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"पर्यावरण संरक्षित करते हुए सतत् विकास की जरूरत" - प्रो. सारंगदेवोत

दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस का हुआ आगाज

 

नयी शिक्षा नीति पुरातन व आधुनिकता का अद्भूत संगम है। समाज में जो आज परिवर्तन हो रहे उसके अनुसार विधार्थी अपने आप को तैयार करे, इसके लिए नयी शिक्षा को लाया गया है। इसमें रिसर्च पर जोर दिया गया है जिस पर केन्द्र सरकार ने 50 लाख करोड़ का प्रावधान रखा है। आज के युवा फिल्मी कलाकार, खिलाड़ी को अपना  आदर्श मानते है जो ठीक नहीं है हम इनके प्रशंसक हो सकते है। सत्य यह है कि कोई भी देश अभिनय, रोमांच, रोम से नहीं चल सकता, शिक्षक, इंजीनियर, डाक्टर और वैज्ञानिक ही विकास के पहिये है और ये ही हमारे आदर्श हो सकते है। 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र बनाना है तो  हमें वर्ककल्चर डवलप करना होगा। हमें अनुशासित होना होगा, बातो से देश नहीं चलता।  उक्त विचार सोमवार को भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के संघटक विज्ञान संकाय एवं प्रबंध संकाय के संयुक्त तत्वावधान में "संस्टेनेबल डवलपमेंट इन इनफोरमेशन टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट" विषय पर आयोजित दो दिवसीय अन्तरराष्ट्रीय कान्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि कोटा खुला विवि के कुलपति प्रो. कैलास सोडानी ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होनें कहा कि आज का विषय विकास, परिवर्तन और प्रबंधन हैं। विकास - परितर्वन की गंगा शुरू होती है ज्ञान से। बी.एन. संस्थान को बधाई देते हुए प्रो. सोडानी ने कहा कि आज  से 100 साल पहले जिस समय देश को  शिक्षा की सख्त जरूरत थी उस समय शिक्षा का दीप प्रज्जवलन किया जो आज मशाल के रूप में हमारे सामने है। परिवर्तित समय में वही देश आगे बढ़ेगा जिसके पास ज्ञान है, हमें ज्ञानवान बनना होगा। 

चेयरपर्सन कर्नल प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण को संरक्षित करते हुए हमें सतत् विकास करने की जरूरत है। व्यक्ति अपने स्वार्थ के कारण प्राकृतिक संसाधनों का पिछले 50 वर्षो से निरंतर दोहन करते जा रहा है जिसका पर्यावरण पर काफी असर पड़ रहा है जिसे आये दिन विश्व के किसी न किसी कोने में भुकम्प, चक्रवात, भूस्खलन की घटनाए देखने को मिलती है। हम ऐसा विकास करे जिससे प्रकृति को भी नुकसान न हो और इसे भावी पीढ़ी के लिए भी बचाया जा सके है। सतत् विकास को लेकर आज पूरा देश चिंतित है। आईटी एवं  मैनेजमेंट के माध्यम से विकास पर कंट्रोल किया जा सकता है। यूनाईटेड नेशनल ने अभी 17 गोल दिये है उसमें चौथा गोल क्वालिटी एज्यूकेशन का है। यह पूरे विश्व में जोर शोर से चल रहा है । 2030 तक हमें सतत विकास के जो उद्देश्य है उसे पूरे करने है।  उन्होंने कहा कि एक कम्प्यूटर, लेपटॉप बनाने के लिए हजारों लीटर पानी की आवश्यकता होती है, आज प्रतिदिन एक सौ 60 हजार लेपटॉप व कम्प्यूटर अत्तू हो रहे है इससे हमारे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।  अधिष्ठाता डॉ. रेनू राठौड़ ने विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया कि सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुनिता मिश्रा ने कहा कि वंचित वर्ग तक सुविधाओं का लाभ पहुंचाये बिना हम सतत् विकास की कल्पना नहीं  कर सकते। देश के हर व्यक्ति का अधिेकार है कि उसे सभी सुविधाओं का लाभ मिले।

विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. महेंद्र सिंह राठौड़, ने सूचनाओं की विवेकपूर्ण इस्तेमाल पर जोर देते हुए उचित प्रबंधन पर अपनी बात कही। कुल सचिव मोहब्बत सिंह राठौड ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर श्री शक्ति सिंह कारोही वित्त मंत्री ,श्री राजेंद्र सिंह झाला संयुक्त मंत्री, श्री युवराज सिंह राठौड़ विद्या प्रचारिणी कार्यकारिणी सदस्य ,श्री भानु प्रताप सिंह, मंत्री ओल्ड बॉयज एसोसिएशन,श्री दिलीप सिंह कार्यकारिणी सदस्य सहित अन्य पदाधिकारी एवं बी.एन. विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित सभी संकाय के अधिष्ठाता भी उपस्थित रहे।इसी के साथ सोविनियर का विमोचन भी हुआ।

प्रबंधन संकाय निदेशक डॉक्टर रजनी अरोड़ा ने कहा कि यह संगोष्ठी हाइब्रिड मोड पर हो रही है तथा इसमें 200 से अधिक विषय विशेषज्ञ एवं शोधार्थी भाग लेंगे इन शोध पत्रों में विदेशी शोध पत्र भी अधिक संख्या में प्राप्त हुए हैं। विभागाध्यक्ष  कंप्यूटर विज्ञान संकाय डॉ. विवेक चपलोत ने बताया कि दो समानांतर सत्र प्रबंधन शंका एवं कंप्यूटर संकाय में होगी जिसमें 5-5 तकनीकी सत्रों में विभिन्न शोध पत्रों का वाचन होगा । सह अधिष्ठाता डॉ. रितु तोमर ने बताया कि पोस्टरप्रदर्शनी का सत्र भी सराहनीय रहा तथा 30 से 35 की संख्या में आयोजित पोस्टर प्रदर्शनी में सभी उच्च स्तरीय रहे तथा निर्णायक गणों ने सभी की भूरी-भूरी प्रशंसा की। आयोजन सचिव डॉ.खातून कत्थावाला एवं डॉ.शुभी धाकड़ ने जानकारी देते हुए कहा कि कीनोट स्पीकर प्रो. आशीष गडेकर, डीन अमित्य इंस्टीट्यूट आफ हायर इंस्टिट्यूट मॉरीशस ने इंडस्ट्री 4.0 से इंडस्ट्री 5.0 एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर व्याख्यान देते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चाहे कितने भी तेजी से आगे बढ़े लगाम हमें अपने हाथों में रखनी होगी। डॉ.जगदीश चंद्र व्यास, किंग अब्दुल्लाह यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी सऊदी अरेबिया  ने "अनलॉकिंग अर्थ क्विक सीक्रेट्स; द पावर ऑफ़ सुपर कंप्यूटिंग इन सीस्मोलॉजी "पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। समन्वयक डॉ. प्रियंका शक्तावत डॉ.सुतिष्ण राणावत ने संपूर्ण कार्यक्रम की जानकारी प्रदान की। मंच का संचालन डॉ. मनीषा शेखावत, डॉ. तन्वी अग्रवाल डॉ. रीना मेहता ने किया।