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ममता शर्मसार रिश्ते तार-तार, बेटे-बेटीयां बंगलो मे, मॉ-बाप वृद्धाश्रम में

मानसिक विक्षिप्ति एवं शारीरिक रूप से अशक्त बुढे मॉ-बाप को बेटे एवं बहुएं छोड गए वृद्धाश्रम में। वृद्धाश्रम की संचालिका मजबूर वृद्धो से जबरन बनवा रही सर्फ, एसीड एवं बर्तन धोने के कीटनाशक की बोतले भी भरवाई जा रही । 
 
 

वृद्धाश्रम ने कोविड19 प्रोटोकॉल का पालन नहीं। 

वृद्धाश्रम में निवासरत वृद्धजन के पास न मास्क, न सेनेटाईजर, न ही बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर कोई पांबदी  

उदयपुर 4 अगस्त 2020। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्तवाधान में अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के निर्देशन में लाठी ट्रस्ट द्वारा सर्व़ऋतु विलास में किराये के मकान में चलाए जा रहे गैर पंजीकृत वृद्धाश्रम पर छापे की कार्यवाही श्रीमती रिद्धिमा शर्मा द्वारा दिनांक 01 अगस्त 2020 को की गई । 

श्रीमती रिद्धिमा शर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर ने बताया कि अवैध वृद्धाश्रम के संचालन के बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के कार्यालय को शिकायत मिली थी । शिकायत में शिकायतकर्ता ने लिखा था कि सर्वऋतु विलास में मोहन लाल नाम के व्यक्ति के किराये के मकान में संचालित वृद्धाश्रम में आश्रम संचालिका द्वारा मानसिक विक्षिप्त, बीमार एवं अशक्त वृद्धजनो को बंधक बनाकर दिन-रात काम करवाया जा रहा है। उन्हे वृद्धाश्रम में खाना-पीना तक नहीं दिया जा रहा है। वृद्धजन को भूखे-प्यासे रखकर उनसे जबरन दिन-रात श्रम करवाया जा रहा है । वृद्धो के साथ में एक एड्स रोगी भी लम्बे समय से रह रहा है। बीमार होने पर किसी तरह का ईलाज नहीं करवाया जाता है। डॉक्टरी जांच भी नहीं करवाई जाती है। 

शिकायत में यह भी लिखा गया कि वृद्ध व्यक्तियों द्वारा खाना मांगने पर मारपीट की जाती है । वृद्धाश्रम में कोविड19 के बचाव के कोई उपाय नहीं है । वृद्धाश्रम में ही वृद्धों के साथ सर्फ, अगरबत्ती एवं एसिड की बोटले बेचने वाले सेल्समेन भी सोते है जो रात में वृद्धाश्रम में मुर्गा मछली एवं शराब का भी सेवन करते है एवं पूरी रात मोबाईल पर अश्लील विडियो चलाकर वृद्धजन को सोने भी नहीं देते है । दो वृद्ध वृद्धाश्रम से निकलकर सूरजपोल थाने पहुंचे एवं उन्होने संचालिका की सभी शिकायते थाने पर दी । इस पर सूरजपोल से पुलिसवाले पुनः उन्हे वृद्धाश्रम लेकर आए एवं पुलिसवालों ने भी वृद्धाश्रम की संचालिका के सामने दोनो वृद्धो को खूब डाट फटकार लगाई एवं वृद्धजन को अन्दर डालने की घमकी दी। संचालिका ने दोनो वृद्धजन को वृद्धाश्रम से निकाल दिया एवं संचालिका द्वारा दोनो वृद्धो के संबंध में झूठी रिपोर्ट भी सूरजपोल थाने में दर्ज करवाई गई।

लाठी ट्रस्ट द्वारा सर्व़ऋतु विलास में किराये के मकान में चलाए जा रहे गैर पंजीकृत वृद्धाश्रम पर छापे की कार्यवाही करती श्रीमती रिद्धिमा शर्मा

