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अब यूरोपियन और दूसरे एशियाई देशों में बढ़ रहा है भारतीय छात्रों का रुझान

उदयपुर से हर साल 800 स्टूडेंट्स विदेश पढ़ाई का रुख अपनाते हैं

 

उदयपुर,18 जनवरी। भारत से हर साल विदेश अध्ययन के लिए बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं विदेशों की तरफ रुख करते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि वह कौन से देश हैं जहां भारतीय छात्र जाना सबसे अधिक पसंद करते हैं। अलग-अलग कोर्सेस करने के लिए छात्र-छात्राएं का विदेशों में रुझान बढ़ा है। जानकारी के अनुसार उदयपुर से हर साल 800 छात्र-छात्राएं पढ़ाई के लिए विदेशों की यूनिवर्सिटी में जाते है, और वहाँ पर शिक्षा पा रहे हैं। 

फॉरेन एजुकेशन कंसल्टेंट और एक्सपर्ट दीपेश पानेरिया बताते हैं कि टेक्नोलॉजी व मैनेजमेंट में अन्य देश हमसे कई आगे हैं। वहां की यूनिवर्सिटीज हमारे आईआईटी और आईआईएम से बेहतर हैं। यूएस के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट के सहयोग से इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन (आईआईई) की हाल ही में जारी हुई ओपन डोर्स रिपोर्ट के मुताबिक पढ़ाई के लिए छात्र-छात्राएं सबसे ज्यादा अमेरिका जाना पसंद करते हैं। इंडिया से पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या में 63 फीसदी यानी 1.65 लाख का इजाफा हुआ है। 

इंडिया में इसका खर्च विदेश की तुलना में दोगुना होता है

इनमें से 500 तो सिर्फ मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते है। कुछ उदयपुर के अलावा आसपास के छोटे शहर के स्टूडेंट्स ज्यादा हैं। ये रूस, कजाकिस्तान, चाइना, किर्गिस्तान ज्यादा जाते हैं। वहां 6 साल का कोर्स होता है, जो 20 से 35 लाख रुपए में पूरा हो जाता है। इसके बाद वहीं एक साल की ट्रेनिंग होती है। जबकि इंडिया में यह कोर्स साढ़े चार साल में होता है। इसका खर्च विदेश की तुलना में दोगुना होता है। फिर प्रैक्टिस के लिए फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जामिनेशन (एफएमजीई) एग्जाम क्लियर करना होता है। इसके बाद यहां का लाइसेंस इश्यू होता है। यही वजह है कि छात्र-छात्राएं विदेशों का रुख कर रहे हैं।

यूएसए-कनाडा के बाद अब एशियाई और यूरोप के अन्य देशों में भी इंडिया के स्टूडेंट्स जा रहे हैं। पोलेंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, दुबई, सिंगापुर जैसे देशों में भी अलग-अलग कोर्सेस के लिए स्टूडेंट्स का रुझान बढ़ा है।