गिट्स में ‘‘हाईब्रिड रिन्युएबल एनर्जी स्टेण्ड एलोन’’ पर एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
गीतांजली इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज डबोक उदयपुर (गिट्स) में इलेक्ट्रिकल इन्जिनियरिंग के तत्वाधान में ‘‘हाईब्रिड रिन्युएबल एनर्जी स्टेण्ड एलोन’’ पर एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया।
संस्थान के निदेशक डाॅ. विकास मिश्र ने बताया कि तकनीकी हमारे जीवन की महत्वपूर्ण अंग बन चुकी हैं। खासकर हम यदि पावर तकनीकी की बात करे तो चाहे वह घरेलु उपकरण हो, चाहे वह औद्योगिक उपकरण हो सब पावर पर निर्भर हैं। बिना पावर के हम आधुनिक जगत की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इतने आधुनिक होने का दावा करने के बावजूद हम आज जिवाश्म पर निर्भर हैं।
शने-शने जीवाश्म ईधन खत्म होने के कगार पर हैं। ऐसे में हाईब्रिड रिन्युएबल एनर्जी ही हमें इस समस्या से निजात दिला सकती हैं। हाईब्रिड रिन्युएबल एनर्जी तकनीक में एक से अधिक ऊर्जा उत्पादन स्त्रोतों का एक दूसरे के साथ एकीकृत किया जाता हैं।
विद्यार्थियों के अन्दर अभी से ही हाईब्रिड रिन्युएबल एनर्जी के प्रति जागरूक करने के लिए डाॅ. अमरीश चन्द्र (प्रो. यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्यूबेक, कनाडा) को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था।
अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि ने अपने विद्यार्थियों को बताया की हवा, पानी और सोलर जैसे हाईब्रिड स्त्रोतों के माध्यम से बिजली बनाने का काम किया जाता हैं क्योंकि किसी भी देश का भौगोलिक असमानताओं के कारण कही हमें जल, कही हवा व कहीं पर सूर्य की रोशनी प्रचुर मात्रा उपलब्ध होती हैं। ऐसे में हम तीनों को एक साथ सम्बद्ध करके अक्षय ऊर्जा का उत्पादन करते हैं। हाईब्रिड रिन्युएबल एनर्जी सौर और पवन ऊर्जा के संयोजन से या पवन और जल ऊर्जा के संयोजन से अक्षय ऊर्जा सिस्टम ग्रिड को स्थिरता प्रदान करते हैं। धन्यवाद ज्ञापन विभागाध्यक्ष प्रो. प्रकाश सुन्दरम् तथा कार्यक्रम का संचालन असिस्टेंट प्रोफेसर श्रुति भादविया द्वारा किया गया।
इस अवसर निदेशक आई.क्यू.ए.सी. डाॅ. सुधाकर जिंदल एवं वित्त नियंत्रक बी.एल. जांगिड ने अक्षय ऊर्जा से सम्बन्धित भविष्य की तस्वीर पेश की।