 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को शिकायत प्राप्त होने पर दिनांक 01 अगस्त 2020 को लाठी वृद्धाश्रम पर छापा मारने की कार्यवाही की गई । छापे की कार्यवाही में सिर्फ अनियमितताएं सामने आई थी । जिसकी विस्तृत रिपोर्ट श्रीमान सदस्य सचिव, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय परिसर, जयपुर,  निदेशालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, आयुक्त देवस्थान विभाग जयपुर, श्रीमान जिला कलेक्टर उदयपुर, श्रीमान पुलिस अधीक्षक को अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजी जाएगी । 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम जब 50ए, सर्वऋतु विलास पर पंहुची तो पाया कि वृद्धाश्रम का कोई बोर्ड मकान के बाहर नहीं लगा हुआ था । वृद्धाश्रम के बारे में जानकारी देने वाला कोई नहीं था । जब सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आस पडौस के व्यक्तियों से पूछताछ की लाठी वृद्धाश्रम कहां है तो एक व्यक्ति ने जवाब दिया कि यहां पर कोई वृद्धाश्रम नहीं है 50 ए मकान के अन्दर तो एक स्कूल चलता है और यहीं पर अगरबत्ती, सर्फ एवं अन्य कीटनाशक को बनाया एवं पेक किया जाता है । 

मकान न. 50 ए के बारे में पता करने पर जानकारी मिली की यह मकान मोहन लाल जी का है और यह किराये पर दे रखा है । मकान के बाहर गेट पर खडा रहने पर पाया गया कि उस मकान के अन्दर से किसी महिला के दर्द से चीखने चिल्लाने एवं रोने की आवाज आ रही थी, एवं दो वृद्ध महिलाएं खिडकियों से झांक रही थी लेकिन कुछ समझने में असमर्थ थी। 

वृद्धाश्रम के गेट पर टीम को अन्दर प्रवेश करने से कोई रोकने वाला चौकीदार तक नहीं था। जब टीम ने वृद्धाश्रम के अन्दर प्रवेश किया तो वृद्धाश्रम में दिन में अंधेरा पसरा हुआ था और वृद्धाश्रम के पिछे की तरफ बने हुए कमरे में एक 90 साल की वृद्ध महिला को अर्द्धनग्न अवस्था में जमीन पर पटक रखा था । कमरे में लाईट नहीं होने से मोबाईल के टोर्च से रोशनी की गई। महिला को बैठाने की कोशिश की गई तो पाया गया कि महिला की रीढ की हड्डी खराब होने से वह बैठने में असमर्थ थी । लगभग 20 मिनट तक वृद्धाश्रम में की गई कार्यवाही के पश्चात् वृद्धाश्रम की द्वितीय मंजिल से एक महिला वृद्धाश्रम में आई । जब उस महिला से उसका पद पूछा गया तो उसने बताया कि वह सर्फ एवं अगरबत्ती कंपनी की मेनेजर है । जब उससे यह पूछा गया कि लाठी वृद्धाश्रम का वार्डन कोन है तो उसने बताया कि वृद्धाश्रम की वार्डन भी वही स्वयं है। इसके पंश्चात् लाठी वृद्धाश्रम की संचालिका भी वहां पर आ गई। 

