×

सरकारी नौकरी पाने के लालच में कलियुगी पुत्र ने पिता की हत्या की रची साज़िश 

सावधान इंडिया देख रचाई अपने ही बाप को मारने की साज़िश 

 

हेलमेट की वजह से बची जान 

उदयपुर। सरकारी नौकरी पाने की लालच में एक कलियुगी पुत्र ने अपने ही पिता को जान से मारने की साज़िश रच डाली। क्राइम सीरियल सावधान इंडिया के एपिसोड देखकर क्राइम करने वाले बेटे और उसके दोस्त को सुखेर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। वहीँ पिता ने अगर हेलमेट  नहीं पहना होता तो पुत्र का पत्थर उनकी जान भी ले सकता था। 

पुलिस ने बताया की कविता के पास कलका माता रोड स्थित नाकोड़ा नगर निवासी राकेश पुत्र खूबशंकर पालीवाल पर 14 अक्टूबर 2020 को मोटरसाइकिल पर अपने घर जाते समय बेदला पुलिया के पास किसी अज्ञात व्यक्ति ने पीछे से पत्थर मारा लेकिन सर पर हेलमेट होने की वजह से बच गए। तभी दूसरा पत्थर उसके पीठ पर लगा। राकेश द्वारा शोर मचाने और साथ में चल रहे उसके प्रिंसिपल महिपाल सिंह चन्द्रावत के शोर मचाने पर पाथर मारने वाला स्कूटी पर बैठकर कविता की तरफ भाग गया। 

सूखेर पुलिस थानाधिकारी डी पी दाधीच ने बताया की पुलिस ने स्कूटी के नंबर के आधार पर निखिल पुत्र श्यामसुन्दर निवासी जैन मंदिर के पास वाली गली डबोक को डिटेन कर पूछताछ की तो निखिल ने बताया की वह उसका दोस्त अंकित (पीड़ित राकेश पालीवाल का पुत्र) दोनों बेरोज़गार है और कई दिनों से रोज़गार की तलाश में है। लेकिन उनके पास पैसे नहीं थे। अंकित ने योजना बनाई की दोनों मिलकर अंकित के पापा को मार देते है तो अंकित को पिता की जगह सरकारी नौकरी मिल जाएगी और जो रूपये मिलेंगे उनसे रेस्टोरेंट खोलेंगे। 

सावधान इंडिया देख कर बनाई मारने की योजना 

अंकित और निखिल ने क्राइम सीरियल सावधान इंडिया के एपिसोड देखकर डिसाइड किया की अंकित के पिता राकेश को स्कूल से आते समय रास्ते में मार देंगे और दुर्घटना का रूप दे देंगे। फिर इन दोनों ने रास्ते की रेकी की तो बेदला पुलिया के यहाँ रोड पर बड़े डिवाइडर और साइड में झाड़ियों में छुपकर पत्थर से मारने की योजना बनाई। 

योजना के अनुसार  14 अक्टूबर को झाड़ियों में छुपकर निखिल ने राकेश पर पत्थर से वार किया लेकिन हेलमेट की वजह से चोट नहीं आई ,फिर उसने दूसरा पत्थर मारा जिससे राकेश रोड पर गिर गया। लेकिन शोर मचाने पर वह डर के मारे वहां से स्कूटी लेकर कविता भाग गया। मारने के बाद खून लगे कपडे बदलने के लिए एक ड्रेस भी साथ ली थी जो कविता में बदली। कविता में उसका इंतज़ार कर रहे अंकित को बताया की काम नहीं हुआ। इसके बाद दोनों खेरादीवाड़ा में अंकित की प्रेमिका के घर चले गए। 

रूपये नहीं देने और लव मैरिज से नाराज़ थे अंकित के पिता 

पुलिस से पूछताछ में अंकित ने बताया की उनके पिताजी अंकित को रूपये नहीं देते थे और रोज़ रोज़ घूमने फिरने नहीं देते थे और उसकी लव मैरिज से  भी नाराज़ थे। सरकारी नौकरी और रूपयो की लालच में उन्होंने अपने पिताजी को मारने का प्लान बनाया था।