'टारगेट’ टीम की बड़ी सफलता: चेन स्नैचिंग गैंग दबोचा गया
उदयपुर शहर में पिछले दो महीनों से चैन स्नैचिंग की बढ़ती घटनाओं पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने विशेष अभियान चलाया। अपराधियों द्वारा गैंग बनाकर पावर बाइक का इस्तेमाल कर दिनदहाड़े वारदातों को अंजाम दिया जा रहा था। इस पर नियंत्रण के लिए शहर के सभी थानाधिकारियों को निर्देश दिए गए और हिरणमगरी थाना पुलिस ने विशेष टीम बनाकर कार्रवाई शुरू की।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमेश ओझा और नगर पूर्व के पुलिस उप अधीक्षक छगन पुरोहित के सुपरविजन में थानाधिकारी भरत योगी के नेतृत्व में गठित टीम ने सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी विश्लेषण के जरिए अपराधियों की पहचान की।
जांच में सामने आया कि आरोपी पेशेवर तरीके से घटनाएं कर नवरात्रि के दौरान अलग-अलग मंदिरों और मेलों में छिप जाते थे। टीम ने लगातार पीछा करते हुए संदिग्ध बाइकों की तलाश की। इसी दौरान टूटी हुई नंबर प्लेट वाली एक केटीएम ड्यूक बाइक से सुराग मिला।
मुखबिर की सूचना पर 6 अक्टूबर को पुलिस ने रीको एरिया में दबिश देकर झाड़ियों के पीछे बैठे सात–आठ युवकों को पकड़ा, जिनके पास दो केटीएम और दो स्प्लेंडर बाइक मिलीं। चैन स्नैचिंग गैंग की धरपकड़ के लिए विशेष पुलिस टीम ‘टार्गेट’ (TARGET) बनाई गई थी।
इस टीम में हैड कॉन्स्टेबल राजेन्द्र सिंह, भगवतीलाल, कॉन्स्टेबल राजकुमार जाखड़, नंदकिशोर, किरेन्द्र सिंह, हेमेन्द्र, कल्पेश, विजय सिंह और प्रताप सिंह शामिल थे।
टीम ने सादे वस्त्रों में पावर बाइक लेकर मंदिरों, पार्कों और सुनसान इलाकों में लगातार निगरानी की। लगातार 15 दिन तक जांच और 100 से अधिक संदिग्ध बाइकों की जांच के बाद पुलिस को सफलता मिली। गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस का मानना है कि इनके पकड़े जाने से शहर में हुई कई चैन स्नैचिंग वारदातों का खुलासा होगा।