दर्द से चिल्ला रही वृद्ध महिला के बारे में संचालिका से जानकारी ली गई तो उसने बताया कि इस 80 वर्षीय वृद्ध महिला को एक महिने पूर्व बेटे, बेटियां एवं बहुएं यहां छोडकर गए है एवं यह कह गए है कि घर में इनकी सेवा करने वाला कोई नहीं है। अतः जब तक यह जीवित रहे तब तक इसे वृद्धाश्रम में ही रखना और मरने पर हमे सूचना दे देना हम जलाने के लिए ले जाएंगे। संचालिका से यह पूछा गया कि क्या इसे खाना-पीना एवं दवाईयां समय पर दी जा रही तो संचालिका ने जवाब दिया कि इनके बेटे एवं बहु पिछले 15 दिन से फोन नहीं उठा रहे है एवं हमारे लिखित एग्रीमेंट के अनुसार ट्रस्ट इनके खाने पीने एवं दवाईयों की व्यवस्था नहीं करेगा अतः इनका ईलाज नहीं करवाया जा रहा है। संचालिका से यह भी पूछा गया कि इसको जमीन पर नीचे क्यों सुला रखा है इसको बेड पर क्युं नहीं सुलाया गया है, तो संचालिका ने स्वंय जवाब दिया कि वृद्धाश्रम में कोई केयर टेकर नहीं है अतः इनका ध्यान नहीं रखा जा सकता है वैसे भी अब यह ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेगी। संचालिका से यह पूछा गया कि इसकी रीढ की हड्डी खराब हो चुकी है एवं यह दर्द से इतनी चिल्ला रही है कि बाहर रोड पर इसके रोने, चिखने चिल्लाने की आवाज सुनाई दे रही है, क्या आप द्वारा किसी डॉक्टर को दिखया गया है ? इस पर संचालिका ने जवाब दिया कि वृद्धाश्रम में दवाईयों एवं फर्स्ट एड बॉक्स की कोई व्यवस्था नहीं है । संचालिका से जानकारी ली गई कि वृद्धाश्रम में कोई डॉक्टर वृद्धो की जांच के लिए आता है क्या ? तो सचांलिका ने जवाब दिया कि डॉक्टर नहीं आता है, बाहर मेडीकल की दुकान से वृद्ध स्वयं अपने स्तर पर गोली लेकर आ जाते है । श्रीमती रिद्धिमा शर्मा ने उसी समय लाठी वृद्धाश्रम की संचालिका को 80 वर्षीय महिला को अस्पताल में भर्ती करवाने के निर्देश दिये । 

वृद्धाश्रम में वृद्धो के रहने के कमरे में 1 कि्ंवटल से ज्यादा सर्फ कट्टो में रखा हुआ था, संचालिका से जानकारी लेने पर स्वयं सचांलिका ने बताया कि वृद्धजन से सर्फ बनवाया जाकर पैंकग करवाई जाती है । इस काम के बदले उन्हे खाने एवं रहने की व्यवस्था वृद्धाश्रम में की जाती है । वहां पर उपिस्थत वृद्ध महिलाओं ने जानकारी दी कि यहां पर काम के बदले पैसे नहीं दिये जाते है, काम करने की एवज में खाना एवं रात्री में सोने की सुविधा दी जाती है। 

वृद्धाश्रम के प्रथम तल पर बने वाशरूम के बाहर एक चेतावनी बोर्ड लगा हुआ था कि इसका उपयोग नहीं नहीं करें, कीचन के बाहर चेतावनी लिखी हुई थी कि अपने बर्तन स्वयं धोए, रसोईघर के चेतावनी लिख रखी थी कि कृपया रसोईघर में न जाएं । जब इन चेतावनियों के बारे में संचालिका से जानकारी ली गई तो संचालिका ने स्वयं जवाब दिया कि किचन में खाना बनाने की कोई व्यवस्था नहीं होने की जानकारी वृद्धो को होने के बावजूद भी जब इनको भूख लगती है तो यह किचन में घुस जाते है । संचालिका ने स्वयं यह भी जानकारी दी कि वृद्ध सारे दिन वाशरूम में मल-मूत्र त्यागते है एवं हमारे यहां पर साफ-सफाई करने वाला कोई नहीं आता है। वृद्ध बाहर से खाना लाकर खाते है एवं बर्तन साफ नहीं करते है इसलिए चेतावनी लगा रखी है । 

वृद्धाश्रम की संचालिका ने स्वयं बताया कि यह मकान हमारा स्वयं का नहीं है यह भवन 30,000 रूपये मासिक किराये पर प्राथमिक स्कूल के संचालन एवं वृद्धाश्रम हेतु ले रखा है। इसी भवन में स्कूल एवं वृद्धाश्रम दोनो संचालित है। इस पर वृद्धाश्रम संचालिका से जानकारी ली गई कि जब मकान प्राथमिक स्कूल एवं वृद्धाश्रम संचालन हेतु ले रखा है तो इसमें सर्फ, अगरबत्ती एवं बर्तन धोने के कीटनाशक क्युं बनवाए जा रहे है । इसका कोई संतोषजनक जवाब वृद्धाश्रम की संचालिका नहीं दे सकी। 

