गीतांजली यूनिवर्सिटी में कोन्वोकेशन-2023 का हुआ आयोजन
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि मानवीय संवेदना डॉक्टर के जीवन में सबसे आवश्यक
उदयपुर 11 जुलाई 2023 । को गीतांजली यूनिवर्सिटी द्वारा कोन्वोकेशन-2023 का आयोजन गीतांजली यूनिवर्सिटी के स्वर्गीय नर्मदा देवी अग्रवाल ऑडिटोरियम में किया गया। कोन्वोकेशन - 2023 के मुख्य अतिथि भारतीय लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला, विशिष्ट अतिथि पूर्व एम्स (AIMS New Delhi), डायरेक्टर पदम् श्री डॉ रणदीप गुलेरिया, गीतांजली ग्रुप के चेयरमैन व गीतांजली यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री जे.पी अग्रवाल रहे।
कोन्वोकेशन के मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि को प्रोसेशन द्वारा आदर-सत्कार से गीतांजली परिवार की नेतृत्व टीम में गीतांजली ग्रुप के चेयरमैन श्री जे.पी. अग्रवाल, वाईस चेयरमैन श्री कपिल अग्रवाल, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अंकित अग्रवाल, गीतांजली यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ ऍफ़.एस. मेहता, रजिस्ट्रार श्री मयूर रावल के साथ स्वर्गीय नर्मदा देवी अग्रवाल ऑडिटोरियम में प्रवेश किया। इसके पश्चात् गीतांजली यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री जे.पी अग्रवाल ने कोन्वोकेशन–2023 का आगाज़ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ दीप प्रज्वल्लित करके हुई। मुख्य अतिथि भारतीय लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला का स्वागत गीतांजली ग्रुप के वाईस चेयरमैन श्री कपिल अग्रवाल ने किया, विशिष्ट अतिथि पूर्व एम्स( AIMS, New Delhi) डायरेक्टर पदम् श्री डॉ रणदीप गुलेरिया का स्वागत गीतांजली ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अंकित अग्रवाल ने किया और साथ ही गीतांजली यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री जे.पी अग्रवाल का स्वागत गीतांजली यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ. ऍफ़.एस.मेहता ने किया।
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अंकित अग्रवाल ने स्वागत भाषण में भारतीय लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला की सादगी से ओतप्रोत व्यक्तित्व की सराहना की कहा कि उनका जाना पहचाना नाम संसद के सितारे और उनके बोलने के आचरण में उनका व्यक्तित्व की झलक देखने को मिलती है। उन्होंने ये भी बताया कि राजनीति के क्षेत्र में श्री ओम बिरला के समर्पण और योगदान, उनके नेतृत्व कौशल और सार्वजनिक सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें अपने साथियों और घटकों के बीच सम्मान और मान्यता दिलाई है। लोकसभा अध्यक्ष के रूप में, वह भारत के संसदीय लोकतंत्र के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
श्री अंकित अग्रवाल ने पदम् श्री डॉ रणदीप गुलेरिया जी की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के बाद से डॉ. रणदीप गुलेरिया हर घर में जाना-पहचाना चेहरा हैं। वह कोविड समय के दौरान नीतियों और क्लिनिकल प्रोटोकॉल के "वास्तुकार" हैं। भारत के COVID- 19 प्रतिक्रिया प्रयास का एक हिस्सा है। हम उनके आभारी हैं आम जनता के साथ-साथ चिकित्सा कर्मियों को उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए मार्गदर्शन किया। वह इसके लिए भारत सरकार के सलाहकार थे। उनके अडिग रवैये ने महामारी में भारतीय पत्रकारों के कई उत्तेजक सवालों का सामना किया है।
साथ ही श्री अंकित अग्रवाल ने कोन्वोकेशन के लिए एकत्रित हुए सभी विद्यार्थियों व उनके माता-पिता का भी स्वागत किया।
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए मुख्य अतिथि भारतीय लोकसभा स्पीकर श्री ओम बिरला, विशिष्ट अतिथि पूर्व एम्स डायरेक्टर पदम् श्री डॉ रणदीप गुलेरिया, चांसलर श्री जे.पी. अग्रवाल द्वारा गीतांजली यूनिवर्सिटी के एम.बी.बी.एस, फार्मेसी, नर्सिंग, डेंटल, फिजियोथेरेपी के 42 गोल्ड मेडल्स एवं 511 ग्रेजुएट्स, पोस्ट ग्रेजुएट व पी.एच.डी विद्यार्थियों को डिग्रीयां प्रदान की गयी।
