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आईफोन का लालच देकर 1.77 करोड़ की ठगी का आरोपी गिरफ्तार  

हाथीपोल थाना पुलिस ने कर्नाटक से किया गिरफ्तार

 
आरोपी ने झांसे में लेकर एक करोड़ 77 लाख रुपए हड़पे

उदयपुर 1 मार्च 2022। शहर के हाथीपोल थाना पुलिस ने फ़रवरी माह में एक डॉक्टर से आईफोन और उसके गैजेट्स के नाम पर ठगी का मामला सामने आने के बाद आरोपी अक्षय पाटिल पुत्र राजेंद्र पाटिल निवासी बेलगांव कर्नाटक को कर्नाटक से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को धारा 420, 406 के तहत अपराध प्रमाणित होने से गिरफ्तार कर अनुसन्धान प्रारम्भ कर दिया है। 

दरअसल अन्नता हॉस्पिटल के असिस्टेंट प्रोफेसर ने 1.77 करोड़ की धोखाधड़ी होने का मामला हाथीपोल थाने में दर्ज कराया था। आरोपी के झांसे में आकर डॉक्टर ने 322 आईफोन बुक कर दिए थे। डॉक्टर के साथ छह माह पहले धोखाधड़ी हुई थी। 

पुलिस ने बताया कि अन्नता हॉस्पिटल में असिस्टेंट प्रोफेसर अम्बावगढ़ निवासी डॉ. एएस गौतम  पुत्र शिवानंद निवासी हिलटॉप रोड अम्बावगढ़ ने रिपोर्ट दी। बताया कि वे जुलाई 2021 में बेंगलुरु अपने भाई के यहां गए थे। वहां उसे अक्षय पुत्र राजेन्द्र पाटिल निवासी वैष्णवी रत्नम अपार्टमेंट टी दानसहली बेंगलुरु मिला। वह उसके भाई की पत्नी की बहन का मित्र था। उसने खुद को एप्पल कंपनी का सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया। उसने कहा कि एप्पल कंपनी के मोबाइल और अन्य डिवाइस मार्केट से 30-40 प्रतिशत कम दर पर दिलवा सकता हैं। उसने मुम्बई स्थित वेयर हाउस से मोबाइल उपलब्ध होना बताया। कहा कि तुम भी अन्य दूसरे लोगों को बेच कर मुनाफा कमा सकते हो। इस पर डॉ गौतम ने 2 लाख रुपए तभी ट्रासफर कर दिए। इसके बाद उदयपुर से अलग-अलग समय पर पैसा भेजा, लेकिन आरोपी ने फोन और डिवाइस नहीं भेजी। आरोपी ने कहा कि यूएस में समस्या होने से आपूर्ति नहीं हो रही है।

इसके बाद एक साथ बड़ा माल आने का लालच देकर अन्य लोगों के लिए फोन बुक करवाने की बात कही और कहा 40 लाख ट्रांसफर करवा लिए। इस तरह कुल 1 करोड़ 76 लाख 87 हजार 365 रुपए ट्रांसफर करवाकर 322 आईफोन बुक करवा दिए। इसके बाद भी डॉक्टर को फोन नहीं मिले। आरोपी ने अपना फोन बंद कर लिया। ऐसे में दिसंबर 2021 में बेंगलुरु एप्पल ऑफिस में संपर्क किया तो पता चला कि अक्षय राजेंद्र पाटिल नाम का कोई व्यक्ति कम्पनी में नहीं हैं। आरोपी ने झांसे में लेकर एक करोड़ 77 लाख रुपए हड़प लिए। 

मामले में खुलासा करने वाली पुलिस टीम 

हाथीपोल पुलिस थानाधिकारी गोपाल चंदेल, सहायक उपनिरीक्षक दलपत सिंह, हेड कांस्टेबल मोहम्मद अतहर, कॉन्स्टेबल विनोद गुर्जर, गजराज की भूमिका रही जिसमे कांस्टेबल विनोद गुर्जर का विशेष योगदान रहा।