लवीना सेवा संस्थान के संचालक ने शरारती बच्चे पर लगाए आरोप
जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, निष्पक्ष जांच की मांग
उदयपुर के ओगणा इलाके में स्थित लवीना सेवा संस्थान के संचालक ने सोमवार को जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल को ज्ञापन सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग दिए गए ज्ञापन में लवीना सेवा संस्थान के संचालक भरत कुमार पुरबिया ने बताया कि जिस बच्चे द्वारा संस्थान के ऊपर जो आरोप लगाए वह बेबुनियाद साथ ही षडयंत्र पूर्वक संस्थान पर इस तरह की करवाई की गई है ।
संस्थान में रहने वाला बच्चा अन्य बच्चों को भी बिगड़ने की कोशिश कर रहा था जिसको लेकर संस्थान की ओर से सीडब्ल्यूसी मेंबर को पूर्व में एक लिखित रिपोर्ट दी गई जिसमें बच्चों को अन्य जगह शिफ्ट करने की मांग की गई लेकिन सीडब्ल्यूसी मेंबर ने बच्चों की पढ़ाई खराब ना हो इसको लेकर 1 साल तक संस्थान में रखने की बात कही।
इस बीच संस्थान में रह रहे बच्चे स्कूल जाने के बाद स्कूल से जंगल की ओर भाग गए और पुलिस ने बच्चों को डिटेन कर सीडब्ल्यूसी मेंबर के सामने पैश किया इस दौरान शरारती बच्चों को संस्थान के खिलाफ बोलने का मौका मिल गया और संस्थान पर सीडब्ल्यूसी मेंबर ने कारवाई करते हुए संस्थान मे रह रहे अन्य बच्चों को दूसरी संस्थाओं में शिफ्ट कर दिया गया जिनमें से कई बच्चों को संस्थान के संचालकों द्वारा परिजनों को सुपुर्द कर दिया ।
संस्थान के संचालक भरत कुमार पुरबिया ने बताया कि उनके द्वारा एक ओपन शेल्टर हाउस उगनागांव में संचालित किया जाता है, जिसमें वर्तमान में 31 बच्चे निवास करते है, जिनमें से 8 बच्चे कुछ दिन पहले शेल्टर होम से शेल्टर होम के ही रहने वाले एक छात्र जगदीश द्वारा अपहरण कर ले जाए गए थे।
पुरबिया का कहना है कि उक्त शरारती छात्र बहुत ही असभ्य है और उसकी हरकतों को लेकर उनके द्वारा सीडब्लूय सी कों पूर्व में शिकायत भी दी गई थी जिस पर CWC के अधिकारियों ने बीच सत्र में कार्रवाई करने से मना करते हुए सत्र पूरा होने का इंतजार करने का आश्वासन दिया था जिसके बाद उसे और किसी सेंटर होम में ट्रांसफर किए जाने की बात कही थी।
इस आश्वासन के बाद उसे शेल्टर होम में ही रखा गया था लेकिन इस दौरान उसकी आदतें लगातार खराब होती जा रही थी। पुरबिया ने आरोप लगाया कि शरारती छात्र ने अपने काका रमेश के साथ मिलकर सात बच्चों को अपने साथ ले जाकर अगवा किया और काका की साली के मकान पर इन्हें ठहराया।
इसके चलते शेल्टर रूम द्वारा सूचना मिलने पर ओगणा थाने में अपहरण की एक शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस द्वारा बच्चों को ढूंढ कर लाया गया लेकिन सेंटर होम के मैनेजमेंट के सौंपने की बजाय उन्हें उदयपुर भेज दिया गया, और थाने की टीम द्वारा शेल्टर होम संचालक पुरवियों को जानकारी देते हुए कहा गया कि वहां भी सी डब्लूय सी ऑफिस उदयपुर जाकर अपना पक्ष रख सकते हैं।
पूर्बीया का कहना है कि उनके खिलाफ षडयंत्र रचा गया और उनके शेल्टर होम से सभी बच्चों को किसी और जगह पर उनकी जानकारी के बिना शिफ्ट कर दिया गया। ऐसे में उन्होंने सोमवार को जिला कलेक्टर उदयपुर से मुलाकात करते हुए इस मामले को लेकर ज्ञापन सौंपा और मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की, साथ ही पूरी वाले इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी संदेह जताया हैं।