×

नाबालिग बालक को बालिग बताकर न्यायिक अभिरक्षा में भेजने में मामले की जाँच शुरू 
 

एसपी ने डिप्टी एसपी गिरवा को सौंपी जाँच 

 

जाँच की रिपोर्ट आने पर होगी कार्यवाही 

उदयपुर,20.05.23- ज़िले  में इन दिनों पुलिस द्वारा ग्रामीणों पर कथित रूप से अत्याचार करने की घटनाए लगातार सामने आने लगी है।  जहां एक दिन पहले 19 मई 2023 को ज़िले के खेरवाड़ा थाना पुलिस द्वारा अवैध रूप से थाने  में रख कर 48  घंटों तक उसके साथ मारपीट करने और प्रताड़ित करने का मामला सामने आया था तो वही एक दिन के बाद 20 मई 2023 को ज़िले  पानरवा थाने में पुलिस द्वारा नाबालिग को बलिब बताकर उसे तहसील दार के सामने पेश करने और तहसीलदार द्वारा उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का मामला सामने आया है। 

हालाँकि अब इसमे मामले में एस.पी ने डिप्टी गिरवा को इस मामले की जाँच सौंप दी है और उनका कहना है की एक बार जाँच पूरी होने पर ही अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। 

दरअसल घटना उस समय सामने आई जब शहर की समर स्मृति फाउंडेशन के प्रमुख गौरव नागदा ने इस मामले को लेकर आई.जी अजय पाल लाम्बा को परिवाद सौंपा और कड़ी कार्यवाही की मांग की। 

परिवाद में नागदा और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आई.जो बताया की घटना 17 मई की है जब कोटरा के एक गेराज में स्कॉर्पिओ ठीक करने के बाद कार मालिक को लौटने जा रहे थे तभी रस्ते में पानरवा थाने के हेड-कांस्टेबल ने कार रोकी और उनसे 1000 रूपए की मांग की।  मना करने पर जाप्ता बोलकर कर थाने ले जाया गया।  परिवाद में थानाधिकारी पर भी पीड़ित के साथ मारपीट करने की बात कही गई। 

नागदा ने परिवाद में बताया की यही नहीं पुलिस द्वारा इस मामले में अगले दिन सीआरपीसी की धरा 151  और 102 के तहत मामला दर्ज कर एक नाबालिग को गलत तथ्य पेश  कर नाबालिग बालक को बालिग बताकर तहसीलदार के समक्ष पेश केर दिया गया जहाँ से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।  जब की उसे बाल न्यायलय में पेश किया जाना चाहिए था। नागदा ने इस मामले में बताया की थानाधिकारी द्वारा बालक को थाने में निर्वस्त्र केर मारपीट की गई जिस से जेजे एक्ट की धारा और 75  तहत आता  है। ऐसे में उन्होंने मांग की है की पानरवा थानाधिकारी और अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए और और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।