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वैध शराब को अवैध बताकर ड्राइवरों को पकड़ा 

मामला पहुंचा कोर्ट में 

 

उदयपुर 7 अप्रैल 2023। पुलिस ने वैध शराब को अवैध बताकर दो ड्राइवरों को गिरफ्तार किया। जिस एसएचओ को जांच सौंपी गई थी उसने भी जांच में इन्हें आरोपी बता दिया। लेकिन, जब मामला आबकारी विभाग तक पहुंचा तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सारे सबूत पेश किए। अब इस मामले में कोर्ट ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा इस कार्रवाई में दोनों SHO की भूमिका संदेह में है, क्यों न इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।

दरअसल मामला फलासिया थाना क्षेत्र का है और इस मामले में झाड़ोल कोर्ट ने डीजी, आईजी और एसपी को कार्रवाई कर 30 दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इस पूरे मामले में फलासिया थाना अधिकारी प्रभुलाल और झाड़ोल थाना अधिकारी श्रवण कुमार दोनों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं। फलासिया थानाधिकारी प्रभुलाल ने लाइसेंसशुदा सरकारी शराब जब्त की थी

ये था पूरा मामला, गिरफ्तार कर जज के घर पेश किया था

दरअसल, मामला 14 मार्च 2023 का फलासिया थाना क्षेत्र का है। थाना अधिकारी प्रभुलाल ने जीवन लाल और अमृत लाल नाम के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि ये दोनों शराब तस्करी कर गुजरात ले जा रहे थे और इनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

इसी दिन थाना अधिकारी ने दोनों आरोपियों को जज के घर पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। जबकि पुलिस ने जिस 170 पेटी शराब और गाड़ी को अवैध बताया था वह लाइसेंसी थी यानी वैध थी। और, सरकारी ठेके पर सप्लाई होने जा रही थी।

ठेकेदार ने शिकायत की तो हुआ खुलासा

यह शराब ठेकेदार मनीष पूर्बिया के ठेके पर सप्लाई होनी थी। मनीष से जब इस मामले पर बात की तो बताया कि जिन दो गाड़ियों को जब्त किया था उनमें से एक गाड़ी मेरी थी और उसमें लाइसेंसी शराब थी। लेकिन, पुलिस अधिकारियों ने जबरन मामला दर्ज कर ड्राइवर को गिरफ्तार किया और अवैध शराब तस्करी का मामला दर्ज किया गया।

उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उदयपुर आबकारी विभाग के अधिकारियों को दी। इस पर आबकारी विभाग ने सारे सबूत पेश किए और बताया कि ये शराब और गाड़ी का परमिट दोनों वैध है। इतना ही नहीं यदि परमिट का उल्लघंन कोई करता है तो उसका अधिकार भी आबकारी विभाग को है। तब जाकर वाहन मालिकों को 29 मार्च को जमानत मिली और जब्त की गई 7 लाख रुपए की शराब दोबारा सौंपी गई। झाडोल थानाधिकारी श्रवण कुमार जोशी मामले में जांच अधिकारी थे।
 

कोर्ट ने एसएचओ से कहा, क्यों न तुम्हारे खिलाफ दंडनात्मक कार्रवाई हो

आबकारी विभाग द्वारा लिखित जानकारी जब कोर्ट में पेश की तो कोर्ट ने री फलासिया एसएचओ प्रभुलाल और जांच अधिकारी झाड़ोल एसएचओ श्रवण कुमार जोशी को लेकर नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा- इन्हें एक सूचना पत्र जारी किया जाए। इनसे ये पूछा जाए कि क्यों न तुम्हारे खिलाफ धारा 182 व 211 के अपराध में कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही 30 दिन में दोनों से जबाव भी मांगा है।

उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि मामला जानकारी में आया है। इस संबंध में विभागीय स्तर पर प्रकरण की पूरी जांच करवा रहे हैं। दोषी पाए जाने पर संबंधित थानाधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।