GITS के छात्रों ने किया IIT गांधीनगर का शैक्षणिक दौरा
सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग वर्कशॉप में लिया भाग
उदयपुर 25 अप्रैल 2025। गीतांजलि इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्निकल स्टडीज के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने ई आई आई टी गाँधी नगर में आयोजित दो दिवसीय सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग वर्कशॉप में हिस्सा लिया। यह कार्यशाला सेमी, इएसएससीआई, और आईइएसए सेमीकंडक्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई।
संस्थान के निदेशक डॉ एस एम प्रसन्ना कुमार ने बतया कि भारत आज सेमीकंडक्टर की दुनिया नए नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। दुनिया भर में इस समय सेमीकंडक्टर का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। यदि सिर्फ भारत की बात करें तो साल 2026 तक इसका बाजार 80 अरब डॉलर का होगा। अनुमान है कि साल 2030 तक यह 110 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा।
इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को सेमीकंडक्टर निर्माण प्रक्रिया की संपूर्ण जानकारी देना था। 2 दिनों के इस गहन प्रशिक्षण में छात्रों ने आई सी फैब्रिकेशन वर्कफ़्लो को बारीकी से समझा, जिसमें लिथोग्राफी, एचिंग, डोपिंग और डिपॉज़िशन जैसी प्रमुख प्रक्रियाएँ शामिल थीं।छात्रों ने क्लीन रूम एनवायरनमेंट और सेफ्टी मेज़र्स का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया, जो सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन लैब में कार्य करते समय अनिवार्य होते हैं।
कार्यशाला में लीन मैन्युफैक्चरिंग की अवधारणाओं पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला गया, जो वेफर प्रोसेसिंग और संसाधनों के कुशल उपयोग में सहायक होती हैं। इसके अलावा, प्रतिभागियों ने वायर बॉन्डिंग और डिवाइस पैकेजिंग तकनीकों के साथ-साथ थिन फिल्म डिपॉज़िशन में प्रयुक्त विभिन्न प्रकार के वैकुम्स पंप्स की कार्यप्रणाली और उनकी भूमिका को भी समझा।
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ प्रदीप गर्ग के अनुसार इस 2 दिवसीय कार्यशाला में डॉ विजेंद्र कुमार मौर्या के संयोजन में इलेक्ट्रॉनिक्स के कुल 30 विद्यार्थिओं ने भाग लेकर सेमीकंडक्टर मनुफैचरिंग के गुण सीखे।
इस अवसर पर वित्त नियंत्रक बी एल जागीड ने कहा कि इस शैक्षणिक भ्रमण ने छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान को न केवल मजबूत किया, बल्कि उन्हें सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के नवीनतम तकनीकी रुझानों से भी रूबरू कराया।