नाबालिग लड़की के अपहरण मामले में घासा पुलिस थाने पर ढिलाई बरतने के आरोप
परिवार ने बेटी की हत्या या अनहोनी होने की आशंका जताई है
उदयपुर 20 मई 2024 । ज़िले के समीप घासा गांव से नाबालिग बच्ची के अपहरण मामले में घासा थाना पुलिस के हाथ दो महीने बाद भी खाली है। परिवार ने बेटी की हत्या या अनहोनी होने की आशंका जताई है।
खास बात यह है कि उदयपुर रेंज आईजी और उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक ने थानाधिकारी को 15 दिन पहले 24 घण्टे में लड़की को ढूंढ कर लाने के टेलीफोनिक आदेश दिए थे इसके बावजूद भी घासा पुलिस अब तक सीरियस नही हैं। बच्ची की मां, मामा और भाई का रो रो कर हाल बुरा है। परिजनों ने पुलिस पर आरोपी पक्ष से मिलीभगत कर ढिलाई बरतने के आरोप लगाए है।
वैसे यहां हमारी पुलिस भी कम नही है। पीड़ित पक्ष ने बच्ची के नाबालिग होने प्रमाण के साथ परिवाद दिया लेकिन पुलिस ने अपह्रत बच्ची के जन्म वर्ष के कॉलम में उसे बालिग बता दिया है।
परिजनों का आरोप है कि जब वे मामला दर्ज करवाने गए तो पुलिस ने तीन दिन तक चक्कर कटाये और उसके बाद मामूली धाराओं में मामला दर्ज कर रही थी। पीड़ित पक्ष ने दबाव बनाया तो मामले में नाबालिग से जुड़ी धाराएं 363 और 366 लगाई है।
आपको बता दें कि जिला पुलिस अधीक्षक के आदेशों के बाद सभी थानों में 363 से जुड़े मामले लंबित नही रहते पुलिस इन मामलों में गंभीरता से काम करती है। लेकिन करीब दो माह पहले नाबालिग बच्ची का अपहरण हुआ और पुलिस के हाथ अभी तक खाली है।
परिजनों ने बताया कि आरोपी पक्ष उन पर शादी का दबाव बना रहा था लेकिन बच्ची नाबालिग होने से उन्होंने मना कर दिया। ऐसे में आरोपी उसे भगाकर साथ ले गया है। पीड़ित पक्ष ने थाने में नामजद एफआईआर दर्ज करवाई है लेकिन पुलिस लापरवाही बरत रही है और उनकी बेटी के साथ कोई अनहोनी घटना हो सकती है।
परिजनों ने एसपी और आईजी से शिकायत के बाद भी हल नही मिलने पर मुख्यमंत्री भजन लाल से न्याय की गुहार लगाई है। इस पूरे मामले पर थानाधिकारी भरत सिंह राजपुरोहित ने बताया कि पुलिस तलाश कर रही है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है। एफआईआर में जन्म वर्ष के सवाल पर बोले कि लड़की को लाने के बाद उसका मेडिकल करवाएंगे उसमे जन्म वर्ष की जांच हो जाएगी।