शैक्षिक अनुभव में धोखाधड़ी, MLSU के प्रोफेसर के खिलाफ FIR दर्ज
राज्यपाल के निर्देश पर पुलिस हरकत में आई और FIR दर्ज की गई
उदयपुर 16 अक्टूबर 2025। शैक्षिक अनुभव की झूठी जानकारी देकर नियुक्ति पाने के मामले में मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ महेन्द्र सिंह ढाका के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। उदयपुर शहर के प्रतापनगर थाने में बुधवार को मामला दर्ज हुआ। जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 6 और 7 जुलाई 2023 को प्रो. ढाका के खिलाफ FIR करने की शिकायत भेजी थी लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।
हाल ही जब राज्यपाल का उदयपुर दौरा हुआ तो इस मामले में वापस राज्यपाल को अवगत कराया गया। राज्यपाल के निर्देश पर पुलिस हरकत में आई और FIR दर्ज की गई। मामले में एफआईआर देरी से दर्ज करने का कारण पूछने के लिए प्रतापनगर थानाधिकारी राजेन्द्र चारण से कई बार फोन पर संपर्क किया। मैसेज भेजकर सवाल पूछने का प्रयास किया लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।
नौकरी पाने के लिए फर्जी अनुभव लगाया
FIR के अनुसार प्रो. ढाका ने वर्ष 2010 में भौतिकी के सह आचार्य पद की वैकेंसी के लिए अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर एक एफिडेविट पत्र दिया था। 17 मार्च 2012 को प्रो. ढाका ने बतौर सह आचार्य ज्वाइन किया। बाद में शिकायत मिलने पर राजभवन ने 12 अप्रैल 2022 को जांच के आदेश दिए।
जिसके बाद जांच समिति ने पाया कि 1 नवंबर 2007 में प्रो. ढाका ने जो शैक्षिक अनुभव और नियुक्ति संबंधी दस्तावेज पेश किए थे। उसमें सत्यता को छिपाया गया। जांच में सामने आया कि नौकरी पाने के लिए धोखाधड़ी से गलत दस्तावेज पेश किए गए। ऐसे में समिति ने प्रो. ढाका के खिलाफ FIR दर्ज करने की सिफारिश की थी।
पुलिस ने दो साल बाद दर्ज की FIR
प्रतापनगर थाना पुलिस ने आखिरकार दो साल बाद प्रो.ढाका के खिलाफ FIR दर्ज की है। सबसे पहले 6 और 7 जुलाई को युनिवर्सिटी प्रबंधन ने प्रतापनगर थाने में शिकायत भेजी थी लेकिन दर्ज नहीं की गई। इसके बाद करीब डेढ़ माह पूर्व जब कुलपति प्रो.सुनीता मिश्रा का विवाद सामने आया। तब वापस प्रो.ढाका पर FIR दर्ज करने का मुद्दा वापस उठा। क्योंकि प्रो. ढाका कुलपति प्रो सुनीता मिश्रा के करीबी माने जाते हैं।
ऐसे में एक माह पहले भी रजिस्ट्रार वीसी गर्ग ने प्रतापनगर थाने में FIR दर्ज करने का प्रार्थन पत्र दिया। फिर भी थानाधिकारी ने शिकायत दर्ज नहीं की। हाल ही तीन दिन पहले जब राज्यपाल का उदयपुर दौरा हुआ तो यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने राज्यपाल को इसकी शिकायत की। फिर राज्यपाल के निर्देश पर आखिरकार थाने में प्रो. ढाका के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।