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सुन्दरवास डकैती मामला:आरोपियों की तलाश लगातार जारी

आरोपियों के संदिग्ध कार में बैठकर भागने की बात की भी नहीं की पुष्टि

 

विभिन्न राज्यों में पुलिस टीमें कर रही है आरोपियों की तलाश

उदयपुर 31 अगस्त 2022 । दो दिन पूर्व उदयपुर के सुन्दरवास में हुई संभाग की अब तक की सबसे बड़ी मानी जा रही डकैती की घटना को लेकर पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश में लगी हुई है। अब तक पुलिस की टीमों ने सेकड़ो टोल नाको पर आने जाने वाली गाड़ियों और वहां लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल डाले लेकिन पुलिस को अब तक कोई बड़ी सफलता नहीं मिल पाई है। 

पुलिस के आला-अधिकारीयों के अनुसार 50 से ज्यादा टीमें बनाई गई है जो न सिर्फ उदयपुर और उसके आस पास के इलाकों बल्कि बिहार, यूपी और अन्य राज्यों में भी जाकर आरोपियों की हुलिये के आधार पर उनकी पहचान करने के प्रयास कर रही है। तो वहीँ पूर्व में सक्रीय रहे गिरोह को भी चिन्हित करने के प्रयास भी जारी है। 

इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स से ये भी सामने आया था की इस डकैती की वारदात को अंजाम देने वाली बिहार की तथाकथित ‘सुधीर गैंग’ हो सकती है, साथ ही में ये बात भी सामने आई थी की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी कुछ दूर मोटरसाइकल पर जाने के बाद एक काली रंग की एस.यु.वी (स्कार्पियो) कार में बैठ कर फरार हो गए। लेकिन दूसरी ओर पुलिस अधिकारीयों ने ऐसी कोई भी बात से साफ़ इनकार किया है। 

उनका कहना है इस मामले की जाँच के दौरान उनके द्वारा सेकड़ों गाड़ियों को वेरीफाई (verify) किया जा रहा है, ऐसे में किसी भी कार का फोटो आने का मतलब ये नहीं है की वो आरोपियों की गाड़ी है। उन्होंने साफ़ किया की अभी तक की जाँच में ऐसी स्कार्पियों कार के इस्तेमाल या सुधीर नाम के गैंगस्टर और या उसकी गेंग के सदस्यों द्वारा इस वारदात में शामिल होने की कोई बात सामने नहीं आई है। 

पुलिस की सभी टीमें मामले की जाँच में ही लगी हुई है, प्रथम दृष्टया (Prima Facie) से यह ही लग रहा है की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी उदयपुर से बाहर के है। इसी के चलते पुलिस की टीमें अलग-अलग राज्यों में भेजी गई है और जल्द ही इस वारदात का खुलासा किया जायेगा। 

गौरतलब है की शहर के व्यस्ततम इलाको में से एक सुन्दरवास इलाके की मैन रोड पर बनी एक बिल्डिंग के पहले माले पर बने मण्णपुरम फाइनेंस कंपनी के ऑफिस को 5 बदमाशों ने हफ्ते के पहले दिन सोमवार को दिन दहाड़े करीब 9 बज कर 25 मिनिट पर निशाना बनाया। पांचो बदमाश मोटरसाइकल पर हाथों में हथियार लिए ऑफिस के अंदर घुसे महज 18 मिनिट में पूरी वारदात को अंजाम देकर वहां से फरार हो गए और स्टाफ मेम्बेर्स को हाथ पैर बांध कर पीछे छोड़ गए।

लेकिन उनका इतने बेखौफ हो कर परिसर में आना और फिर सीधा वहां से इतने बड़ी मात्र में सोना और नकद लेकर निकल जाना, क्या इस तरफ इशारा नहीं करता की जैसे पहले से उनको परिसर की पूरी जानकारी थी और किसी जानकार का इनके साथ मिले होने की बात भी कही न कही दिमाग में आती है। 

दूसरी तरफ ऐसी कंपनी जिसमे ग्राहकों का लाखों रूपए के सोने के जेवर और नकद रखी जाती हो वहां सिक्योरिटी गार्ड का ना रखा जाना भी अपने आप में कंपनी पर एक सवालिया निशान लगाता है।  

  1. क्या वारदात में कंपनी का कोई कर्मचारी शामिल था?
  2. जिस ऑफिस के बाहर नोटिस बोर्ड पर लिखा हो प्रिय ग्राहक” दिन के समय डकैती के जोखिम से अपने सम्मानित ग्राहकों की मूल्यवान सम्पति की रक्षा करने के लिए हम ग्रिल गेट्स को बंद रखते है,कृपया बजर बजाए हमारा स्टाफ आपको लेने आयेगा, असुविधा के लिए हमें खेद है”. अगर ये लिखा है तो फिर वारदात वाले दिन गेट खुला क्यों था?