंच पिंटू डांगी ने बताया कि समझौते के बाद परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए राजी हुए। इसके बाद बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया। घटना के बाद से इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने मांग की है कि बिना योग्य डिग्री के इलाज कर रहे डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

थानाधिकारी मावली अशोक कुमार विश्नोई ने बताया की इस मामले को लेकर फिहाल हालत काबू में है , मृतक बच्ची का पोस्टमॉर्टेम करवा कर शव उसके घर वालों को सौंप दिया गया। मृतका के परिजनों की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की तफ्तीश की जा रही है। परिजनों का आरोप है की डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही की जिसके चलते इलाज के दौरान बच्ची की मोत हो गई।