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कानोड़ में हुई करोडो की लूट का खुलासा 

वारदात में मुंबई की मद्रासी गैंग उर्फ़ अन्ना गैंग का हाथ

 

लूटा गया डेढ़ किलो सोना, 109 किलो चांदी और 1 लाख सत्तर हज़ार रूपये बरामद 

उदयपुर 19 अक्टूबर 2020। जिले के कानोड़ कस्बे में 13 अक्टूबर की रात नगर सेठ सोहनलाल कोठारी को बंधक बनाकर डेढ़ किलो सोना, 125 किलो चांदी और सोलह लाख रूपये नकद की लूट को घटना में पुलिस ने खुलासा करते हुए वारदात के मास्टर माइंड सुरेश डांगी और वारदात में मुख्य रूप से लिप्त मुंबई की मद्रासी गैंग (अन्ना गैंग) के अन्ना उर्फ़ शक्ति वेलु समेत सात को गिरफ्तार किया है। 

उदयपुर जिला पुलिस अधीक्षक कैलाश चंद्र बिश्नोई ने बताया की इस लूट को बहुत ही सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। लूट की घटना को तीन टीम ने मिलकर अंजाम दिया जिसमे पहली टीम में सतीश उर्फ़ नाना निवासी चित्तौड़गढ़ और शांति सिंह उर्फ़ शांतिलाल मीणा निवासी चित्तौड़गढ़ ने सोहनलाल कोठारी की रोज़मर्रा दिनचर्या तथा उसके घर में रखी सम्पति एवं घर के भौगोलिक जानकारी जुटाकर आगे पहुंचाई। 

वहीँ दूसरी टीम में शामिल रोहित उर्फ़ हीरालाल डांगी निवासी उदयपुर, श्रवण उर्फ़ करण निवासी केलवा राजसमंद, सुरेश डांगी निवासी घासा और किशनलाल उर्फ़ सुखलाल उर्फ़ सुखसा निवासी उदयपुर ने पहली टीम द्वारा जुटाई गई सूचनाओं को एकत्रित कर वारदात का प्लान बनाकर तीसरी टीम को बुलाया। 

तीसरी टीम मुंबई की मद्रासी गैंग उर्फ़ अन्ना गैंग के शक्ति वेलु उर्फ़ अन्ना निवासी तमिलनाडु हाल मुंबई, राजेश उर्फ़ राजू मराठा निवासी पनवेल मुंबई, मोहन निवासी तमिलनाडु हाल मुंबई तथा अप्पा मद्रासी ने वारदात की घटना को अंजाम दिया। 

प्रकरण में गिरफ्तार अभियुक्त 

शांति सिंह उर्फ़ शांतिलाल मीणा पुत्र खेम सिंह मीणा उम्र 24 साल निवासी चकतिया बावजी डूंगला जिला चित्तौड़गढ़, सतीश सिंह उर्फ़ नाना पुत्र जेता मीणा उम्र 27 साल निवासी कतिया बावजी डूंगला जिला चित्तौड़गढ़, किशनलाल उर्फ़ सुखलाल उर्फ़ सुखसा डांगी पुत्र केशाजी डांगी उम्र 33 साल निवासी रामा कैलाशपुरी उदयपुर, रोहित उर्फ़ हीरालाल पुत्र धन्ना डांगी उम्र 29 साल निवासी रामा भागल फला कैलाशपुरी उदयपुर, सुरेश डांगी पुत्र देवाजी निवासी उम्र 38 साल निवासी धोली मगरी घासा उदयपुर, शक्ति वेलु कुमार पिता तंगराज नाडर उम्र 46 साल निवासी तमिलनाडु हाल आंबेडकर नगर (वेस्ट) मुंबई तथा श्रवण सिंह उर्फ़ करण राव पुत्र मोहब्बत सिंह राव निवासी कणावदा केलवा जिला राजसमंद को गिरफ्तार किया है।  शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी है। 

