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अनियमितता के दोषी ई-मित्र कियोस्क को कलक्टर ने कराया बंद

वंचितों को गेहूं वितरण योजना के फॉर्म भरने में लापरवाही
 
सेवा प्रदाता को किया पाबंद

उदयपुर, 26 मई 2020। कोरोना महामारी में जरूरतमंद प्रवासी व्यक्तियों व अन्य विशेष श्रेणियों के खा़द्यान्न उपलब्ध कराने के लिए सर्वे प्रपत्र भरने की ऑनलाइन सेवा निःशुल्क होने के बावजूद राशि वसूलने वाले ई-मित्र कियोस्क के विरूद्ध जिला कलक्टर श्रीमती आनंदी ने कार्यवाही करते हुए इसे तत्काल प्रभाव से स्थायी रूप से बंद करवा दिया है।  

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की उपनिदेशक शीतल अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्रवासी व्यक्तियों को खाद्यान्न सहायता एवं अन्य विशेष श्रेणियों के परिवारों (नॉन एनएफएसए) के सर्वे फॉर्म ऑनलाइन किए जाने की निःशुल्क सेवा ई-मित्र के माध्यम से उपलब्ध करवाने के निर्देश थे परन्तु शहर के वार्ड पांच स्थित गणेशघाटी क्षेत्र में कार्यरत ई-मित्र कियोस्कधारक जितेन्द्र नागदा द्वारा इसके लिए प्रति फॉर्म 50 रुपये वसूलना पाया गया। शिकायत की पुष्टि होने पर जिला कलक्टर द्वारा इस ई-मित्र कियोस्क को स्थायी रूप से बन्द करवाया गया।

सेवा प्रदाता को किया पाबंद

अग्रवाल ने बताया कि इसके साथ ही ई मित्र परियोजना के तहत जिले की सेवा प्रदाता एजेंसी मेवाड ऐजुकेशन प्रा. लि., को पाबंद किया गया है कि जिले में उसके अधीन संचालित समस्त ई-मित्रों को आमजन को ई-मित्र सेवाएं प्रदान करने हेतु सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क ही लेने के लिए निर्देशित करें।

यह है वंचितों के लिए गेहूं वितरण की योजना

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी के कारण अस्थायी रूप से बन्द हुए उद्योगों एवं धंधों में कार्यरत कार्मिको के लिए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा गेहूं वितरण किया जाएगा। इसके लिए प्रवासी व्यक्तियों को ई-मित्र पोर्टल पर अपनी जानकारी सर्वे फॉर्म में दर्ज करानी होगी। यह सुविधा दो तरह के व्यक्तियों के लिए है। एक वे जो राजस्थान के निवासी है और जिनके पास जन आधार कार्ड है व वे परिवार एनएफएसए में चयनित नहीं है तथा दूसरे ऐसे व्यक्ति जो राजस्थान के निवासी नहीं है पर राजस्थान में निवास कर रहे है और उनके पास जन आधार कार्ड भी नहीं है एवं वे परिवार एनएफएसए में चयनित नहीं है। इस योजना का लाभ लेने के लिए जानकारी को सर्वे फार्म में दर्ज कराने की सेवा ई-मित्र मोबाइल एप एवं ई-मित्र पोर्टल के माध्यम से भी उपलब्ध करवाई जा रही है। विेशेषकर कर्फ्यूग्रस्त क्षेत्र में मोबाइल एप के माध्यम से यह सेवा प्राप्त की जा सकती है।