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जेल के सर्च में दो दिन में 2 मोबाइल और मिले 

चौंकाने वाली हकीकत ये भी कि 6 दिन में जो 4 मोबाइल बरामद हुए हैं, उनमें से 2 के मालिकों का पता तक नहीं लग पाया है

 

उदयपुर के सेंट्रल जेल में सजा काट रहे बदमाशों के हौसले कम होने का नाम नही ले रहे है। सलाखों के पीछे रहते भी इतनी मजबूत जड़े बना ली है कि जेल प्रशासन इसे काट ही नहीं पा रहा। जेल के सर्च में दो दिन में 2 मोबाइल और मिले हैं।

जेल अधिकारियों की हालत ये है कि पहले उन्होंने एक मोबाइल की जब्ती बताई। सवालों में घिरे तो दूसरे मोबाइल का सच भी सामने आ गया। गत 17 मई को पुलिस-प्रशासन के 150 अफसरों-कर्मचारियों ने जेल का निरीक्षण किया था। तब बैरक नंबर-9 में हत्या के मामले में सजा काट रहे मलारिया कलां, गोगुंदा निवासी ताराचंद पुत्र हमेरा गमेती से 30 ग्राम गांजा जब्त किया था। इसके बाद बैरक नंबर 8 के रोशनदान से दो मोबाइल और एक सिम कार्ड की बरामदगी हुई थी। 

6 दिन पहले मोबाइल और मादक पदार्थ मिलने की घटना के बाद सोमवार और मंगलवार को औचक निरीक्षण किया। कैदियों और उनके बैरक की तलाशी ली गई। सोमवार को बैरक नंबर 14 में टीवी के नीचे स्टैंड पर की-पैड मोबाइल और 1000 एमएएच की बैट्री बरामद की।

मंगलवार को फिर तलाशी ली तो हत्या में सजा काट रहे राजा पुत्र अमानत हुसैन से मोबाइल और एक सिम कार्ड मिला। दोनों हैंडसेट जब्त कर सूरजपोल थाने में केस दर्ज करवाया है।

उल्लेखनीय है कि इसी साल सेंट्रल जेल में सजा काट रहे हार्डकोर अपराधी दिलीप नाथ ने साजिश रचकर बजरंग दल के विभाग संयोजक राजेंद्र परमार की हत्या करवा दी थी। दिलीप के प्लान के तहत उसके दो गुर्गों ने रामपुरा में राजेंद्र को गोलियों से भून दिया था। हालांकि सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वही दिलीपनाथ अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में है। इसके बाद भी कैदियों से धमकियां मिलने के मामले भी सामने आ चुके हैं।

अब जेल में 6 दिन में 4 मोबाइल, बैट्री और सिम मिलना जेल प्रशासन की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। जबकि दावा ये भी किया जाता है कि अधिकारी भी जेल में मोबाइल लेकर दाखिल नहीं हो सकते। इधर, चौंकाने वाली हकीकत ये भी कि 6 दिन में जो 4 मोबाइल बरामद हुए हैं, उनमें से 2 के मालिकों का पता तक नहीं लग पाया है। अब सवाल ये है कि ये मोबाइल कौन इस्तेमाल कर रहे थे और उनके संपर्क में कौन-कौन थे?