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शहर के नामी भू-व्यापारी के खिलाफ धोखाधड़ी के दो मामले दर्ज 

सुखेर थानाधिकारी योगेंद्र व्यास ने कहा की दोनों ही मामलों की जाँच उनके द्वारा ही की जा रही है
 

उदयपुर,18.10.23-   शहर के नामी  भू व्यापारी और उद्योगपति गोविन्द अग्रवाल के खिलाफ जमीन के फर्जी पट्टे बनाकर धोखा धड़ी करने का आरोप लगते हुए शहर के सुखेर थाने  में   ने मामला दर्ज करवाया है।  

गौरतलब है की यह  मामला उदयपुर के समर्पित काम्प्लेक्स पुला की रहने वाली सरिता अग्रवाल पत्नी सुमित अग्रवाल ने दर्ज करवाया है जिसमे उन्होंने गोविन्द अग्रवाल पर बिना सहमति के स्वयं अपने हस्ताक्षर कर अनुमोदित (Approve ) करवा लेने और उनके हिस्से की जमींन का भी पट्टा प्राप्त कर लेने  और उन्हें  हानि पहुंचाकर उनका भूखण्ड हडप लेने का आरोप लगाया है।

उदयपुर से राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा), पटवार क्षेत्र भुवाणा, हाल तहसील बडगांव, जिला उदयपुर में स्थित "मणी कुंज" नामी आवासीय योजना में 11836 वर्गफीट का आवासीय भूखण्ड क्रय किया है, जिसका विक्रय पत्र उनके द्वारा प्रार्थिया के हक में 13-मई -2009 को 0.1100 हैक्टेयर जमीन का पूरा विक्रय मूल्य प्राप्त करके निष्पादित कर पंजीकृत करवाया गया विक्रय पत्र में उनके द्वारा आराजी संख्या 3757, 3783, 3789, 3794, 3787, 3793, 3786, 3792, 3802, 3803, 3804, 3805, 3806, 3807, 3810, 3813, 3759, 3764, 3768, 3774, 3778, 4161, 4162. 4163 व 3784 की कुलिया भूमि मे से 0.1100 हैक्टेयर भूमि का विक्रय किया गया।

विक्रय पत्र के निaष्पादन एवं पंजीयन के दौरान गोविन्द अग्रवाल द्वारा उन्हें बताया गया कि विक्रय कि गई जमीन के संबंध में आवासीय उपयोग के लिए  धारा 90-बी की कार्यवाही करवा दी गई है एवं जल्द ही जमीन का पट्टा प्राप्त हो जाएगा , इसी बात पर विश्वास करके प्रार्थीया ने भूखण्ड क्रय करना स्वीकार किया और पूरी  विक्रय मूल्य भी उसी समय ही  गोविन्द अग्रवाल को अदा कर दिया था।

विक्रय पत्र निष्पादन के समय उन्हें जमीन आराजी संख्या 3802 से 3807, 3810 व 3813 के अनुमोदित प्लान में होना बताया था । इसके साथ ही गोविन्द अग्रवाल द्वारा यह बताया गया कि पूरी जमीन की एक ही योजना है, जिसका नाम "मणी-कुंज" है और इस योजना के अन्य सह खातेदार शान्तिलाल मेहता, महेश चन्द्र शर्मा आदि है। रिपोर्ट में उन्होंने पुलिस को बताया की गोविन्द अग्रवाल द्वारा बताया गया कि पूरी जमीन की एक ही योजना है, लेकिन इसमें अलग अलग प्लान अनुमोदित करवाये गये है, इस कारण जमीं मालिकों की जमीन अलग अलग प्लान में हो सकते है, लेकिन उनके विकय पत्र में समस्त आराजियात का वर्णन है।

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को बताया कीवह पिछले लम्बे समय से जमीन के पट्टों के बारे में गोविन्द अग्रवाल से जानकारी कर रही थी। लेकिन गोविन्द अग्रवाल उन्हें नगर विकास प्रन्यास में प्रक्रिया चलने तथा उनके भागीदार शान्तिलाल मेहता और महेश चन्द्र शर्मा से विवाद होने की बात कहकर झांसा देते रहे लेकिन हाल ही में उन्हें पता चला की गोविन्द अग्रवाल ने अपनी पत्नी मणी अग्रवाल के साथ आपराधिक षड़यंत्र  (conspiracy) रचकर राजस्व ग्राम रूपनगर (भुवाणा) की आराजी संख्या- 3799, 38003801 पार्ट 3802 से 3807, 3810 व 3813 का प्लान उनके हिस्सा होते हुए भी बिना उनकी सहमति के स्वयं अपने हस्ताक्षर कर अनुमोदित करवा लिया एवं मेरे हिस्से की भूमि का भी पट्टा प्राप्त कर लिया, मेरा भूखण्ड हडप लिया।

