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गिट्स में 48 घंटे तक चल रहे हेक आविष्कार- 2022 का समापन

रियल रिसर्च वही है जो जिसका आउटपुट बिजनेस आउटकम में तब्दील हो जाए
 

गीतांजलि इंस्टीट्यूट आफ टेक्निकल स्टडीज में गूगल डेवलपर कोड व कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वाधान में 48 घंटे तक चलने वाला कार्यक्रम हेक अविष्कार 2022 का समापन हो गया। 

संस्थान के निदेशक डॉ एन एस राठौड़ ने बताया कि आम जीवन की वास्तविक समस्याओं का निराकरण यदि तकनीक के माध्यम से होता है तो वह आम आदमी के जीवन को सरल बनाता है। भारत सरकार में यही तकनीक हैकथॉन के नाम से प्रचलित है। इसी कथन के तर्ज पर हेक अविष्कार का कार्यक्रम किया गया। 

हेक अविष्कार विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने वाला एक प्लेटफार्म है जिस पर विद्यार्थी कोडिंग व अन्य तकनीक के माध्यम से रियल लाइफ प्रॉब्लम का समाधान करते हैं। 

समापन के दौरान विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए राठौड़ ने कहा कि आज के इस तकनीकी युग में सफल होने के लिए तकनीक के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल का होना बहुत जरूरी है, आपको इन्वेंट, इनोवेट और इनोवेशन पर काम करना होगा। रियल रिसर्च वही है जो जिसका आउटपुट बिजनेस आउटकम में तब्दील हो जाए।

कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ मयंक पटेल के अनुसार 48 घंटे तक चलने वाले इस कार्यक्रम में आई ओ टी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ए आर / वी आर, मशीन लर्निंग तथा ब्लॉकचेन पर रियल लाइफ की समस्याओं के निदान के लिए प्रॉब्लम दी गई थी। इसमें विद्यार्थियों ने गाय के लम्पी वायरस की पहचान करना, एनर्जी एवं  वाटर कंजर्वेशन तथा सरकारी तथा गैर सरकारी संपत्तियों की जियो टैगिंग करना तथा ऑटोमेटिक एनिमल फीडर जैसी अनेक चीजें बनाकर बहुत सारी समस्याओं का निदान सुझाया, जिसको 3 जजों के पैनल ने एग्जामिन कर उचित और सरल  समाधान प्रदान करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा । कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर रूचि व्यास द्वारा किया गया ।