नगर निगम घोटाले में फर्जी दस्तावेज बनाकर भूखंड बेचने वाले को जेल
एसओजी टीम इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
उदयपुर 16 दिसंबर 2024 । नगर निगम के भूखंड घोटाले में फर्जी दस्तावेज बनाकर भूमि बेचने के मुख्य आरोपी और स्थानीय नेता के रिश्तेदार को शनिवार को एसओजी ने अदालत में पेश किया, जहां उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी से रिमांड अवधि के दौरान किए गए पूछताछ में कई फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
एसओजी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्वाति शर्मा ने बताया कि यूडीए द्वारा नगर निगम को हस्तांतरित की गई कॉलोनियों के भूखंडों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके उन्हें लाखों रुपये में बेचने के मामले में मुख्य आरोपी राजेन्द्र धाकड़ से रिमांड अवधि के दौरान पूछताछ की गई। राजेन्द्र धाकड़ ने स्वीकार किया कि उसने किशन गमेती के मुख्तियारनामा पर एक भूखंड को अनिल कचौरी को 50 लाख रुपये में बेचा था। आरोपी की निशानदेही पर उस भूखंड के तैयार किए गए फर्जी दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
राजेन्द्र धाकड़ नगर निगम की निवर्तमान सांस्कृतिक समिति अध्यक्ष चन्द्रकला बोल्या का भाई है, इस घोटाले का मुख्य आरोपी है। इस मले में पहले ही यूआईटी कॉलोनी निवासी दीपक चौहान, राकेश सोलंकी और किशन गमेती को गिरफ्तार किया जा चुका है।
एसपी स्वाति शर्मा ने आगे बताया कि मुख्य आरोपी से पूछताछ में यह भी सामने आया कि फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचने में विक्रम ताकड़िया, नितिन कोठारी, विपिन कोठारी और नगर निगम के एक बाबू भी शामिल थे। इन सभी आरोपियों के नामजद कर लिए गए हैं और एसओजी टीम इस मामले में आगे की जांच कर रही है।
इन आरोपियों ने यूडीए से नगर निगम को हस्तांतरित भूखंडों के फर्जी दस्तावेज तैयार किए, उन पर सील और साइन लगा कर उन्हें लाखों रुपये में बेच दिया।
गौरतलब है कि यह मामला नगर निगम के सहवृत पार्षद अजय पोरीवाल द्वारा उठाया गया था, जिसके बाद तत्कालीन शहर विधायक और वर्तमान राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने विधानसभा में इसे उठाया। बाद में, इस मामले को शहर विधायक ताराचंद जैन ने जोर-शोर से उठाया, जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच एसओजी को सौंप दी थी। तब से एसओजी ने इस भूखंड घोटाले में लिप्त आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू कर दी है।