नकली करंसी मामले का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है
उदयपुर 14 अप्रैल 2023 । ज़िले की सूरजपोल थाना पुलिस ने गुरुवार को नकली करंसी के मामले में मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है। मामले के मास्टरमाइंड की पहचान प्रतापगढ निवासी गौरव पिता समरथमल कुमावत निवासी ए11 इन्द्रा कॉलोनी प्रतापगढ के रूप में हुई है।
पुलिस ने उसके कब्जे से भारतीय करेंसी के 200 रूपये, 500 रूपये और 2000 रूपये के नकली नोट तैयार करने के लिए उपयोग में लिये जा रहे इलेक्ट्रोनिक संसाधन लेपटोप, टेबलेट, कलर प्रिन्टर, डाटा केबल, पेन ड्राईव आदि सामग्री को आरोपी के मकान से जप्त किया। आरोपी गौरव ने अब तक की पूछताछ पर अपने साथियो के साथ मिलकर करीब 10 लाख रूपये के 200, 500 एवं 2000 रूपये के नकली भारतीय नोट तैयार कर बाजार में प्रचलित कर देना स्वीकार किया है।
इसकी गिरफ़्तारी में जिला पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ, पुलिस उप अधीक्षक, प्रतापगढ एवं थानाधिकारी प्रतापगढ कोतवाली की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
इस मामले में 8 अप्रैल 2023 को थानाधिकारी सुखेर थाना संजय शर्मा और उनकी टीम द्वारा अभियुक्त चेतन भावसार पिता प्रहलाद भावसार निवासी मन्दसौर म.प्र. को गिरफ्तार कर 500-500 रूपये के नकली नोट बरामद कर कुल 64500 रूपये जब्त की थी और घटना में प्रयुक्त कार को बरामद कर प्रकरण दर्ज किया गया था।
गिरफ्तार किये गए आरोपी चेतन भावसार से अनुसंधान करते हुये नकली नोट तैयार करने के मास्टरमाइंड गौरव कुमावत के बारे में जानकारी मिली थी, जिसके बाद पुलिस की टीमें उसकी तलाश केर रही थी। इस दौरान पुलिस को मुखबिर से गौरव के बारे में सुचना मिली और गुरुवार को सूरजपोल की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आरोपी आईटीआई की शिक्षा प्राप्त कर करीब दो साल से अपने साथियो के साथ मिल कर यू टयूब से नकली नोट बनाने का तरीका सीख रहा था तथा करीब एक साल से नकली भारतीय नोट बना कर स्वयं एवं अपनी गैंग के सदस्यों के माध्यम से भारत के अलग अलग राज्यो में नकली नोटो को प्रचलित कर अपना शौक मौज पूरा करने के लिये इस अपराध को करना स्वीकार किया।
तरीका वारदातः- आरोपी गौरव कुमावत द्वारा अपने साथियो के साथ मिलकर अपने प्रतापगढ स्थित मकान में लेपटोप एवं कलर प्रिन्टर की सहायता से भारतीय मुद्रा के 200 रूपये, 500 रूपये एवं 2000 रूपये के नकली नोट तैयार कर स्वयं अपनी गैंग के सदस्यों के माध्यम से अपने विश्वसनीय व्यक्तियों से वास्तविक भारतीय रूपये प्राप्त कर उक्त राशि के दोगुनी राशि के नकली नोट देकर नकली नोटो को बाजार में प्रचलित कर देता था। पुलिस द्वारा मास्टरमाइंड गौरव को न्यायालय में पेश किया गया। जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है ।