कूटरचित पासपोर्ट बनवाकर विदेश भागने की फिराक में था हार्डकोर अपराधी दिलीप नाथ
उदयपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश
उदयपुर 17 मई 2025। हार्डकोर अपराधी दिलीप नाथ द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर बिहार के पटना से पासपोर्ट बनवाने का मामला उजागर हुआ है। आरोपी विदेश भागने की योजना बना रहा था, लेकिन उदयपुर पुलिस की सतर्कता से उसकी मंशा पर पानी फिर गया। इस पूरे मामले में अब पटना में भी प्रकरण दर्ज कराया जाएगा।
ज़िला पुलिस अधीक्षक योगेश गोयल ने बताया कि पासपोर्ट कार्यालय, पटना से प्राप्त रिकॉर्ड से पता चला कि दिलीप नाथ ने जाली दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। आवेदन में उसने अपने पते और जन्मस्थान की जानकारी को कूटरचित तरीके से बदल दिया। आरोपी ने आधार कार्ड में मूल पता सीसारमा, उदयपुर (राजस्थान) से बदलवा कर बिकोपुर, कोठी बाजार, गया (बिहार) करवा दिया। पासपोर्ट आवेदन में उसने खुद को आपराधिक मामलों से मुक्त बताया, जबकि उस पर राजस्थान के विभिन्न थानों में हत्या, अपहरण, मारपीट व जमीन कब्जा जैसे 35 से अधिक गंभीर मामले दर्ज हैं।
पासपोर्ट कार्यालय, पटना द्वारा आरोपी को 15 अप्रैल 2025 को पासपोर्ट जारी कर दिया गया था। लेकिन 9 मई 2025 को 10 हजार रुपये के इनामी हार्डकोर अपराधी दिलीप नाथ को उदयपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय वह पुलिस से बचने के लिए महिला वेशभूषा में घूम रहा था।
थाना सुखेर क्षेत्र में दिलीप नाथ पर पीड़ित को जबरन उठा कर जमीन का एग्रीमेंट कराने और जान से मारने की धमकी देकर 35 लाख 50 हजार रुपये ऐंठने का भी गंभीर मामला दर्ज है। उक्त मामले में IPC की कई धाराओं के तहत केस संख्या 121/25 दर्ज किया गया है।
इस प्रकरण की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के निर्देशन में पुलिस उप अधीक्षक गिर्वा सूर्यवीर सिंह राठौड़ द्वारा की जा रही है।
अब तक इस मामले में आरोपी दिलीप नाथ के साथी नरेश वैष्णव और नरेश पालीवाल को गिरफ्तार किया जा चुका है। अन्य नामजद आरोपियों में निलंबित पुलिस कॉन्स्टेबल वीरेन्द्र सिंह, गजेन्द्र चौधरी, देवेन्द्र गायरी उर्फ डेविड, शंकर सिंह राजपूत, पिंटू कलाल, नारायण दास, कमल दया और अन्य सहयोगी शामिल हैं।
आरोपी दिलीप नाथ 18 मई 2025 तक पुलिस अभिरक्षा में रहेगा। उदयपुर पुलिस द्वारा अब पटना में भी उसके खिलाफ जालसाजी और पासपोर्ट धोखाधड़ी को लेकर मामला दर्ज कराया जा रहा है।