साइबर ठगो द्वारा लूट की पुलिस ने करवाई 2,47,460 की रिकवरी
साइबर ठगी के 3 केसों में 2 लाख 47 हजार 460 रुपये रिफंड करवाने में सफलता हासिल की
उदयपुर - जिला पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार के नेतृत्व में साईबर अपराधों पर रोकथाम तथा ऑनलाईन ठगी के विरूद्ध कार्यवाही करते हुए साइबर ठगी से पीड़ित लोगो की सवीना थाना के साइबर सेल ने पीड़ितों के खातों से निकल चुकी रकम रिकवर करवा ली। साइबर ठगी के 3 केसों में 2 लाख 47 हजार 460 रुपये रिफंड करवाने में सफलता हासिल की।
- ठगी के इन मामलों में महेंद्र कुमार निवासी तितरड़ी के पास क्रेडिट कार्ड पर बीमा करने को लेकर कॉल पर बैंक की डिटेल बता दी जिस पर 10 हजार रूपये की ठगी हो गयी जिस पर कार्यवाही करते हुए 10 हजार की राशि रिकवर करवाई गयी।
- विवेक निवासी सेक्टर 11 ने ऑनलाइन खरीदारी के दौरान ऑफर पर क्लिक कर दिया जिस पर ओटीपी पूछने पर ओटीपी बताया तो 97,900 रूपये की ठगी हुई जिसे साइबर सेल द्वारा पूर्ण राशि रिकवर करवाई गयी।
- मनीष अरोड़ा निवासी सेक्टर 12 जो सरस डेरी के संचालक है जिनके पास आर्मी कैंप सेक्टर 11 निवासी फौजी बनकर कॉल आया था। बड़ी मात्रा में डेयरी उत्पाद की खरीदारी के लिए फ़ोन कॉल से बुकिंग की थी। बुकिंग के बाद पेमेंट करने के लिए एटीएम कार्ड और ओटीपी पूछा जिस पर 1,39,560 रूपये की ठगी की गयी। इस मामले पर कार्यवाही करते हुए साइबर सेल द्वारा पूर्ण राशि रिफंड करवाई गयी।
ज़्यादातर साइबर फ्रॉड के तरीके ऑनलाइन पेमेंट कंपनी या किसी सामान की खरीद पर जानकारी के लिए सर्च करने ठगो द्वारा बनाई गयी फर्जी वेबसाइट पर पीड़ित द्वारा उसमे डिटेल भरने पर ठगी के शिकार हो जाते है।
फ्रॉड करने के तरीके -
ऑनलाइन पेमेंट के दौरान फ्रॉडर लोगों को रिक्वेस्ट भेजता है और व्यक्ति रिक्वेस्ट को स्वीकार कर लेता है इसी दौरान प्रार्थी के अकाउंट से ही पैसे कट जाते हैं, जबकि फ्रॉडर लोगों को कहता है कि मैं आपके अकाउंट में पैसा डाल रहा हूं इसलिए कभी ऑनलाइन पेमेंट के दौरान रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करें।
बैंक कर्मचारी बनकर और फर्जी वेबसाइट के ज़रिये करते हैं ठगी
फ्रॉडर द्वारा बैंक का कर्मचारी बन कर बात करना तथा आपकी व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर लेना तथा ठगी करना। ओटीपी पिन की जरूरत केवल पैसे भेजने के लिए होती है फ्रॉड करने वाला व्यक्ति बोलता है कि ओटीपी भेजने पर आपके पास पैसे आ जाएंगे लेकिन ओटीपी पिन बताने से आपके पैसे चले जाएंगे। फॉड करने वाले लोग एसबीआई बैंक के योनों एप में केवाईसी अपडेट करने के लिये लिंक भेजते है। जिससे शिकार का डाटा ठगों तक पहुंच जाता है और आपके अकाउण्ट से राशि निकाल ली जाती है।
आजकल गूगल पर भी कई कम्पनियों के फर्जी टोल फ्री नम्बर तथा फर्जी वेबसाईट बनाकर साईबर ठगों द्वारा डाली जाती है, जिस पर सम्पर्क करने पर आपके साथ ठगी हो सकती है।
साइबर ठगी के मामलो में सवीना थाना ने पूर्व में भी अलग अलग मामलो में 11,04,847 राशि की रिकवरी करवाई जा चुकी है। सवीना पुलिस पुलिस ने समय रहते एक्शन लेते हुए दर्ज कुल मामलो में 13 लाख 52 हजार 307 रूपये की रिकवरी करवा कर पीड़ितों को पैसे वापस दिलवाए।