अंतर्राष्ट्रीय चोरी गैंग के दो सदस्य उदयपुर से गिरफ्तार
दोनों आरोपियों को बेंगलुरु में की गई वारदात के चलते बेंगलुरु पुलिस के हवाले किया गया
उदयपुर की गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय चोरी गैंग के दो वांछित चल रहे आरोपियों को गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों को बेंगलुरु में की गई वारदात के चलते बेंगलुरु पुलिस के हवाले किया गया।
दोनों आरोपी की पहचान कालीकोट नेपाल निवासी सुरेश शाह और अपेक्षा के रूप में हुई है, उदयपुर पुलिस को बेंगलुरु में एक बड़ी चोरी की वारदात करने के बाद वांछित चल रहे अंतर्राष्ट्रीय चोर गैंग के दो सदस्यों की उदयपुर में होने की जानकारी मिल रही थी।
जिस पर उदयपुर के समस्त थाना अधिकारियों को दोनों आरोपियों की तलाश करने और गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए थे इसी के चलते गोवर्धन विलास थानाधिकारी संजीव स्वामी द्वारा थाने के कांस्टेबल दिनेश सिंह को इन आरोपियों की तलाश करने का टास्क दिया गया था। दोनों की तलाश के दौरान दिनेश सिंह को 8 जून 2023 को शेर के बलीचा चौराहे पर दो संदिग्ध व्यक्ति अंधेरे में खड़े हुए दिखाई दिए उस पर दोनों को राउंड ऑफ कर कर पूछताछ की गई जिसमे दोनों ने अपने नाम पते बताएं।
कॉन्स्टेबल दिनेश सिंह द्वारा तुरंत दोनों की जानकारी थाना अधिकारी संजीव स्वामी को दी गई और उनके निर्देश पर दोनों को थाने पर लाया गया और जब उनसे पूछताछ की गई तो दोनों ने पुलिस पूछताछ के दौरान बेंगलुरु के राममूर्ति नगर में 70 लाख रुपए की चोरी करना स्वीकार किया।
थाना अधिकारी संजीव स्वामी ने बताया कि दोनों से मिली जानकारी के आधार पर जब बेंगलुरु के राममूर्ति नगर में पता लगाया गया तो सामने आया कि 30 अप्रैल 2023 को दोनों आरोपियों द्वारा अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर इलाके के अक्षय नगर कॉलोनी में गंगाधर राय नामक व्यक्ति के बंगले से करीब 238 ग्राम सोने के जेवर, 250 किलो चांदी, 550000 रूपए नकद, 1000 यूएस डॉलर, 1500 पाउंड यूके करंसी और अन्य कीमती सामान चुराया था जिसके बाद से ही बेंगलुरु पुलिस को दोनों ही आरोपियों की तलाश थी।
थानाधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ही आरोपी अपने साथियों के साथ मिलकर देश के अलग-अलग शहरों में वारदातों को अंजाम देते हैं जिसके बाद वह नेपाल फरार हो जाते हैं तो उनके साथी देश के छोटे शहरों में जाकर मजदूरी करने के नाम पर फरारी काटते हैं। पुलिस द्वारा दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद सीआरपीसी की धारा 107 और 151 के तहत दोनों को हिरासत में लेकर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया था जिसके बाद इन्हें पुनः बेंगलुरु पुलिस को सौंप दिया गया।