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न्यायिक अभिरक्षा में बीमार हुए विचाराधीन कैदी की मौत, परिजनों का मोर्चरी बाहर धरना

परिजनों ने पुलिस द्वारा मृतक के साथ मारपीट करने से उसकी मौत होने का आरोप लगाया

 

उदयपुर पुलिस गुरुवार को एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई जब न्यायिक अभिरक्षा में बीमार हुए विचाराधीन कैदी की मौत के बाद उसके परिजनों ने पुलिस पर उस की मौत का आरोप लगाते हुए मोर्चरी के बाहर धरना दे दिया। उन्होंने पुलिस द्वारा मृतक के साथ मारपीट करने से उसकी मौत होने का आरोप लगाया और सम्बंधित अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही और सरकार द्वारा मृतक के परिजनों के लिए सहायता राशि की मांग की।

मृतक राशमी चितोड़गढ़ निवासी रतनलाल नाथ को जेल में स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे बड़ी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था जहां दौराने इलाज बुधवार को उसकी मौत हो गई।

तीन बच्चों के पिता रतनलाल के परिजनों ने कुराबड़ थाना पुलिस पर थाने में उसके साथ बर्बरता के साथ पिटाई करने का आरोप लगाते हुए कुराबड़ थाना पुलिस अधिकारियो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही कि मांग करते हुए मृतक के शव का पोस्टमार्टम नही करने और उसका अंतिम संस्कार भी नहीं करने की बात कहीं हैं।

घटना कि गंभीरता को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारी भी मौक़े पर पहुंचे और मोर्चरी के बाहर पुलिस का जाप्ता भी तैनात कर लोगों को समझाइश का दौर शुरू कर दिया गया।

इस अवसर पर घूमन्तु विमुख जाती परिषद के प्रदेश अध्यक्ष रतन कालबेलिया ने बताया कि मृतक रतन नाथ कालबेलिया को नवरात्री के दौरान कुराबड़ पुलिस ने गिरफ्तार किया था, उसके बाद से ही पुलिस उसे जगह जगह ले कर घूमती रही थी, थाने में जब भी परिजन मिलने कि कोशिश की तो मिलने नही दिया गया, ना मृतक कि पत्नी को मिलने दिया ना ही उनके बच्चों को उनसे मिलने दिया गया।

रतन नाथ ने कहा कि मृतक रतन के साथ पुलिस ने इस बुरी कदर के साथ मारपीट की के उसे खून कि उल्टियां होने लगी थी। रतन ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि जब कुराबड थाने के अधिकायों को उसकी हालात बिगड़ती हुई लगी तो उसे न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया, जिसके दौरान 7 अक्टूबर को उसकी तबियत ख़राब हुई जिसके बाद उसे बड़ी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था।

रतन ने कहा को जब तक पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही नही कि जाती और जब तक मृतक के परिजनो ले लिए मुआवजा नही दिया जाता तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नही करवाया जाएगा।