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पंचो के फैसले के खिलाफ महिला ने उठाई आवाज, एसपी से कार्यवाही मांग की 

उसका आरोप है की बेटा नहीं होने से उसका पति उसे नहीं रखना चाहता है
 

राजसमंद। जहां एक तरफ बुधवार को उदयपुर महिला मोर्चा सदस्यों द्वारा जयपुर में थाली बजाकर प्रदेश में बढ़  रहे महिला अपराध और उत्पीड़न के खिलाफ़ आंदोलन किया तो वहीँ दूसरी ओर एक और महिला उत्पीड़न का मामला सामने आया। 

दरअसल मामला राजसमंद के केशगुड़ा गांव का है जहां कथित रूप से दहेज प्रताड़ना के एक मामले को लेकर समाज में पंचों द्वारा पति के पक्ष में फैसला सुनाते हुए महिला और उसके परिवार को समाज से बहिष्कृत कर  दिया गया। इस मामले को लेकर अब महिला पंचों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की मांग कर रही है। 

पीड़ित महिला ने बताया की उसके पति से उसकी शादी 7 साल पहले हुई थी, लेकिन पति द्वारा उसके साथ मारपीट की जाती थी और दहेज़ की मांग की जाती थी जिसके चलते वह उसके पीहर लौट आई, महिला को अपने पति से 2 बेटियां भी है। उसका आरोप है की बेटा नहीं होने से उसका पति उसे नहीं रखना चाहता है। 

इसको लेकर उसने अपने पति के खिलाफ दहेज़ प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया जो अभी कोर्ट में विचाराधीन है। लेकिन उसके पति द्वारा मुक़दमे को लेकर समाज में इस बात को उठाया और उसे और उसे परिवार को समाज से बहिष्कृत भी कर  दिया गया। साथ ही उस पर मामला वापस लेने का दबाव भी बनाया जा रहा है, साथ ही समाज के कुछ लोगों द्वारा कथित रूप से समाज में वापस शामिल करने के एवज में पैसे की मांग भी की जा रही है। इसी के चलते बुधवार को पीड़ित महिला एसपी ऑफिस पहुंची एसपी ऑफिस पहुंची और न्याय की मांग की और साथ ही उसे और उसके परिवार की समाज से बहिष्कृत करने वाले पंचो के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की। 

उसका कहना है की पंचों द्वारा समाज से बहिष्कार करते हुए 1001 रुपय का जुर्माना लगाकर रकम प्राप्त कर रसीद भी काटी गई। समाज के पंचों द्वारा  महिला पर दबाव डाला जा रहा है कि समाज में रहना है तो उसे 2 लाख रूपए की राशि जमा करानी होगी और साथ ही न्यायालय में चल रहे मुक़दमे को खारिज करना होगा । इस मामले को लेकर पीड़ित महिला ने एसपी ऑफिस में ज्ञापन सौंपा और कार्यवाही की।