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इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के निर्देशक ने पार्टनर पर लगाए धोखाधडी और गबन करने के आरोप

फिलहाल इस मामले में जाँच जारी है
 

उदयपुर 2 मार्च 2023। शहर के प्रताप नगर स्थित एक इन्टरनेट सर्विस प्रोवाइडिंग कंपनी के एक पार्टनर द्वारा दुसरे पार्टनर के साथ धोखाधड़ी करने और 1 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का गबन करने का आरोप लगाने का मामला सामने आया है। 

परिवादी 43 वर्षीय तबरेज़ अली सैयद पुत्र जफर अली सैयद निवासी गणेश नगर, पहाड़ा यूनिवर्सिटी रोड़ ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को बताया की उनकी एक  कम्पनी जिसका नाम प्रॉम्स्ट इफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड है जिसमे वह निदेशक और पचास प्रतिशत का अंशधारक है। 

उनके पार्टनर जिसका नाम मुश्ताक अली पुत्र मुमताज अली, निवासी 15 बड़ी मस्जिद रोड मुर्शीद नगर सवीना है दोनों साथ में मिलकर कम्पनी अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत इस कंपनी को 25/07/2016 को निगमन के जरिये रजिस्टर करवाया था। 

साथ ही तबरेज का आरोप है की मुश्ताक ने गैर क़ानूनी तरिके से गजेन्द्र चंडालिया निवासी अरविंद नगर सुंदरवास को निदेशक बना कर और झूठे कागजात से कम्पनी को हड़पकर अन्य इंटरनेट कम्पनी मल्टीनेट उदयपुर प्रा. लि.को बेच दी। 

तबरेज अली ने कोर्ट में जरीये अधिवक्ता आनंद शर्मा (जयपुर) के जरिए परिवाद दिया जिसके बाद कोर्ट ने मुश्ताक अली, गजेन्द्र चंडालिया, उज्जवल जैन, अल्पेश रमेश भाई, मल्टीनेट के निदेशक अतुल अग्रवाल और हेमंत श्रीमाली के खिलाफ मामला दर्ज किया है।  

तबरेज ने अपनी रिपोर्ट में बताया की कम्पनी का मूल व्यापार इंटरनेट और केवल नेटवर्क की सेवाआ का हैं जिसमे दोनों ही पार्टनर 50-50 प्रतिशत के अंशधारक है, जिसके वितिय वर्ष 2020-21 के वार्षिक व्यापार के पश्चात कम्पनी के व्यापार का वेल्यूएशन यानि मूल्यांकन लगभग रुपये 3 करोड़ का है। 

उन्होंने बताया की सितम्बर, 2021 तक वह जयपुर रहते थे और उदयपुर में कम्पनी का रजिस्टर्ड  ऑफिस चल रहा था, जो की उनका पार्टनर मुश्ताक अली संचालित करता आ रहा था और परिवादी का व्यापार के सिलसिले में यात्रा करते रहना पड़ता था और इस सिलसिले में उनका उदयपुर आना जाना लगा रहता था। 

तबरेज ने बताया की कम्पनी का साल 2019-20 का कुल टर्न ओवर रुपये 2,75,52,174/- (दो करोड़ पचहत्तर लाख बावन हजार एक सौ चौहत्तर) रहा था, जबकि साल 2020-21 मे कम्पनी का कुल टर्नओवर रूपये- 1,98,93,006 रह गया, जो कम्पनी के निदेशक मुश्ताक अली ने खुद कम्पनी के वार्षिक तल पट, लाभ-हानि का विवरण, खातों में दर्शाया है। 

तबरेज ने बताया की पुनः मुश्ताक अली ने खुद कार्यालय अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस एटीएस. एवं एसओजी, राजस्थान जयपुर को उनके पत्र दिनांकित 07/02/2022 का जवाब 16/03/2022 में दिया है, जिसमें मुश्ताक अली द्वारा निरंतर घटते हुए इंटरनेट कनेक्शंस बतलाये गये हैं, बावजूद इसके की कम्पनी के सभी खाते और हिसाब किताब मुश्ताक अली ही रखता आ रहा है। उनका आरोप है की जब भी मुश्ताक से हिसाब किताब माँगा जाता रहा है, तो गत दो वर्षो से वह हिसाब देने और उनके खर्चों, सैलरी, इत्यादि का भुगतान करने में टालमटोल कर देता हैं। 

तबरेज का कहना है की कोरोना काल के बाद जब अक्टूबर, 2021 में वह उदयपुर वापिस आए तो मुश्ताक ने उन्हें हिसाब बताने की बात कही। जिस पर उन्होंने 43,48,519/- (तैतालीस लाख अड़तालीस हजार पाँच सौ उन्नीस रुपये) का हिस्साब बकाया बता दिया। 

इसके अतिरिक्त परिवादी तबरेज ने आरोप लगाया है की कम्पनी के रुपये 31,88,222 / (अक्षरे इकतीस लाख अट्ठासी हजार सौ बाईस रुपये) मुश्ताक अली के पास नकद जमा थे,और इन रुपयों के बारे में जब उन्होंने मुश्ताक से पूछा तो उसने बताया कि इन रुपयों से उसने अपने व्यक्तिगत नाम से उदयपुर के तितरड़ी गाँव में एक जमीन खरीद ली है,तबरेज का आरोप हैं की मुश्ताक द्वारा ही कम्पनी के चालू बैंक खाते संभाले जाते थे और इन खातों में खुद ही अर्जी देकर कम्पनी के बैंक खातों को जब्त करवा दिया गया। 

आश्वासन और झांसे में परिवादी को फंसा दिया गया तथा सभी वेंडर्स,सप्लायर्स, कर्मचारियों, इत्यादि की और जो कम्पनीके लिए लोन ले रखे हैं, उन सभी का भुगतान रुकवा दिया गया और कस्टमर रिफण्ड भी बैंक खाता जब्त करवाकर रोक दिया गया। 

इस सन्दर्भ में जब परिवादी ने पुनः मुश्ताक से बात की तो उसने प्राप्ट इंफ्राकॉम कम्पनी का हिसाब देने, परिवादी का भुगतान करने तथा कम्पनी के विभिन्न वेंडर्स, सप्लायर्स, कर्मचारियों और बैंकों के ऋण चुकाने से साफ इनकार कर दिया। 

तबरेज ने उदयपुर टाइम्स टीम को बताया की उन्होंने इस मामले को लेकर रिपोर्ट 28 जनवरी 2022 को दे दी थी और पुलिस द्वारा इस मामले की जाँच की जा रही है लेकिन इतने दिनों के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई है। 

वही इस मामले के जाँच अधिकारी मांगीलाल से जब इस मामले को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा की फिलहाल इस मामले में जाँच जारी है, रिकार्ड्स देखे जा रहें है और आरोपों को भी वेरीफाई किया जा रहा है और जाँच पूरी होने पर कार्यवाही की जाएगी।