जाने वारदात का पूरा घटनाक्रम 

11 अक्टूबर को श्रवण उर्फ़ करण एक हुंडई i10 गाडी में लेकर मद्रासी गैंग के चार जनो को उदयपुर लाया। रात को मादड़ी रीको के होटल में रुकवाया। उदयपुर आकर इन लोगो ने पहले फ़र्ज़ी RJ 27 न. की प्लेट लगाईं। श्रवण इन चारो को पहले कीर की चौकी ले गया वहां पर शांतिलाल मीणा और सतीश रावत मिले और और इन सभी ने घटना की विस्तृत योजना बनाई। इसके बाद सतीश को वहां से रवाना कर दिया।  अभियुक्त रोहित एवं श्रवण दोनों हाइवे पर निगरानी करते रहे तथा शांतिलाल मीणा के साथ मद्रासी गैंग के लोगों को हुंडई कार में घटना को अंजाम देने कानोड़ रवाना कर दिया। 

क्या हुआ था घटना की रात 
कानोड़ कस्बे में शांतिलाल मीणा हुंडई कार को साइड में खड़ा निगरानी करता रहा वहीँ मद्रासी गैंग ने रात 2 बजे घर के पिछवाड़े के गेट का ताला तोड़कर अंदर घुसे और सोहनलाल कोठारी को बाँध कर पटक लिया और चाबियां लेकर सोने चांदी के आभूषण नकदी लेकर हुंडई कार में शांतिलाल मीणा के साथ हाइवे पर आये। हाइवे से अभियुक्त रोहित व श्रवण उर्फ़ करण राव ने मद्रासी गैंग की एस्कॉर्टिंग की।  बारापाल के आसपास मद्रासी गैंग के लोगो ने शांतिलाल, रोहित व् श्रवण उर्फ़  करण राव को गाडी से लुटे गए माल सहित उतार कर कर उनकी हुंडई गाडी को लेकर गुजरात चले गए। 
इसके पश्चात रोहित ने फ़ोन करके किशनलाल डांगी निवासी रामा की टैक्सी में लूटा गए सोने चांदी के आभूषण और नकदी  लेकर वलसाड स्थित सुरेश डांगी कमरे पर चले गये। वहां पर मद्रासी गैंग के लोग और सुरेश डांगी मिले तथा लूटा गया सोना व करीब दस लाख रूपये मद्रासी गैंग ले गयी।  शेष रूपये सुरेश डांगी के कमरे पर छोड़ दिए।  अगली सुबह किशनलाल डांगी उसकी टैक्सी लेकर उदयपुर आ गया और शांतिलाल भी बस में बैठकर उदयपुर आ गया। 

ऐसे हुआ लूट की घटना का खुलासा 

इधर घटना के बाद पुलिस की एफएसएल मोबाईल यूनिट, डॉग स्क्वाड टीम और एसओबी ने कानोड़ कस्बे के सभी सीसीटीवी फुटेज चेक किये सभी होटलो, ढाबो और रेलवे स्टेशन के आसपास गहन छानबीन के आधार पर जानकारी जुटाई गई जिसमे यह सामने आया की वारदात किसी दक्षिण भारत की गैंग और स्थानीय बदमाशों की मिलीभगत से की गई है।   

संदिग्ध अभियुक्तों की तलाश में हिरणमगरी थानाधिकारी डॉ हनवंत सिंह राजपुरहित, वल्लभनगर थानाधिकारी भरत योगी और भिंडर थानाधिकारी देवेंद्र सिंह स्थानीय पुलिस की सूचना व साइबर सेल के सहयोग एवं मुखबिर की सूचना के आधार पर मानखुर्द मुंबई पहुंचकर स्थानीय पुलिस की सहायता से शक्ति वेलु को डिटेन कर करीब आधा किलो बत्तीस ग्राम के सोने के आभूषण बरामद किया।   

