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MLSU - प्रबंध अध्ययन संकाय के एमबीए विद्यार्थियों का इंडक्शन प्रोग्राम एवं पुस्तक विमोचन

"आज के विद्यार्थी भविष्य के कुशल प्रशासक और प्रबंधक बने, मेरी शुभकामनाएं" - कुलपति प्रोफेसर अमेरिका सिंह

 

कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता चाहे वह घरेलू काम हो या कॉर्पोरेट जगत के कार्य

प्रबंध अध्ययन संकाय के सभागार में एमबीए फ्रेशेर्स का इंडक्शन प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। निदेशक प्रोफेसर हनुमान प्रसाद ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए एमबीए, एमबीए एफएसएम, एमबीए इ बिज़नेस के विद्यार्थियों को भविष्य की शुभकामनाएं दी तथा बताया कि किसी विश्वविद्यालय को सर्वोच्च होने के लिए 3ए की आवश्यकता होती है, केडमिकस, क्रीडिशन एवं क्सेसिबिलिटी। उन्होंने कहा कि मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय इन तीनों ही में सर्वोत्तम है अतः विद्यार्थियों को प्रवेश हेतु बधाई दी।

इसके अतिरिक्त उन्होंने विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि जिस तरह बाज़ बारिश के दौरान भी अन्य पक्षियों की तरह छांव ना ढूंढ कर बारिश करने वाले बादलों से भी ऊपर उढ़ते हुए स्वतंत्र विचरण करता है, उसी प्रकार हमारे विद्यार्थियों को भी समस्याओं को एक अलग तरह से बेहतरीन नवाचार करते हुए समाधान ढूंढना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर अमेरिका सिंह ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए उन्हें सदैव प्रसन्न रहते हुए शिक्षा में पारंगत होने के लिए प्रेरित किया तथा उन्होंने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, चाहे वह घरेलू काम हो या कॉर्पोरेट जगत के कार्य हो। विद्यार्थी को सभी जगह अपनी पूर्ण क्षमता के साथ कार्य करना चाहिए। वे विश्वविद्यालय के भविष्य हैं एवं  विश्वविद्यालय का भविष्य निर्माण उन्हीं की गुणवत्ता पर निर्भर करता है।

इस अवसर पर उनके कर कमलों से एकेडमिक एसोसिएशन ऑफ कॉमर्स एंड मैनेजमेंट की प्रथम एडिटेड बुक कंटेंपरेरी इश्यूज इन कॉमर्स एंड मैनेजमेंट शोध पुस्तक एवं एंटरप्रेन्योर डेवलपमेंट सेल, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक एंटरप्रेन्योरशिप ड्यूरिंग चैलेंजिंग टाइम का विमोचन किया गया।  प्रोफेसर अनिल कोठारी ने विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए प्रबंध के नए आयामों के बारे में जानकारी दी। प्रो. मीरा माथुर ने विद्यार्थियों के साथ संवाद करते हुए बताया कि कोविड समय के दौरान भी वर्क फ्रॉम होम तथा कॉर्पोरेट जगत ने सीएसआर एक्टिविटीज़ के तहत बहुत से नवीन अवसर पैदा किए हैं। डॉ. सचिन गुप्ता द्वारा पुस्तक के विभिन्न शोध पत्रों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जून माह में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के बेस्ट पेपर्स को प्रस्तुत पुस्तक में शामिल किया गया है।