GITS में वीएलएसआई और सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी पर फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम
पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम फंडामेंटल एंड रीसेंट एडवांसेज इन वी एल एस आइ एंड सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी का समापन
उदयपुर 10 फ़रवरी 2025। गीतांजलि इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर में पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम फंडामेंटल एंड रीसेंट एडवांसेज इन वी एल एस आइ एंड सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी का समापन समारोह भव्य रूप से संपन्न हुआ।
संस्थान के निदेशक डॉ एस एम प्रसन्ना ने बताया कि इस कार्यशाला के प्रमुख विशेषज्ञों में एनआई लॉजिक, पुणे के निदेशक विनय शर्मा, एचसीएल टेक्नोलॉजी, नोएडा के अंकुर सांगल, ग्रुप मैनेजर, टीमअप, नोएडा के सीईओ, डॉ. सतीश चंद्र तिवारी और मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की विभागाध्यक्षा डॉ शिल्पी बिड़ला, शामिल रहे।
इन विशेषज्ञों ने वीएलएसआई डिज़ाइन, सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी, चिप निर्माण प्रक्रिया एवं भौतिक सत्यापन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करते हुए प्रतिभागियों को विभिन्न वीएलएसआई टूल्स जैसे एफ पी जी ए, डी एफ टी, चिप फिजिकल वेरिफिकेशन एवं चिप मनुफैक्टरिंग प्रोसेस पर विशेष व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र में सरकार द्वारा उठाए जा रहे महत्वपूर्ण कदमों और भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग के भविष्य पर भी चर्चा की।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. प्रदीप सी. गर्ग ने विभाग के विजन को साझा करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण भारत में सेमीकंडक्टर और वीएलएसआई क्षेत्र में कुशल मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने छात्रों को इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
संस्थान के वित्त नियंत्रक बी एल जागीड के अनुसार इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं संस्थानों के विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और शिक्षकों ने भाग लिया। इस कार्यशाला के सफल आयोजन ने शिक्षको एवं विद्यार्थियों को नवीनतम सेमीकंडक्टर तकनीकों से अवगत कराने के साथ-साथ इस क्षेत्र में भारत की संभावनाओं को समझने का अवसर भी प्रदान किया।
कार्यशाला के संयोजक डॉ. विजेंद्र कुमार मौर्य और डॉ. अनुराग पालीवाल रहे, वहीं, डॉ. आरती शर्मा और संदीप चंगेरिवाल ने कार्यक्रम सचिव के रूप में अहम भूमिका निभाई। पूरे कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन असिस्टेंस प्रोफेसर शैलजा राणावत. द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।