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गिट्स एवं एम.एस.एम.ई. के मध्य कौशल विकास एवं रोजगार एन्हांसमेंट हेतु करार

इस करार से गिट्स के विज़न और मिशन के साथ-साथ लक्ष्य निर्धारण करने में सहायता मिलेगी
 

गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज, डबोक उदयपुर एवं सुक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (भारत सरकार का उपक्रम) के मध्य विद्यार्थियों के कौशल विकास एवं रोजगार एन्हांसमेंट हेतु करार हुआ। यह करार एम.एस.एम.ई. उदयपुर के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. प्रवीण आर जोशी एवं गिट्स के संस्थान निदेशक डॉ. एन.एस. राठौड के द्वारा हस्ताक्षर एवं समझौता प्रपत्र के आदान प्रदान करके किया गया। 

इस करार के दौरान डॉ राठौड ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इण्डस्ट्रीयल युग में तकनीकी ज्ञान का बोलबाला हैं। तकनीकी हमारे सोच से भी ज्यादा बदल रही है। ऐसे में आपके साथ -साथ आपका कॅरिकुलम भी इण्डस्ट्री ओरियन्टेड होना चाहिए। इस करार से गिट्स के विज़न और मिशन के साथ-साथ आपको अपने लक्ष्य निर्धारण करने में सहायता मिलेगी। 

किसी भी ट्रेनिंग के लिये ज्ञान बुनियादी आधारभूत, स्किल और नोलेज ट्रांसफर जैसे चीजे महत्वपूर्ण होती हैं। इस ट्रेनिंग से ये चारों चीजें आपको हासिल होगी। इसके अतिरिक्त बी.टेक के पाठ्यक्रम के अलावा 06 सिग्मा, एनर्जी मेनेजमेंट और एनर्जी ऑडिट जैसी चीजें आपको सिखाई जायेगी। जिससे आप नई तकनीक के साथ कदम से कदम मिलाकर चल पायेंगे। 

एम.एस.एम.ई. उदयपुर एवं गिट्स के बीच यह करार विद्यार्थियों के टेक्नीकल स्किल को बढाएगा जिससे विद्यार्थियों के तकनीकी सोच को नया आयाम मिलेगा। विद्यार्थियों को स्किल डवलपमेंट पारंगत बनाने तथा अन्तरप्रन्योर डवलपमेंट हेतु यह करार किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डॉ. प्रवीण आर जोशी ने कहा कि इण्डस्ट्री की आवश्यकता के अनुसार हमें अपने आप को बदलना होगा। हम भारत के प्रधानमंत्री के भावी महत्वपूर्ण विजन ‘‘0 डिफेक्ट 0 इफेक्ट’’ के साथ -साथ स्किल, स्केल एवं स्प्रीट को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा, तभी हम  प्रधानमंत्री के विजन को साकार कर पायेंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए एम.एस.एम.ई. में हर ब्रान्च के विद्यार्थी को सिखने के लिए पर्याप्त संसाधन की व्यवस्था की गई हैं। भविष्य में फेकल्टी डवलपमेंट प्रोग्राम कराने की भी योजना हैं जिससे नोलेज हस्तांतरण आसानी हो सके।

सी.डी.सी. एवं प्लेसमेंट हेड अरविन्द सिंह पेमावत ने धन्यवाद पारित करते हुए कहा कि जब दो संस्थाए मिलकर किसी खास लक्ष्य प्राप्ति के लिए मिलकर काम करती हैं उससे करार कहा जाता हैं। यह लक्ष्य यहां कौशल और विकास से विद्यार्थियों को परिपूर्ण करना है। कुशल ट्रेनिंग का बहुत बडा योगदान हैं क्यूंकि ट्रेनिंग ही है जो विद्यार्थियों के अन्दर छुपी प्रतिभा को निकालकर उससे निखारकर तकनीकी ज्ञान में निपुण बनाती हैं। 

एम.एस.एम.ई. के मदद से हमें विद्यार्थियों के नवीनतम तकनीकी ज्ञान को बढावा देने में मदद मिलेगी। इस करार से गिट्स के विद्यार्थी नवीनतम तकनीक जैसे डिजाइन और डवलपमेंट, कैड कैम, आर्टीफिशियल इन्टेलीजेंस, डेटा साईंस एण्ड पाईथन, मशीन लर्निंग, इलेक्ट्रिकल कैड, थ्रीडी मेक्स, रैविट आर्किटेक्चर के साथ-साथ मेनेजरियल ट्रेनिंग प्राप्त कर सकेेंगे। 

पेमावत ने इस करार का श्रेय गीतांजली के ग्रुप डायरेक्टर श्रीमती कनिका अग्रवाल के साकारात्मक विजन को दिया। इस अवसर पर गीतांजली ग्रुप डायरेक्टर श्रीमती कनिका अग्रवाल, सहायक निदेशक दीपक गुप्ता एम.एस.एम.ई. जयपुर, गिट्स के एम.बी.ए. निदेशक डॉ. पी.के. जैन एवं वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड सहित पूरा गीतांजली परिवार उपस्थित था। इस ट्रेनिंग की सहायता से विद्यार्थियों को एक सफल एन्तरप्रन्योर बनने में सहायता मिलेगी।