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प्रदेश में फर्स्ट व सेकण्ड ईयर के छात्र होगें प्रमोट, फाईनल की होगी परीक्षा 

फाइनल या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई के अन्तिम सप्ताह या अगस्त के प्रथम सप्ताह से ऑफलाइन आयोजित

 

उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रश्न-पत्रों में यूनिट की बाध्यता हटाते हुए परीक्षा की अवधि 3 घंटे के स्थान पर प्रति प्रश्न-पत्र डेढ़ घण्टे की रखी जाएगी

राजस्थान सरकार द्वारा यूजीसी की गाइडलाइन, सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय तथा विभागीय समिति के सुझावों को ध्यान में रखते हुए यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में सत्र 2020-21 की परीक्षाओं को करवाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है।

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में ग्रेजुएशन थर्ड ईयर या फाइनल ईयर तथा फाइनल या टर्मिनल सेमेस्टर की परीक्षाएं जुलाई के अन्तिम सप्ताह या अगस्त के प्रथम सप्ताह से ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी। इनके परिणाम 30 सितम्बर, 2021 तक जारी किये जाएंगे। वहीं ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर के विद्यार्थियों को 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक देकर अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। ग्रेजुएशन द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को अस्थाई आधार पर अगली कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा

मंत्री भाटी ने बताया कि जिन कोर्सेज/संकाय/विषयों में विद्यार्थियों की संख्या कम है और यूनिवर्सिटी के पास पर्याप्त संसाधन हैं, उनकी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड पर करवाई जा सकती हैं। इसी प्रकार व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं सेमेस्टर पद्धति के पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं भी ऑनलाइन मोड पर आयोजित करवाई जाएंगी। उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि प्रश्न-पत्रों में यूनिट की बाध्यता हटाते हुए परीक्षा की अवधि 3 घंटे के स्थान पर प्रति प्रश्न-पत्र डेढ़ घण्टे की रखी जाएगी। इसके साथ प्रश्न-पत्रों में दिए गए प्रश्नों को अनुपातिक रूप से 50 प्रतिशत हल करने का विकल्प दिया जायेगा। जिन विषयों में दो अथवा तीन प्रश्न-पत्र होते है। सभी पेपर एक ही पारी में करवाए जाएंगे। जरुरत पड़ने पर परीक्षा केंद्र बढ़ाए जाएंगे।