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पैसिफिक यूनिवर्सिटी में CGST टीम का छापा

हेल्थकेयर सर्विस के नाम पर टैक्स में छूट का उठाया गलत फायदा 

 

47.07 लाख रूपये की कर चोरी सामने आई

सेंट्रल जीएसटी की टीम ने पैसिफिक यूनिवर्सिटी को 47.07 लाख रुपए टैक्स का भुगतान नहीं करने का दोषी माना है। सीजीएसटी विभाग उदयपुर की एंटी इवेजन शाखा ने पिछले दिनों कर चोरी को लेकर इंदिरा आईवीएफ एवं एआरटी सेंटर्स पर कार्रवाई की थी। इसी के तहत पैसिफिक युनिवर्सिटी में भी छापा मारकर जांच की गई। इसमें सामने आया कि यूनिवर्सिटी ने 2.61 करोड़ रुपए की टैक्सेबेल वैल्यू पर नियमानुसार देय 47.07 लाख रुपए टैक्स का भुगतान नहीं किया है।

सीजीएसटी की टीम ने बताया कि टीम ने जब सर्च की कार्रवाई की तो सामने आया कि इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए जो सेवाएं दी जा रही हैं। उन्हें गलत क्लासिफाई कर हैल्थकेयर सर्विसेज की श्रेणी में दर्शा कर छूट का गलत फायदा उठाया जा रहा है। साथ ही उस पर जीएसटी भुगतान भी नहीं किया गया है। जीएसटी विभाग ने पाया कि यह बड़ी कर चोरी है और यह हैल्थकेयर सर्विसेज की श्रेणी में नहीं आती है।

सीजीएसटी की विभागीय कार्रवाई में यह भी सामने आया कि पैसिफिक यूनिवर्सिटी में तिरुपति बालाजी एजुकेशन ट्रस्ट के अंतर्गत शिक्षा और चिकित्सा सेवा दे रही है। ऐसे में ट्रस्ट का 2018 से 2021 के बीच वैधानिक खर्च 1.68 करोड़ रुपए का है। इसमें रिवर्स चार्ज मैकेनिज़्म के तहत जीएसटी का भुगतान नहीं किया गया था। विभाग की सूचना पर ट्रस्ट ने 30.38 लाख रुपए के जीएसटी का भुगतान किया। ऐसे में विभाग ने ब्याज और पैनल्टी सहित 44.44 लाख रुपए की रिकवरी की।

सीजीएसटी विभाग ने यह भी बताया कि कथित यूनिवर्सिटी ने एक फार्मेसी फर्म को लीज पर जगह दी है। ऐसे में यूनिवर्सिटी लीज की एवज में दवाईयों और सर्जिकल आइटम पर छूट हासिल कर कंसीडरेशन ले रही है। ऐसे में उस कंसीडरेशन पर कितना जीएसटी दिया जाना है। इसकी जांच भी चल रही है।