वृद्धाश्रम में निवासरत व्यक्तियों हेतु संधारित किये गए रजिस्टर के बारे में जानकारी लेने पर संचालिका ने बताया कि वृद्धाश्रम में किसी भी तरह से वृद्धो हेतु कोई रजिस्टर संधारित नहीं है । वर्तमान में कौन-कौन से वृद्ध निवासरत है इसकी जानकारी लेने पर वृद्धाश्रम की संचालिका ने बताया कि यहां पर जो भी वृद्ध आते है उनके परिवारवालों से 100 रूप्ये के स्टांप लिखापढीं की जाती है । श्रीमती रिद्धिमा शर्मा द्वारा स्टांप की लिखापढी देखे जाने पर पता चला कि प्रत्येक वृद्ध से 100 रूप्ये के स्टांप पर लिखा पढी की हुई थी । स्टांप की लिखापढीं में लिखा हुआ था कि कोई भी वृद्ध वृद्धाश्रम के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही नहीं करेगा, किसी भी तरह का इलाज वृद्धाश्रम में नही करवाया जाएगा, वृद्धाश्रम के नियमों को बाध्यता से पालन किया जाएगा, कोई भी वृद्ध वृद्धाश्रम में रहेगा तो उसकी पूरी पेंशन का ब्यौरा वृद्धाश्रम को दिया जाएगा। 

वृद्धाश्रम में पाल रखी थी एक अंग्रेजी नस्ल की कुतिया 

एक वृद्ध महिला ने जानकारी दी कि उसे सिर्फ इस शर्त पर वृद्धाश्रम में रहने दिया जाएगा कि वह सारे दिन इस कुतिया की देख भाल करेगी। वृद्धाश्रम के अन्दर एक कमरे में तीन गद्दे दार बेड लगा रखे थे जिसके अन्दर उस अंग्रेजी नस्ल की कुतिया को बांध रखा था । वहां उपस्थित वृद्ध महिला ने जानकारी दी कि किसी भी वृद्ध को बेड पर नहीं सुलाया जाता है। सभी वृद्ध हॉल में जमीन पर सोते है। दिन में इस कुतिया को इस कमरें में इसलिए बांधते है कि बेड पर कोई सो ना सके। शाम होने पर संचालिका इस कुतिया को द्वितीय मंजिल पर ले जाकर बांध देती है। यह कमरा अंदर से रात को बंद रहता है। इसके अन्दर रात को सर्फ बेचने वाले सेल्समेन रूकते है। 

संभ्रांत परिवार के एक वृद्ध ने जानकारी दी कि उसका एक बेटा सरकारी नौकर है तो दूसरा दूकानदार फिर भी वह वृद्धाश्रम में रह रहा है। वृद्ध पिता को 16000 की मासिक पेंशन मिलने पर भी वृद्धाश्रम में रहने को मजबूर है।

निरीक्षण के दौरान रिकार्ड की जांच करने पर पाया गया कि महिला थाने में संचालित महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र पर आई 40 वर्षीया पीडिता को भी इसी वृद्धाश्रम में 7 दिन रखा गया। घरेलू हिंसा से मानसिक एवं शारीरिक रूप से पीडित महिला उदियापोल स्थित थाने पर मदद के लिए पहुंची थी। थाने में संचालित महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र की काउन्सलर ने पीडित महिला को गलत दिशा दिखाते हुए आश्रय के लिये गैर पंजीकृत संस्थान में भेजकर 7 दिन में राजीनामा भी करवा दिया, कोविड19 में क्वारेंटाइन सेंटर नहीं भेजा जाकर 18 अप्रेल से 24 अप्रेल तक महिला को गैर पंजीकृत गृह में भेज दिया गया । पीडिता को पति एंवं घरवालो ने मारपीट कर घर से निकाला था। पूर्ण लोकडाउन एवं कर्फ्यु होने के बावजूदं पीडिता गोवर्धन विलास सेक्टर 14 से रोती हुई उदियापोल स्थित महिला थाने पहुंची थी। ना तो पुलिस ने महिला का मेडीकल मुआयना करवाया ना ही गैर पजीगृह ने मेडीकल करवाना उचित समझा।