दो अधिकारीयों सहित ठेकेदार को ACB कोर्ट ने जैल भेजा
क्रिकेट स्टेडियम निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का मामला 15 साल से भी ज़्यादा पुराना है...जिसमे सरकार को साढ़े चार करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ...
उदयपुर, 24 दिसंबर 2024: नगर विकास प्रन्यास (UIT) वर्तमान उदयपुर विकास प्राधिकरण (UDA) के तत्कालीन एक XEn और दो AEn सहित ठेकेदार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक मामले में आरोप पत्र पेश करते हुए ACB कोर्ट में पेश किया, जहां से उनको जेल भेज दिया गया। मामला उदयपुर के खेलगांव स्थित महाराणा प्रताप स्टेडियम में क्रिकेट स्टेडियम निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का है। इसमें सरकार को करीब चार करोड़ रुपए का राजस्व नुकसान हुआ।
ACB के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार ने बताया कि उदयपुर के चित्रकूट नगर स्थित महाराणा प्रताप खेलगांव में क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण कार्यों में अनियमितताएं होने की सूचना मिलने पर ब्यूरो की टीम, FSL टीम के साथ 21 अगस्त 2010 को स्टेडियम पहुंची। वहां स्टेडियम के पूर्वोत्तर दिशा में दर्शक दीर्घा के पीछे करीब 100 फीट की दीवार ढही हुई पाई गई।
स्टेडियम में बैठने की सीढ़ियों एवं दीवारों में जगह-जगह दरारें थी। मौके पर निर्माण कार्य तय मानकों के तहत नहीं होना पाया गया था। वहां पड़ी निर्माण सामग्री के नमूने लेकर विधि विज्ञान प्रयोगशाला जयपुर को भेजा।
इसके बाद ब्यूरो ने 5 अक्टूबर 2010 को मामला दर्ज कर कर जांच शुरू की। साथ ही तकनीकी समिति का गठन करवाया। जांच में महाराणा प्रताप खेलगांव क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग करने से संबंधित अनियमितताएं सामने आई।
अनंत कुमार ने बताया कि जांच में सामने आया कि तत्कालीन अधिशासी अभियंता UIT कैलाशदान सांदू, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता UIT सोहनलाल लोकवानी, तत्कालीन सहायक अभियंता देवेश शर्मा, तत्कालीन सहायक अभियन्ता मुकेश जानी, तत्कालीन कनिष्ठ अभियन्ता विमल कुमार मेहता ने अपने पद एवं अधिकारों का दुरुपयोग किया। इसमें निर्माण कराने वाली फर्म ठेकेदार हेमराज वरदार से उचित मापदण्ड एवं गुणवत्ता के विपरीत घटिया निर्माण सामग्री के प्रयोग में ली।
उनके बिलों का भुगतान गुणवत्ता की बिना जांच करवाए और अपने स्तर पर ही नियम विरुद्ध तरीके से एवं निविदा शर्तों की अवहेलना करते हुए ठेकेदार के रनिंग बिलों का भुगतान कर दिया। इससे राजकोष को करीब रु 4,34,41,129 की आर्थिक हानि पहुंचाई गई।