×

ऑन लाईन सट्टा वाले गिरोह साइबर पुलिस की रडार पर

बैंक खातों का दुरूपयोग कर ऑन लाईन सट्टे वाले गिरोह को खाते उपलब्ध कराने वाला दलाल गिरफ्तार 

 

चित्तौड़गढ़ 5 मार्च 2024। ग्रामीण अंचल के भोले-भाले लोगो को कुछ रूपयों का लालच देकर उनके बैंक खाते के दस्तावेज अपने पास लेकर ऑन लाईन गेमिंग करने वाले शातिरों को बैंक खाते उपलब्द्ध करा साइबर फ्रॉड करने वाले दलाल को साइबर थाना पुलिस ने गिरफतार किया हैं। करीब 300 लोगों के बैंक खाते अन्य सहयोगियो को उपलब्ध कराये थे।आयकर विभाग की नजर से बचने के लिए आरबीआई की गाईड लाइन अनुसार 80 से 90 लाख का लेनदेन कर बैंक खातों को फ्रिज करा देते थे।

पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि 31.03.2024 को प्रार्थी कश्मोर झांतला माताजी के पास पुलिस थाना चन्देरिया निवासी दिलखुश पुत्र जगदीश जाट ने साइबर थाना पर उपस्थित होकर दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया  कि उसके इण्डसइण्ड बैंक कलेक्ट्री चित्तौडगढ़ में खाता खुलवाने की आवश्यकता होने से बैंक में खाता खुलवानें की बात प्रजापत मार्केट राजश्री बैंगल्स चित्तौडगढ़ निवासी निरज प्रजापत उर्फ नारायण पुत्र रतनलाल प्रजापत से करने पर उसकी दुकान पर ऑनलाईन अगुंठा निशानी करवा उसका खाता खुलवा दिया।  पासबुक, एटीएम व चैक बुक लेने की बात पर वह बैंक खाता चालू नहीं होने का टालमटोल जवाब देता रहा। नीरज द्वारा उसे दस्तावेज नही देने पर वह खाता बंद करवाने बैंक गया तो पता चला कि किसी ने उसके बैंक खाते से उनकी जानकारी के बिना उसके नाम से बहुत सारे रूपयों का लेन-देन कर रखा है। नीरज उर्फ नारायण प्रजापत में उसकी जानकारी के बिना  बैंक खाते की नैट बैंकिग चालू कर के उसके आई.डी पासवर्ड बनाकर बिना बताये बैंक अकाउन्ट से बहुत से रूपयो का लेन-देन कर साइबर अपराध किया है।  प्राप्त रिपोर्ट साइबर थाने पर आई.टी एक्ट व धोखाधड़ी में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये साइबर अपराधों की रोकथाम करने के निर्देश देते हुए पुलिस निरीक्षक सबीर खान के नेतृत्व में थाना साइबर से कानि. रामनिवास, धर्मपाल, संजय व साइबर सैल से हैड कानि. राजकुमार व कानि. गणपत, हैड कानि. देऊ व ललिता की विशेष टीम गठन कर प्रकरण में आरोपी की तलाशी शुरू की गई। प्रार्थी द्वारा बताये गये हुलिये से साइबर थाना पुलिस प्रजापत मार्केट सदर बाजार चित्तौडगढ निवासी 38 वर्षीय नारायण उर्फ नीरज प्रजापत पुत्र रतनलाल प्रजापत को डिटेन कर गिरफ्‌तार किया गया।

पुलिस पूछताछ व अनुसन्धान से पाया गया कि आरोपी नारायण प्रजापत ग्रामीण अंचल के भोले-भाले लोगो को कुछ रूपयों का लालच देकर उनके बैंक खाते के दस्तावेज अपने पास लेकर ऑन लाईन गेमिंग करने वाले शातिरों को उपलब्द्ध कराता था। उसने करीब 300 लोगों के बैंक खाते अन्य सहयोगियो को उपलब्ध कराये है। जिनके नाम जोगणीयां बुक के मालिक कपासन निवासी बालमुकुन्द ईनाणी, सुनील उर्फ बाबा व उसके परिवारजन, सावा निवासी मोनू महेश्वरी, जयपुर निवासी विशाल, रामप्रसाद उर्फ बॉस सहित अन्य कई लोग शामिल है। इस संगठित गिरोह से सम्बधित अन्य लोगो के बारे में विशेष टीम द्वारा गहनता से अनुसंधान किया जा रहा है। 

तरीका वारदात

आरोपी द्वारा ग्रामीण अचंल के भोले-भाले लोगो को अपनी बातो मे लेकर बैंक अधिकारीयों के साथ मिलकर ऑन लाईन बैंक खाता खोलकर उन खातों के दस्तावेज अपने पास में रखकर, खातों को आगे बेच देना व उन बैंक खातों में 80-90 लाख रूपयो का लेन-देन करके बैंक खातों को फ्रिज करा देते, ताकि आरबीआई के नियमानुसार लेन-देन हो सके तथा ईडी व इन्कमटेक्स विभाग की नजरो से बचा जा सके। इसके बाद आयकर विभाग व ई.डी के नोटिस खाताधारकों को आते है।

पुलिस की आमजन को वैधानिक चैतावनी

पुलिस अधीक्षक चित्तौडगढ द्वारा सभी से अपील की जाती है, कि किसी भी व्यक्ति की बातों में आकर अपने बैंक अकाउन्ट नही खुलाये व अपने बैंक से सम्बन्धित दस्तावेज पासबुक, ए. टी.एम, नेटबैंकिग के आई.डी पासवर्ड किसी को भी उपलब्ध नहीं कराये अन्यथा कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही की जायेगी।