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पेपर लीक मामले का मास्टर माइंड पुलिस रिमांड पर

आरोपी को पेदल ही ले जाया गया कोर्ट.

 

पूछ-ताछ में हो सकते है अहम् खुलासे

 उदयपुर-सेकण्ड ग्रेड टीचर भरती परीक्षा पेपर लीक मामले में फरार चल रहे मास्टर माइंड भूपेंद्र सारण की गिरफतारी के बाद शुक्रवार को उदयपुर लाया गया जिसके बाद कोर्ट के समक्ष पेश किया गया जहाँ से उसे 27 फरवरी 2023 तक रिमांड पर भेज दिया गया.

सारण को उदयपुर लाने के बाद शहर के हाथीपोल थाने में रखा गया था जहां से पुलिस जाप्ते के बीच एडिशनल एसपी सिटी चन्द्रशील ठाकुर के सुपरविजन में  पैदल कोर्ट ले जाया गया.

एसपी उदयपुर विकास शर्मा ने बताया की जोधपुर एसओजी टीम को कुछ दिन पहले जानकारी मिली थी की सारण बेंगलुरु में छुपा हुआ है, सुचना मिलते ही पुलिस की पिछले 6 दिनों से बेंगलुरु में ही केम्प किये हुई थी और सारण के बारे में जानकारी जुटा रही थी. इस बीच बुधवार 22 फरवरी 2023 को पुलिस टीम को जानकारी मिली की सारण बेंगलुरु से बाहर गया हुआ है और गुरुवार को हवाई जहाज के जरिए लौटेगा. इसपर पुलिस की टीम घात लगा कर सारण का बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इन्तेजार कर रही थी.जेसे ही वो वहां पर पंहुचा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद उदयपुर की डि.एस.टी टीम उसे शुक्रवार को उदयपुर ले आई.

शर्मा ने कहा की अभी तक उदयपुर लाने के बाद सारण से ज्यादा पूछ-ताछ नहीं की जा सकी है,प्राध्मिक पूछ-ताछ में उसने कुछ लोगों के नाम बताये है लेकिन क्यों की वो एक शातिर अपराधी है अभी इस बात के सत्यापन के बाद ही कुछ कहा जा सकता है, पुलिस अब उस से गहनता से पूछ-ताछ करेगी और उस दौरान पुलिस को पेपर लीक रैकेट में शामिल लोगों और पुरे षड्यंत्र के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है.

गौरतलब है की जहां पुलिस ने अभी तक इस पेपर लीक मामले के 3 में से 2 मास्टर माइंड को गिरफतार कर लिया है तो वही एक और मास्टर माइंड सुरेश ढाका अभी भी पुलिस की पहुँच से बाहर है.

पेपर लीक मामले में अपोजिशन का लगातार दबाव आने के बाद राज्य सरकार ने भी इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए आरोपी भूपेंद्र सारण और सुरेश ढाका द्वारा जयपुर में चलाये जा रहे कोचिंग सेंटर पर बुलडोजर चलवाया था.इसके अलावा पुलिस ने जयपुर से भूपेंद्र सारण की पत्नी और महिला मित्र को भी गिरफ्तार किया था जिनके घरों से बड़ी मात्र में देश के विभिन्न विश्वविधायलों की नकली डिग्रियां और प्रमाणपत्र मिले थे.

तो वही इस मामले में दो आरोपियों ड्राइवर पीराराम और लिपिक पुखराज की जमानत याचिका ख़ारिज करदी थी.याचिकाओं में दोनों के अधिवक्ताओं ने जमानत देने का अनुरोध किया था और पप्र्र लीक में उनके रोल से इनकार किया था.याचिका ख़ारिज करते हुए जस्टिस व्यास ने कहा की किसी भी देश का भविष्य उसकी शिक्षा व्यवस्था पर निर्भर करता है । शिक्षा के माध्यम से ही कोई समाज एवं देश प्रगति की ओर बढ़ता है, लेकिन यह दुर्भाग्य की बात है कि शिक्षा के क्षेत्र की कई समस्याओं के समाधान की कोई राह नहीं दिख रही है। इन्हीं में से एक है प्रश्नपत्र लीक होने की समस्या । वर्तमान
भारत के युवा ऊंचे लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं। वे तमाम कठिनाइयों एवं अभावों
से जूझते हुए कई वर्षों तक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। जब किसी प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होता है तो परीक्षार्थियों के साथ परिजनों के भी सपनों को गहरा आघात पहुंचता है। ऐसी घटनाओं से एक उन्नत, समृद्ध, सुशिक्षित एवं सशक्त राष्ट्र व समाज बनने - बनाने का हमारा सामूहिक स्वप्न और मनोबल टूटता है। इससे युवाओं के भीतर व्यवस्था के प्रति असंतोष एवं निराशा की स्थायी
भावना घर करती है।


महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्नपत्र अगर परीक्षा से पहले लीक हो जाएं, तो सबसे ज्यादा कष्ट उन मेहनती परीक्षार्थियों और उम्मीद्वारों को होता है, जो प्रतिभा के बल पर किसी परीक्षा में अपनी योग्यता साबित करने का जतन करते हैं। एक प्रश्नपत्र का रद्द होना कई बार अभ्यर्थियों के भीतर असुरक्षा और
अस्थिरता की भावना पैदा कर सकता है।

जानकारी के अनुसार सारण रेलवे कर्मचारी था,जिसे निलंबित कर दिया गया था, उसके खिलाफ पूर्व में भी पेपर लीक करवाने के मामले दर्ज है.

पुलिस को भूपेंद्र की गिरफ़्तारी से एक बड़ी रहत मिली है और पुलिस को उस से इस मामले से जुडी अहम् जानकारियों मिलने की उम्मीद है, तो वहीँ पुलिस अब तक फरार चल रहे मास्टर माइंड सुरेश ढाका की भी तलाश कर रही है.