अवैध संबंध के शक के कारण चचेरे भाई ने अपने ही भांजे के साथ मिलकर की हत्या
नरेन्द्र ने पुलिस को कई बार भ्रमित किया
उदयपुर 29 मार्च 2023 । संभाग के राजसमंद ज़िले के कांकरोली पुलिस थाना सर्कल में सोनियाणा रोड पर 24 मार्च को लोडिंग टेम्पो चालक हत्याकांड में पुलिस ने खुलासा करते हुए मृतक के चचेरा भाई व उसके भाणेज को गिरफ्तार किया गया। चचेरे भाई ने अपनी पत्नी से मृतक के अवैध संबंध के शक में भाई की हत्या कराने के लिए अपने भाणेज को भी इस हत्याकांड में प्रलोभन देकर शामिल किया।
राजसमंद पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी के अनुसार सोनियाणा गांव के आटो चालक 32 वर्षीय मदन लाल रेगर पुत्र किशन लाल रेगर की लाश सोनियाणा गांव रोड पर उसी के ऑटो मे मिली जिस पर कांकरोली पुलिस मय जाब्ते के मौके पर पहुंची व शव को कब्जे में लेकर आर के हॉस्पीटल पहुंचाया। जहाँ पर अगले दिन पोस्टमॉर्टम करा शव परिजनों को सुपुर्द किया।
परिजनों द्वारा हत्या को लेकर कांकरोली पुलिस थाने में मामला दर्ज कराया गया जिस पर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 6 टीमों को गठन किया व जांच शुरू कर दी। जिसमें घटना की प्रत्येक एंगल से छानबीन शुरू की। घटना स्थल से सबूत इकट्ठे कर पुलिस की टीमों द्वारा सीसी टीवी फुटेज, साइबर सेल द्वारा मोबाइल लोकेशन, गांव मे आने जाने वाले वाहनों की छान बीन, ग्रामीणों से बातचीत व मृतक व परिजनों के बारे में जानकारी इकट्ठा की गई।
छानबीन में सामने आया कि 7-8 माह पूर्व मृतक मदन लाल रेगर के चचेरे भाई नरेन्द्र रेगर पुत्र सोहन लाल रेगर के परिवार के बीच लडाई झगड़ा हुआ था जिसकी मुख्य वजह नरेन्द्र रेगर की पत्नी से मृतक के घनिष्ठ संबंधों की जानकारी सामने आई। जिसके बाद समझाईश कर मामला शांत किया था। ओर तब से दोनेा परिवारों के बीच कोई बोलचाल नही थी।
लेकिन नरेन्द्र के दिमाग में था कि कैसे भी करने मदन लाल को हमेशा के लिए खत्म करना चाहता था। नरेन्द्र ने अपनी समस्या अपने सगे भांजे 23 वर्षीय मुरली उर्फ पिन्टू पुत्र लादु लाल रेगर निवासी मोहन नगर पाण्डोलाई को बताई ओर मदन को रास्ते से हटाने के लिए 20-25 दिन पूर्व सोनियाणा के रास्ते में रेकी की लेकिन इस दौरान मदन के साथ किसी और व्यक्ति के होने से प्लान फेल हो गया।
बाद मे 24 मार्च को फिर से प्लान बनाया ओर मुरली ने रेकी कर मदन का पीछा किया व बाइक खराब होने का बहाना कर मदन के ऑटो को रूकवाया चाकू से ताबड तोड हमला कर मदन को मौत के घाट उतार दिया । इस दौरान मदन के शरीर पर करीब 17 - 18 घाव मिले। इस काम के बदले नरेन्द्र ने अपने भांजे के साथ 25 हजार रू. मे डील की थी ओर हत्या के बाद पांच हजार रू. दे भी दिए। नरेन्द्र के 40 हजार रूपए के करीब कर्जा था। हत्या के समय चालाक नरेन्द्र मौके पर मौजूद नही था वह कहीं और जगह चला गया जिससे कि उस पर कोई शक नही करें।
नरेन्द्र ने पुलिस को कई बार भ्रमित किया
नरेन्द्र ने मृतक मदन रेगर के शव को नही उठाने के लिए नाटक किया ओर पुलिस को कहा कि पहले आरोपी को पकडों। इसके बाद 27 मार्च को समाज के साथ कलक्टरी ज्ञापन देने पहुंचा ओर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जानकारी के अनुसार नरेन्द्र ने आरोपी को पकड़ने की मांग के लिए एसपी से मिलने पहुंचा। इसके अलावा सर मुंडवा कर मदन के घर शोक की बैठक में भी नियमित बैठा रहा।
आरोपी तक पहुंचने के लिए 45 से 50 बाइक की तलाशी ली गई
पुलिस जांच मे सामने आया कि जो हत्या के समय जो बाइक काम में आई वो नई तकनीक की है जिसका साइड स्टैण्ड हटाने पर ही वो स्टार्ट होती है इसको लेकर बाइक की कम्पनी व नई तकनीक की करीब 50 बाइक मालिकों से पूछताछ की गई।