पुलिस पर ड्रिंक एंड ड्राइव के आरोपी के साथ मारपीट के आरोप
परिजनों ने लगाए मारपीट के आरोप
उदयपुर 27 फ़रवरी 2025 । आईजी की कार के आगे शराब पीकर वाहन चलाने पर एक ट्रक ड्राइवर को पुलिस द्वारा पीटने का आरोप लगा है। ड्राइवर के परिजनों ने बताया की वह पिछले दो दिन से अस्पताल मे भर्ती है।
परिजनों ने आरोप लगाया कि थाने मे पुलिस की मारपीट से उनके बेटे की ये हालत हुई है, पीड़ित नारायण के चाचा ने बताया कि नाथद्वारा पुलिस ने उसे सोमवार रात को शराब पीकर ट्रक चलाने के जुर्म मे गिरफ्तार किया था, उसके बाद मंगलवार शाम तक किसी परिजन को कोई सूचना नहीं दी। फिर अचानक मंगलवार शाम करीब 6 बजे थाने से हेड कांस्टेबल ने उसके ट्रक मालिक को फोन पर सूचना दी कि नारायण की तबियत ख़राब है और उसे राजमसंद के आर के हॉस्पिटल मे भर्ती करवाया है, इस पर ट्रक मालिक ने उसके परिजनों को घटना की जानकारी दी और मंगलवार देर रात नारायण की पत्नी राजसमंद पहुँच गईं। जहाँ उसने देखा की नारायण के शरीर का एक हिस्सा पेरेलाइज हो चुका है और शरीर पर चोट के काफी निशान भी है। ऐसे मे बुधवार सुबह अन्य परिजन भी राजसमंद पहुंचे तो उन्हें पूरे मामले का पता चला। उसके बाद पुलिस उसे आनन फानन मे उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल ले आई जहां उसका इलाज जारी है।
परिजनों ने नाथद्वारा पुलिस पर मारपीट के गंभीर आरोप लगाए है। परिजनो ने बताया कि इस पूरे मामले पर ज़ब उन्होंने नाथद्वारा पुलिस से से बात कि तो उन्होंने बताया की सोमवार रात आईजी साहब की गाडी आ रही थी और नारायण उनके आगे ट्रक चला रहा था, ऐसे मे आईजी के आदेश पर उसे रोका तो मालूम चला उसने शराब पी रखी थी। पुलिस ने ड्रिंक एन्ड ड्राइव मे उसे गिरफ्तार किया। उसके बाद पुलिस परिजनों को सूचना देना चाहती थी लेकिन सोमवार रात से मंगलवार शाम तक नारायण ने मोबाइल का लॉक नहीं खोला इसलिए सूचना नहीं दे पाए। उसके बाद हेड सहाब ने बताया कि मंगलवार शाम आरोपी नारायण को मेडिकल के बाद तहसील मे पेश किया गया जहाँ जमानत नहीं होने पर जज साहब ने न्यायिक अभिरक्षा मे भेज दिया।
परिजनों ने बताया कि मजिस्ट्रेट का आदेश सुनने के बाद नारायण अचानक नीचे गिर पड़ा। उसके बाद पुलिस उसे अस्पताल ले जाने की बजाय सेंट्रल जेल ले गई लेकिन जेल अधीक्षक ने उसे लेने से मना करते हुए पहले इलाज की बात कही, उसके बाद पुलिस उसे आर के अस्पताल ले गई और परिजनों को सूचना दी।
हालांकि नारायण के परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप जांच का विषय है। लेकिन इसी के साथ पुलिस द्वारा बनाई गई कहानी की भी सत्यता की जांच होनी चाहिए।