उन्होंने ने रिपोर्ट में बताया की गोविन्द अग्रवाल  ने समस्त राशि प्राप्त करके आराजी नम्बर 3802, 3803, 3804, 3805, 3806, 3807, 3810, 3813 में से उन्हें हिस्सा विक्रय किया था एवं इनके अतिरिक्त अन्य आराजियों का भी विक्रय पत्र करवाया था, इस कारण उन्हें हमेशा भरोसा रहा था कि जब भी नगर विकास प्रन्यास से पट्टे प्राप्त होंगे उनकी सहमति से उन्हें  भी उनका भूखण्ड मिल जाएगा, लेकिन उनका आरोप है की उनके साथ धोखाधडी करते हुए 5.जुलाई 2023 को योजना मानचित्र अनुमोदित कराकर उन्हें बेचीं गई जमीन के तथ्य नगर विकास प्रन्यास (UIT) , उदयपुर से छिपाते हुए बद नियतीपवूक नगर विकास प्रन्यास (UIT), उदयपुर से इस योजना में शामिल सभी जमीनों के आवंटन पत्र एवं पट्टे अपने खुद के नाम पर हासिल कर लिये है, जबकि इन आराजियात में  उनका हिस्सा भी शामिल  है, जो खुद इन्होंने ही उन्हें बेचा था । इस प्रप्रकार उनकी हिस्से की जमीन का भी नगर विकास प्रन्यास में गलत तथ्य प्रस्तुत करते हुए उनक हक में निष्पादित विक्रय पत्र को छुपाते हुए पूरी जमीन का अपने खुद के नाम पर पट्टा प्राप्त कर लिया है।

उन्होंने बताया की गोविन्द इस जमीन  के विक्रय पत्र का उनके पक्ष में निष्पादन एवं पंजीयन होने की जानकारी एवं आराजी संख्या 3802 से 3807, 38103813 की योजना में मुझे 11836 वर्गफीट आवासीय प्रयोजनार्थ जमीन  के आवंटन करवाने की जानकारी गोविन्द अग्रवाल की पत्नी मणी अग्रवाल को प्रारम्भ से रही थी, क्योंकि में कई बार इसके संदर्भ में गोविन्द अग्रवाल से उनके घर पर उनकी पत्नी की मौजूदगी में उन्होंने मुलाक़ात की थी , और वे हमेशा कोई ना कोई बहाना बनाकर उन्हें टालते रहे है।

उन्होंने थाने  में रिपोर्ट दर्ज करवा मामला की गहनता से जाँच कर  उन्हें इन्साफ दिलाने की गुहार लगाई है। 

तो वहीँ इसी तरह का आरोप उदयपुर के भान बाग  (NEW FATAHPURA) की रहने वाली शांता मारु पत्नी शांति लाल मारु ने भी गोविन्द अग्रवाल उनकी पत्नी मणि अग्रवाल और बेटे दीपक अग्रवाल के खिलाफ सुखेर ठाणे में दर्ज करवाई है ,जिसमे उन्होंने भी तीनो पर उनके द्वारा खरीदी गई जमीं को धोखे से तथ्य छुपा कर पट्टा हासिल करने का आरोप लगया है।  

उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया है की अन्य आराजियों की भूमि भी उन्होंने इसी पंजीकृत विक्रय पत्र के जरिये खरीदी थी। जिसका पंजीकृत (Registered ) विक्रय पत्र में विस्तृत लिखा हुआ है, लेकिन उन आराजीयात की जमींन के सम्बन्ध में वर्तमान में विवाद नहीं है और उन आराजियात का पट्टा भी नगर विकास प्रन्यास (UIT) से प्राप्त कर लिया है, इसलिये उनका इस परिवाद में जिक्र नहीं किया है। उनके द्वारा क्रय की गई 0.1225 हैक्टेयर जमीन के सम्बन्ध में राजस्व मण्डल अजमेर में वाद विचाराधीन होने से उनके द्वारा कभी भी इस जमीन का पट्टा प्राप्त करने के लिए नगर विकास प्रन्यास (UIT) उदयपुर में आवेदन नही किया गया है और इस जमीन के संबंध में उनके सह खातेदार गीता देवी अग्रवाल पत्नी श्री जगदीश प्रसाद अग्रवाल द्वारा भी जमीन को विक्रय नहीं किया गया है। इस आराजी संख्या 3952, 3953 एवं 3956 की कुलिया भूमि के मध्य रोड होने से इस जमीन का पष्चिमी हिस्सा जिसका क्षेत्रफल (AREA ) 0.2450 हैक्टेयर है, वो हिस्सा उनके और गीता देवी अग्रवाल के संयुक्त स्वामित्व का होकर उनके कब्जे में है यानी  की जो कब्जा मूल खातेदारों से ग्रेस कोलोनाईजर्स प्रा. लि. को उनके हक में निष्पादित विक्रय पत्र दिनांक 28-11-2005 से प्राप्त हुआ था वो ही कब्जा परिवादीया के पास है।


दोनों ही मामलों के बारे में बात करते हुए सुखेर थानाधिकारी योगेंद्र व्यास ने कहा की दोनों ही मामलों की जाँच उनके द्वारा ही की जा रही है , मामलों की जाँच शुरू करदी गई है और दोनों ही मामलों में सरतावेज़ों को मंगवाकर उनकी गहनता से जाँच की जाएगी।