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4.5 लाख रिश्वत के मामले में पुलिसकर्मी 18 दिनों से नहीं आए ACB के हाथ 
 

सवाल ये उठ रहा है कि शातिर अपराधियों को पकड़ने वाली पुलिस अभी तक अपने ही विभाग के कर्मचारियों को क्यों नहीं ढूंढ पाई
 

उदयपुर,12.12.23 - यूं तो पुलिस अपराध होते ही अपराधियों को तुरंत गिरफतर करती है लेकिन इन दिनों रिश्वत के एक मामले में ACB के लिए पुलिस कर्मियों का रिश्वत (Bribe) मांगने के एक मामले में नाम सामने आने के बाद उन्हें गिरफ्तार करना बड़ा ही चुनोतिपूर्ण कार्य हो गया है।  

बता दें की रिश्वत मांगने के एक मामले में पिछले 18 दिनों से एक Inspector और Head Constable फरार चल रहें है और सम्बंधित विभाग उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं कर  पाया है और लगातार उनकी तलाश की जा रही है। 

इस बारे में कोई खुलकर कुछ बताने को तैयार नहीं। 4.50 लाख रुपए की रिश्वत (Bribe)  के मामले में फतहनगर SHO सुरेश मीणा और डबोक थाने के Head Constable महावीर प्रसाद फरार चल रहे हैं। ACB की टीम को अभी तक इनका कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लगा है। जानकारी के अनुसार इस मामले में एसीबी की टीम ने पुलिस का भी सहयोग लिया है, लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि शातिर अपराधियों को पकड़ने वाली पुलिस अभी तक अपने ही विभाग के कर्मचारियों को क्यों नहीं ढूंढ पाई ?

 थानाधिकारी, बेटे के मोबाइल से लगी थी एसीबी कार्रवाई की भनक 

जानकारी अनुसार रिश्वत का यह मामला Vidhan Sabha Elections के मतदान से ठीक एक दिन पहले 24 नवंबर का है। जब फतहनगर SHO सुरेशचंद मीणा मावली में चुनाव ड्यूटी में थे।

डील पक्की होने के बाद जब परिवादी 4.50 लाख रुपए रिश्वत लेकर फतहनगर पहुंचा। तब SHO ने खुद के चुनाव में व्यस्त होने की बात कहकर अपने बेटे सौरभ को पैसे लेने भेज दिया था। बेटे सौरभ को इस पूरे मामले के बारे में खबर नहीं थी। थानेदार के कहे अनुसार परिवादी द्वारा जैसे ही बेटे के हाथ में रिश्वत पैसे थामे गए। तभी एसीबी की टीम ने उसे Trap कर लिया।

इसी दौरान बेटे ने तुरंत अपने थानेदार पिता को फोन लगाकर खुद को पकड़े जाने की सूचना दी तो थानेदार को ACB की कार्रवाई की भनक लग गई। तभी Election Duty से ही वह फरार हो गया था। 

हैड कांस्टेबल ने कराई थी डील, थाने ने मांगी थी 8 लाख रुपए रिश्वत

गौरतलब है की उदयपुर के Dabok police station में करीब 5 माह पहले NDPS Act में मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसकी जांच फतहनगर SHO सुरेशचंद मीणा को सौंपी गई थी। फिर डबोक थाने के Head Constable महावीर प्रसाद ने केस में कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर थानाधिकारी से 8 लाख रुपए की रिश्वत की डील पक्की कराई थी।

इसके लिए मुकदमा दर्ज कराने वाले को लगातार परेशान किया जाता रहा। इधर, परिवादी ने ACB में मामले की शिकायत कर दी। मतदान से एक दिन पहले 24 नंवबर को SHO विधानसभा चुनाव ड्यूटी में थे। तभी परिवादी जब 4.50 लाख रुपए थानाधिकारी को देने के लिए थाने पहुंचा। तब SHO  ने खुद के बेटे सौरभ मीणा को पैसे लेने भेज दिया। तभी एसीबी की टीम ने थानाधिकारी के बेटे को ट्रेप करते हुए गिरफ्तार कर लिया।