उक्त कार्यवाही के बाद शक्ति वेलु के साथियो की तलाश मुंबई में धारावी, अँधेरी, पनवेल, कल्याण, चेम्बूर, ठाणे इत्यादि स्थानों पर जाकर पूछताछ के बाद वलसाड पहुंचे जहाँ सुरेश डांगी के कमरे में बैठकर लूटी हुई चांदी के जेवरात और बर्तनो का बंटवारा करते हुए रोहित उर्फ़ हीरालाल, सुरेश डांगी से 109 किलो चांदी के बर्तन और जेवरात बरामद किये। वारदात में शामिल करण उर्फ़ श्रवण राव को दमन से डिटेन कर उससे लुटे 1 किलोग्राम सोने के जेवरात बरामद किये।  इस प्रकार अब तक अनुसन्धान में लूट की 109 किलो चांदी व् सोने के डेढ़ किलो के आभूषण और एक लाख सत्तर हज़ार रुपए किये जा चुके है। 

अभियुक्तों से बरामद की गई लूट के सोने चांदी के आभूषण और नकदी      

एक माह पहले भी कर चुके है वारदात का प्रयास 

अभियुक्तों से पूछताछ में सामने आया की अभियुक्त रोहित डांगी मुंबई में डेयरी व् आइसक्रीम की लारी पर काम करता है जहाँ पर उसका परिचय सुरेश डांगी व् श्रवण उर्फ़ करण राव से हुआ। सुरेश ने रोहित से कहा की उसके पास एक टीम है, कोई बड़ी लूट की घटना को अंजाम देंगे तो अच्छा फायदा होगा। रोहित ने  शान्तिलाल मीणा को यह बात बताई। जिस पर शांतिलाल मीणा ने कानोड़ के सोहनलाल कोठारी के बारे में विस्तृत जानकारी दी। 

घटना के मास्टरमाइंड सुरेश डांगी व् श्रवण उर्फ़ करण राव अगस्त माह में मद्रासी गैंग के चार जनो को मुंबई से कानोड़ लाया परन्तु सुबह हल्का उजाला हो जाने व वारदात के कानोड़ से निकलने का रास्ता समझ नहीं आने से घटना को अंजाम नहीं दे सके। इसके अलावा मद्रासी गैंग ने घर के मुख्य दरवाज़े से एंटर होने से  कर दिया। पुनः अक्टूबर माह में मद्रासी गैंग ने उदयपुर आकर वारदात को अंजाम दिया। 

घटना में लिप्त अपराधियों का आपराधिक रिकॉर्ड  

इस घटना के मुख्य सूत्रधार सुरेश डांगी के विरुद्ध मुंबई में इसी मद्रासी गैंग के सरगना शक्ति वेल के साथ 2013 में पांच करोड़ की डकैती की मामला मुंबई के दादर थाने में दर्ज है। वहीँ शक्ति वेलु के विरुद्ध मुंबई शहर के विभिन्न थानों में नकबजनी और डकैती के 6 मामले दर्ज है। 

इन पुलिस टीम का रहा योगदान
इन पुलिस टीम का रहा योगदान 
हिरणमगरी थानाधिकारी डॉ हनवंत सिंह राजपुरोहित, वल्लभनगर थानाधिकारी भरत योगी, भींडर थानाधिकारी देवेंद्र सिंह, कानोड़ थानाधिकारी तेज सिंह सांदू, डीएसटी टीम प्रभारी योगेश चौहान, साइबर सेल प्रभारी गजराज सिंह व् लोकेश रायकवाल, हेड कॉन्स्टेबल देवेंद्र सिंह, विक्रम सिंह, सुखदेव, शीशराम, कांस्टेबल रामजीलाल, कुलदीप सिंह, मनमोहन, तपेंद्र, अनिल,  प्रह्लाद, पवन, अनिल, सुनील, हिम्मत सिंह, भेरूलाल और राजेश का विशेष सहयोग रहा।