साथ ही साथ ही तीन Honoris Causa की उपाधि से Emeritus Professors डॉ सुनंदा गुप्ता, डॉ ए.के गुप्ता एवं डॉ अब्बास अली सैफी को उनके चिकित्सा क्षेत्र में अविस्मरनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।
डॉ ऍफ़.एस मेहता ने एनुअल रिपोर्ट पेश की जिसमें गीतांजली यूनिवर्सिटी में होने वाली रिसर्च, स्पोर्ट्स, स्टाफ ओवरव्यू, उपलब्धियां इत्यादि के बारे में जानकारी प्रदान की साथ ही उन्होंने गीतांजली हॉस्पिटल में मौजूद अत्याधुनिक सेवाओं के बारे में भी विवरण प्रदान किया।
गीतांजली यूनिवर्सिटी के चांसलर श्री जे.पी अग्रवाल ने मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि को सप्रेम आभार प्रकट किया व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्नातक अंत नहीं है, बल्कि एक लंबी यात्रा की शुरुआत है, इस यात्रा में, आपको समाज की भलाई के लिए विनम्रता और करुणा के साथ अपनी पेशेवर विशेषज्ञता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि रोगियों का इलाज करते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आप केवल शरीर का इलाज नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनके स्वास्थ्य को लेकर उनके मन में जो चिंताएं और शंकाएं हैं, उनका भी इलाज कर रहे हैं। उनकी चिंता को कम करने का प्रयास करें और उन्हें आत्मविश्वास और आशा दें। मरीजों को यह महसूस होना चाहिए कि डॉक्टर को उनकी परवाह है क्योंकि डॉक्टर मरीजों के लिए भगवान के समान होता है। मुझे आशा है कि आप अपनी उपलब्धियों से देश का नाम रोशन करेंगे और मानवता की सेवा भी करेंगे।
इसके पश्चात् चांसलर द्वारा उपस्तिथ विद्यार्थियों को शपथ ग्रहण करवाई गयी।
डॉ रणदीप गुलेरीया ने उपस्तिथ सभी विद्यार्थियों व उनके माता-पिता को इस महत्वपूर्ण यात्रा के लिए बधाई दी। साथ ही उन्होंने गीतांजली यूनिवर्सिटी के सभी फैकल्टी को धन्यवाद प्रेक्षित किया और उनके द्वारा विद्यार्थियों को दिए गए मार्गदर्शन की वजह से आज उनको ये मुकाम हासिल हुआ है। नयी पीढ़ी को सही दिशा में सोच देने में में और आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार करने में फैकल्टी का योगदान सबसे महत्वपूर्ण होता है।
उन्होंने कहा कि आज गीतांजली यूनिवर्सिटी मेडिकल व शिक्षा के क्षेत्र में पूरा भारतवर्ष में जाना पहचाना नाम है। उन्होंने गीतांजली यूनिवर्सिटी में गत वर्ष आयोजित हुए नेपकोन- 2022 की दौरान गीतांजली यूनिवर्सिटी के उच्च स्तरीय शिक्षा पद्धति के बारे में जाना और समझा, इसके लिए उन्होंने संपूर्ण प्रशासन को बधाई अर्पित की। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमे भगवान को हेल्थकेयर प्रोफेशनल बनाने के लिए धन्यवाद करना चाहिए और सदा विनम्रता से रोगी के इलाज के प्रति सजग रहना चाहिए।
कोन्वोकेशन के मुख्य अतिथि ओम बिरला ने कहा कि गीतांजली यूनिवर्सिटी की ख्याति सम्पूर्ण भारत में है। उन्होंने कहा कि इस मेडिकल कॉलेज का उद्देश्य आम जनता को कम से कम लागत में अत्याधुनिक उपचार मिल सके यह सोच के किया गया था जो कि सच हुआ है। आज गीतांजली में 10 लाख से ज़्यादा आउटडोर रोगी हैं और साथ ही 90,000 से भी ज्यादा इंडोर पेशेंट हैं, सुपरस्पेशलिटी की सेवाएं हैं और साथ ही हर बीमारी का इलाज हो सके। यह हॉस्पिटल दिन रात रोगी की सेवाओं में तत्पर है। सभी विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि ये दिन उनके जीवन में बहुत महत्वपूर्ण दिन है।
उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टूडेंट को पूरी जिन्दगी अध्यन, अध्यापन, रिसर्च करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सफल व्यक्ति को निरंतर सीखना पड़ता है। एक अच्छा विद्यार्थी वही होता है जो स्वयं को देश व समाज के लिए समर्पित कर दे। उन्होंने कहा कि मानवीय संवेदना डॉक्टर के जीवन में सबसे आवश्यक है।
वोट ऑफ़ थैंक्स रजिस्ट्रार मयूर रावल द्वारा प्रेक्षित किया गया और कोन्वोकेशन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ उदीची द्वारा किया गया।